Find the Latest Status about विकास क्या है from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, विकास क्या है.
SK Poetic
आज का सबसे बड़ा सवाल क्या सच में देश का विकास हुआ है ?और अगर हुआ है तो कितना हुआ है? 1- विकास किसे कहते हैं? उत्तर- 'विकास' एक निरंतर गतिशील प्रक्रिया है,जो जीवन के हर क्षेत्र में उच्चतर स्थिति को प्राप्त करने का लक्ष्य रखती है। विकास शब्द का अर्थ संकुचित ना होकर व्यापक है।साधारण शब्दों में विकास का अर्थ प्रगति,उन्नति,अच्छा जीवन, कल्याणा आदि है।विकास शब्द का संबंध समाज के प्रत्येक पहलू से है। 2- क्या सच में भारत का विकास हुआ है,और अगर हुआ है तो कितना हुआ है? उत्तर- भारत का विकास अन्य देशों के मुकाबले थोड़ी धीमी गति से चल रहा है।लेकिन वर्तमान विकास की दर में थोड़ी तेजी देखने को मिली है। आजादी के पहले भारत के आर्थिक स्थिति बड़ी दयनीय थी।परंतु आजादी के बाद और संविधान लागू होने के बाद 1951 से भारत ने अपने आर्थिक सुधार में काफी वृद्धि की है।पिछले 70 सालों में भारत ने प्रत्येक क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है। भारत ने अपने आप को आत्मनिर्भर भारत बनाने का पूरा प्रयत्न किया है। भारत प्रत्येक क्षेत्र में जैसे शिक्षा, उद्योग, बिजनेस,कृषि क्षेत्र,चिकित्सा,सुरक्षा बल, तकनीकी आविष्कार, इत्यादि के क्षेत्र में निरंतर बढ़ोतरी की है ।और भारत नेविज्ञान और तकनीकी के सदुपयोग से डिजिटल भारत जैसे अभियानों से प्रत्येक गांव एवं बस्ती में लोगों तक आधुनिक संचार की सुख -सुविधाएं प्रदान की है। वित्त वर्ष 2020 -21 में देश की जीडीपी 7.3% गिर गई थी, देश की विकास दर वित्त वर्ष 2021-22 में 9.2% रहने का अनुमान है। पिछले वित्त वर्ष 2020- 21 में कोविड-19 महामारी और उसके रोकथाम के लिए लगाए गए सख्त 'लॉकडाउन' से जीडीपी ग्रोथ रेट में 7.3 प्रतिशत की गिरावट आई थी। इस बेस इफेक्ट के कारण इस साल विकास दर बढ़ी दिख रही है। एनएसओ का यह अनुमान भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के 2021-22 के लिए जताए गए 9.5 प्रतिशत जीडीपी ग्रोथ रेट के अनुमान से कुछ कम है। एनएसऒ ने एक बयान में कहा," कांस्टेंट प्राइस पर रियल जीडीपी (Real GDP)2021-22 में 147.5 4 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान है। जबकि 31 मई ,2021 को 2020-21 के लिए जारी प्रोविजनल स्टीमेट में यह 135.13 लाख करोड़ रुपए था।इस तरह 2021 -22 में रियल जीडीपी ग्रोथ रेट 9.2% रहने का अनुमान है ।जबकि 1 साल पहले 2020-21 में इसमें 7.3% की गिरावट आई थी।" एक तरह से कहा जा सकता है कि देश विकास की ओर बढ़ रहा है पर विकसित होने में से समय लगेगा। ©S Talks with Shubham Kumar क्या सच में देश का विकास हुआ है? #fog
sonu
आपको पता है आप जितने पैसे हर महीने खर्च करते हो उतने पैसे हम किसान 6 माह में सिर्फ देख पाते है और कभी कभी तो बो भी नही कर्ज लेके खाना पड़ता लेकिन किसीको क्या फर्क पड़ता है हम किसान है कोई सेलिब्रिटी नही😭😭 ©sonu देश का विकास किसान के विनाश से संभब है क्या
REETA LAKRA
सर्वांगीण विकास अपने विकास के लिए स्वयं करो प्रयास। शारीरिक विकास का रखो ध्यान, खेलकूद, अभ्यास, कसरत 🤸♂️ बौद्धिक विकास पर रहे अवधान, करो मनन चिन्तन योग और ध्यान भावनात्मक रूप से रहो सुदृढ़ - अडिग सुख, दुख, हर्ष, विषाद, लोभ, क्रोध, प्यार और ईर्ष्या रखो स्ववशे कभी भी नहीं जाए डिग। आध्यात्मिक विकास से हटे न ध्यान, आए जहाँ से वहाँ है जाना.,., कभी न करो तिरस्कार.... कभी न करो आत्मा को विस्मृत। तभी तो होगा आपका मेरा हम सबका शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक, आध्यात्मिक जो कहलाएगा सर्वांगीण विकास। आइए हम विकास की बात करें। चौतरफा विकास। इसके लिए क्या करें, क्या नहीं। #your quote reeta #
पूर्वार्थ
अखबारों में पढ़ा था,देश अब पहले वाला नही रहा। इश्तहारों में भी मढ़ा था,विकास हर छेत्र में हो रहा। न्यूज चैनल वालों ने,विकास का स्वरूप बताया था। गरीब अब कोई रहा नही,चित्र कुछ ऐसा बनाया था। सुना था मुल्क का,विदेशों में अब सम्मान बढ़ा है। सेना का भी बहुत,गौरव और अभिमान बढ़ा है। सुना था ये भी हमने,अर्थव्यवथा में हुआ सुधार है। मुल्क पर हमारे,नहीं किसी का अब उधार है। सुना था ये भी ,की रोजगार खूब मिल रहा। दिल युवाओं का भी,अब खुशी से खिल रहा। फिर ये कौन लोग हैं जो,बेवजह सड़कों पर घूम रहे। ये कहां से आए हैं जो,धूल सड़कों की चूम रहे। सिग्नल पर भीख मांगते,ये बच्चे कहां से आ जाते हैं। देश की सुंदरता पर,बट्टा आखिर क्यों ये लगाते हैं। क्यों किसान हमारे,सड़कों पर डेरा डाल पड़े है। जब इतना विकास हुआ तो,बेवजह किस बात पर अड़े हैं। क्यों आत्महत्या लोग कर रहे,क्यों भूख से बच्चे मर रहे। क्यों बेरोजगारी का आलम है,क्यों युवाओं के चहरे पर मातम है। क्यों हमारे सैनिकों के,शीश काट दुश्मन ले जाता है। कभी पठानकोट कभी पुलवामा,के जरिए दहशत अब भी फैलता है। क्यों सरकारी संपत्ति,को बेचने की इतनी जल्दबाजी है। क्यों निजीकरण के लिए,हो रही इतनी आतिशबाजी है। ये कैसे विकास है,जो रोजगार की दर कम कर रह। ये कैसे तरक्की है,की महंगाई का दर रोज़ बढ़ रहा। ये कैसी खुशहाली है,की कोई खुश अब लगता नहीं। ये कैसा विकास है,की जीवन में हमारे दिखता नहीं। ©purvarth #ये कैसा विकास है