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Manjeet Sharma 'Meera'
"मोतियाबिंद" . पापा की आंखों में जब से उतरा है दुखों का मोतिया मेरी आंखों की रोशनी हो गई है और तेज जो काट देना चाहती है उसे परत दर परत। . दुखों का मोतिया मोहताज नहीं है उम्र का अचानक आ धमकता है जीवन के किसी भी मोड़ पर यों डेरा डाल लेती हैं झुर्रियां जवान विधवा के चेहरे पर। . मोतिया चाहे आंख का हो या दुखों का कुछ नहीं सूझता इसमें लेकिन मेरी आंखों की तेज होती रोशनी जब छूकर लौटती है मोतियाबिंद की आंख ना जाने कैसे दिखने लगता है पापा को हर बिंब साफ-साफ। :) :) :) मोतियाबिंद
मेरेअंतर्मनसे
सवाल यह नहीं है कि मेरे नयनों में मोतीझरा था ! अगर मेरी किस्मत अच्छी थी तो रास्ते में गड्ढा क्यूँ पड़ा था ? #mereantarmanse मोतियाबिंद = मोतीझरा = cataract
मेरेअंतर्मनसे
Hasanand Chhatwani
है नियरे सूझे नहीं धृग धृग ऐसी ज़िद। तुलसी इस संसार को हुआ मोतियाबिंद है नियरे सूझे नहीं धृग धृग ऐसी ज़िद। तुलसी इस संसार को हुआ मोतियाबिंद
JALAJ KUMAR RATHOUR
आती है जब भी याद तुम्हारी, आंखें नम होती हैं हमारी। बताओ यार,ये मोहब्बत का उसूल है, या फिर मुझे हुई है, मोतियाबिंद की बीमारी। ..#जलज कुमार ©JALAJ KUMAR RATHOUR आती है जब भी याद तुम्हारी, आंखें नम होती हैं हमारी। बताओ यार,ये मोहब्बत का उसूल है, या फिर मुझे हुई है, मोतियाबिंद की बीमारी। ..#जलज कुमार
Ravendra
सुसि ग़ाफ़िल
फिके रंग टूटे पलंग बस मेरे हिस्से में आए टूटी पत्ती सूखे घास मुझे जीने का सलीका सिखाए रंग बेरंग सफेद आंखें मोतियाबिंद से घबराए खामोश आंखें के नीचे काले धब्बे मुझे गहरा दुख बतलाए तमाम घड़ी गहरी बातें दिल के दरिया में उतार दी मैंने पल पल कटे सदियों सा मुरझाए हुए चेहरे कैसे खुश आए पुस्तकों के मेले में एक पन्ना ढूंढूँ मैं मुझे वो पन्ना नजर ना आए सुशील सिमरन करता रहता है वो पल जिसमें सिर्फ तुम मेरी नजर आए | फिके रंग टूटे पलंग बस मेरे हिस्से में आए टूटी पत्ती सूखे घास मुझे जीने का सलीका सिखाए रंग बेरंग सफेद आंखें मोतियाबिंद से घबराए
Vikas Sharma Shivaaya'
✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 *ग्रह और शरीर के अंग* चिकित्सा ज्योतिष के अनुसार, ज्योतिष के नौ ग्रह शरीर के विभिन्न अंगों से जुड़े हैं। चिकित्सा ज्योतिष के अनुसार ग्रहों और संबंधित शरीर के अंगों और उनसे जुड़ी बिमारियां निम्न प्रकार हैं ---- *सूर्य* सूर्य हृदय, रीढ़ की हड्डी, पाचन तंत्र, हड्डी संरचना, रक्त, पित्ताशय को नियंत्रित करता है। इससे व्यक्ति तेज बुखार, मानसिक रोग, जोड़ों के विकार, हृदय की परेशानी, गंजापन आदि से पीड़ित हो सकते हैं। *चन्द्रमा* चंद्र अंडाशय, भावनाओं, शरीरिक तरल पदार्थ, स्तन, टॉन्सिल, लसीका, ग्रंथियों आदि को नियंत्रित करता है। चंद्रमा की कमजोर स्थिति मुंह, तिल्ली, गर्भाशय, तंत्रिका संबंधी विकार, सुस्ती आदि से संबंधित बीमारियों का कारण बनती है। *मंगल* मंगल पित्त को नियंत्रित करता है। मंगल धमनियों, प्रजनन प्रणाली, दांत, नाखून, बाल, आंत और नाक को कवर करता है। कमजोर शुक्र जलने, फ्रैक्चर, घाव, त्वचा पर चकत्ते, ट्यूमर, टाइफाइड आदि का कारण बनता है। *बुध* बुध वात पर शासन करता है। पित्त और कफ। बुध मस्तिष्क, श्वसन प्रणाली और तंत्रिकाओं को नियंत्रित करता है। इसकी कमजोर स्थिति गैस्ट्रिक जूस, हाथ, भुजा, गर्दन के निचले हिस्से, नपुंसकता, सिर चकराना आदि से संबंधित विकारों का संकेत देती है। *बृहस्पति* गुरु लीवर, गुर्दे, मस्तिष्क, तिल्ली आदि का कारक है। कमजोर बृहस्पति कान, मधुमेह, अग्न्याशय, याद्दाशत आदि से संबंधित बीमारियों का कारण बनता है। *शुक्र* शुक्र वात और कफ को नियंत्रित करता है। यह पाचन तंत्र, किडनी, प्रजनन प्रणाली, यौन अंग, त्वचा, गले आदि को नियंत्रित करता है। कमजोर शुक्र मूत्र मार्ग, एनीमिया, मूत्राशय, मोतियाबिंद, नपुंसकता आदि से संबंधित रोगों और व्याधियों का कारण बनता है। *शनि* शनि वात (गैस), त्वचा, नसों, हड्डियों और कंकाल को नियंत्रित करता है। शनि के प्रभाव से शारीरिक कमजोरी, पेट दर्द, अंधापन, बहरापन आदि होता है। *राहु* राहु पैर, गर्दन, फेफड़े, श्वास आदि यह वात और कफ को नियंत्रित करता है। प्रभावित राहु के कारण मोतियाबिंद, अल्सर, सांस लेने की समस्या, हकलाना, तिल्ली की समस्या आदि हो जाते हैं। *केतु* केतु पेट और पंजों को नियंत्रित करता है। कमजोर और दुर्बल केतु कान की समस्याओं, आंखों के रोग, पेट दर्द, शारीरिक कमजोरी व अन्य परेशानियों का कारण बनता है॥ 🙏अपनी दुआओं में याद रखियेगा 🙏बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....! 🙏सुप्रभात 🌹 आपका दिन शुभ हो विकास शर्मा'"शिवाया" 🔱जयपुर -राजस्थान 🔱 ©Vikas Sharma Shivaaya' ✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 *ग्रह और शरीर के अंग* चिकित्सा ज्योतिष के अनुसार, ज्योतिष के नौ
Shashi Aswal
इंतजार... (Read in caption) ये कविता पहाड़ों की सच्चाई को उजागर करती हुई। जो कि कड़वा सच है। वो जो दरवाजे पर है बैठी जैसे जिंदगी हो उससे रूठी आँखें है सुनसान राहों को