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Chandannegi_
न जाने किधर मंजिल है? न जाने किधर हम जा रहे क्या जाने किधर मंजिल है क्या जाने किधर हम जा रहे ©Lekhak/लेखक न जाने किधर मंजिल है? न जाने किधर हम जा रहे क्या जाने किधर मंजिल है क्या जाने किधर हम जा रहे #fog
Neel
जो कहने से बात सच हो जाती - तो कह देते हम, यहॉं तो फासले बहुत हैं - मिटाने किधर जाते हम। परछाइयों के पीछे भागोगे - रुसवाई ही मिलेगी, जो तेरे दिल से उतर जाते - तो किधर जाते हम। ये वो अहसास हैं जो रूह में - बसते हैं मेरे, जो तेरा साथ न मिलता - तो किधर जाते हम। ये चाहतों का दरिया है - किस कदर डूब जाते हम, जो तुम आगाज़ न करते - तो किधर जाते हम। निभाने की ज़िद में - जाने कितने कत्ल हो गए, जो तुम इज़हार न करते - तो किधर जाते हम। इन आँखों में जो डूबा है - सितारा नसीब का, जो तुम राह न दिखाते - तो किधर जाते हम। इन चाहतों के भी अपने - रँग होते हैं साहेब, अगर तुम इसरार न करते - तो किधर जाते हम। कितने बेदर्द हो - अहसान इसे कहते हो, गर तेरा साथ न मिलता - तो किधर जाते हम। बहुत भटके हैं मंज़िल जो - मिल गयी है हमें, तुम अगर साथ न चलते - तो किधर जाते हम। जो लफ्ज़ों से बयाँ करते तो - मोल क्या रहता इनका, जो निगाहों से न समझते - तो किधर जाते हम। कभी पलकों का झुकाना भी - समझ जाया करो, जो तुम इकरार न करते - तो किधर जाते हम। रूबरू होते तो गिला क्या करते .......... जो तुम हमें प्यार न करते तो किधर जाते हम !! 🍁🍁🍁 ©Neel किधर जाते हम 🍁
Monti rathoer
"जाना किधर था ना जाने किधर बढ़ रहा हूं, दूसरों की किस्मत लिखनी थी खुद की लकीरे पढ़ रहा हूं, गुस्सा सबसे हूं पर खुद से लड़ रहा हूं, हासिल तो नहीं किया कुछ पर पता नहीं क्या खोने से डर रहा हूं, इन धड़कनों पर मत जाओ यारों जिंदा हूं, पर अंदर से मर रहा हूं..! ©Monti rathoer #जाना किधर था ना जाने किधर बढ़ रहा हुए## #Nofear
Rehan Raza Qadri
साद ग़ज़ल आँखों के इंतज़ार को दे कर हुनर चला गया; चाहा था एक शख़्स को जाने किधर चला गया; दिन की वो महफिलें गईं, रातों के रतजगे गए; कोई समेट कर मेरे शाम-ओ-सहर चला गया; झोंका है एक बहार का रंग-ए-ख़याल यार भी; हर-सू बिखर-बिखर गई ख़ुशबू जिधर चला गया; उसके ही दम से दिल में आज धूप भी चाँदनी भी है; देके वो अपनी याद के शम्स-ओ-क़मर चला गया; कूचा-ब-कूचा दर-ब-दर कब से भटक रहा है दिल; रेहान को भुला के राह वो अपनी डगर चला गया। न जाने किधर चला गया
Mahesh Kumar
करो कोशिश तुम ऐसे, सफ़लता तुमको मिल जाये। सफ़लता तुमको मिल जाये।
Saani
मिले तुमको हर एक ख़्वाहिश तुम्हारी। खुशियों से भर जाये, दामन तुम्हारी।। ये अलग बात है कि,मैं तेरा हमराह नहीं। फिर भी तुमको, लग जाये उम्र हमारी।। (saani) लग जाये तुमको उम्र हमारी।