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Laddu ki lekhani Er.S.P Yadav
तोड़ देते है,विशाल पर्वत भी अगर बात मोहब्बत में वफादारी का हो.. टुट जाते है,हर इम्तिहान का रिकार्ड अगर बात दिल टुटे बिहारी का हो.. ..laddu ki lekhani.. ©Laddu ki lekhani Er.S.P Yadav माझी शादी में जरूर आना
Prince Singh Rana
बेवफावों की महफ़िल लगेगी, जरा वक्त से पहुंचना .. मेहमाने खास हो तुम।। महफ़िल में आना जरूर।।
Ashish Yadav
उस रात के बाद हर रात मुस्कुराऊंगा, जिस रात तुम्हारी शादी में आऊंगा। और बुलाना जरूर तुम मुझे अपनी शादी में, ज्यादा नहीं तो एक निवाला तो जरूर खाऊंगा। और उस वक्त आंसू भी छिपाऊंगा, जब तुम्हे लाल जोड़े में देखूंगा। उस पल हर चीज भुला दूंगा, जिस पल तुम्हे किसी और संग देखूंगा । तुम्हारे लिए सब आसान कर जाऊंगा, तुम्हारी बिदाई से पहले मैं दुनिया छोड़ जाऊंगा। तुम्हारे कीमती आंशुओ को मैं बचाऊंगा, तुम्हारे हिस्से का दुख भी मैं संग ले जाऊंगा। तुम कभी खफा न हो सकोगे, मैं ऐसा काम कर जाऊंगा। तुमको पता तक न चलेगा, और मैं खुदा के पास चला जाऊंगा। ©Ashish Yadav अपनी शादी में जरूर बुलाना #Advance
Sanjeev6616
#Pehlealfaaz तुम दिल में नही सीधे शादी के मंडप में आना।। 😍😍🙈🙈🙈 तुम दिल में नही,, सीधे शादी के मंडप में आना।।
Ek villain
यह फिल्म 26 जनवरी 2022 को दुनिया भर में नाटकीय रूप से रिलीज होने के लिए तैयार थी, भारत के गणतंत्र दिवस के साथ , [7] लेकिन ओमिक्रॉन संस्करण के प्रसार के कारण स्थगित कर दिया गया था , [8] और अंत में 11 मार्च 2022 को नाटकीय रूप से जारी किया गया था। [9] का प्रदर्शन कलाकारों को सम्मोहक के रूप में वर्णित किया गया है, विशेष रूप से खेर की। [13] कश्मीरी पंडितों के लिए सम्मोहक मामला बनाने के लिए आलोचकों द्वारा प्रशंसा की गई, लेकिन कुछ ने फिल्म पर ऐतिहासिक संशोधनवाद का काम होने का आरोप लगाया है और इसे सत्तारूढ़ दल के साथ गठबंधन किया गया प्रचार माना जाता है और इसका उद्देश्य मुसलमानों के खिलाफ पूर्वाग्रह को बढ़ावा देना है । [19] इसे कई राज्यों में कर-मुक्त घोषित किया गया और बॉक्स ऑफिस पर सफल रही। [20] [21]फिल्म 1990 में कश्मीर घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन के आसपास की स्थिति को दर्शाती है। कथानक जेएनयू के एक युवा छात्र कृष्ण पंडित ( दर्शन कुमार ) की कश्मीर यात्रा पर केंद्रित है , जिसे यह विश्वास दिलाया गया था कि उसके माता-पिता एक दुर्घटना में मारे गए थे, जैसा कि उसके दादा पुष्कर नाथ ( अनुपम खेर ) ने बताया था। [22] वह जेएनयू की प्रोफेसर राधिका मेनन ( पल्लवी जोशी ) के प्रभाव में भी थे, जो "कश्मीर के कारण" में विश्वास करती हैं। [22] [23] अपने दादा की मृत्यु के बाद, वह अपने शरीर की राख को कश्मीर ले जाता है, जब उसे अपने माता-पिता की मृत्यु की वास्तविक परिस्थितियों के बारे में पता चलता है, जो कि कश्मीरी विद्रोहियों द्वारा बीके गंजू की हत्या के बाद बनाई गई है। [ए] [22] फिल्म पलायन के आसपास की घटनाओं को " नरसंहार " के रूप में चित्रित करती है, जिसमें कहा जाता है कि हजारों कश्मीरी हिंदुओं का नरसंहार किया गया था, महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया था और बच्चों को गोली मार दी गई थी। विस्थापित परिवारों को आज तक शरणार्थी के रूप में जीवित दिखाया गया है। [14] ©Ek villain #कश्मीर फिल्म जरूर देखें #KashmiriFiles
Shashikant Yadav
😎 आप में से, कोई अगर रामगढ़ की तरफ जा रहा हो तो, गब्बर को बता देना कि 8 मार्च को होली है.. 😉😉🤣😂😁😊. ©Shashikant Yadav गब्बर आना जरूर