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Author Munesh sharma 'Nirjhara'
इश्क़ वो लहर है जिसमें सबको बहना है आज हम बह रहे हैं कल तुमको बहना है! 🌹 ऐसे ही बस 😊 #इश्क़ #लहर #शायरी #yqshayari #love #तुम्हारे_ख़्याल_और_मैं
Deepak Shah (Sw. Atmo Deep)
नज़्म "आख़िर" दास्तान = कहानी। मौज = लहर। #शायरी #nazm #shahnamabydeepakshah #love Read my thoughts on @YourQuoteApp
Suraj Dhunde
वो लहर जो समन्दर से निकली है जाएगी कहां तक बता, बेड़ियों में बंधी है वो बस किनारे तक उसका रास्ता । ©Suraj Dhunde #ArjunLaila #शायरी #लहर
Mahesh Lokhande
लहर लहर तू अभिमानाने तिरंगी झेंड्या नभी डौलाने लहर लहर तू अभिमानाने॥धृ॥ रंग केशरी पराक्रमाचा हिरवा रंग समृद्धीचा पांढर्याच्या निर्मळतेने॥1॥ अशोक चक्रामधून आले गतीमान व्हा शब्द बोलले वंदन घे तू आनंदाने॥2॥ आपण सारे भाऊ भाऊ भांडण मिटवुन एकच होऊ शत्रू पळवु पराक्रमाने॥3॥ मार्ग धरूया प्रगतीचा पुढे नेण्या भारतदेशा गीत गाऊ हे शुध्द मनाने॥4॥ कवी=महेश लोखंडे लहर लहर तू अभिमानाने
Shailendra Singh Yadav
दिल में उठी है एक लहर। कभी आ जाओ दिल केे शहर। शायरः-शैलेन्द्र सिंह यादव #NojotoQuote शैलेन्द्र.सिंह यादव की शायरी दिल में उठी.है एक लहर।
Shahab
मुझे आज तक नहीं समझ आया किसी वायरस को ये कैसे मालूम हो सकता है कि पहली लहर में बूढ़ों को , दूसरी लहर में जवानों को , और तीसरी लहर में बच्चों को मारना है .... विचारणीय बात है , सोचिएगा जरूर !! ©Shahab #लहर
sandhya pandey
लहर उठ रही है बेताबियों के समन्दर भी हैरान ये माजरा देखकर के किसी को पता ही नहीं यहाँ क्या हो रहा है किसी की मोहब्बत लहर बन गई है ।। ©sandhya pandey लहर
Sameer Mansoory
जरा सी लहर क्या रोकी तुम सरहद ही भूल गए, मैं गम-ए-समंदर हूँ लौट के जरूर आऊँगा...।। #लहर...।।
Writer Vikas Aznabi
हम वो नहीं जो किनारे पर खड़े होकर लहरों से डर जाये......... बल्कि हम वो हैं जो बिच समंदर मे खड़े होकर मौत से लड़ा करते हैं........ -------------/!/------------- -विकास अजनवी✍️ #लहर
Geeta Sharma pranay
लहरों के साथ-साथ चलना सीख ही रहें थे, अपनी बाली उम्र में | पर! अचानक एक प्यार की हवा आई,,,,,, और मुझे उसमें बहा ले गई... पर! क्या चाहा और क्या दे गई | एक साहिल का किनारा मिलेगा, तेरे प्यार में, पर! नहीं, वो तो बीच मझधार में ही छोड़ गया. | और साथ में मेरी सारी हँसी-खुशियाँ ,मेरे सपनों को भी बीच मझधार में छोड़ गया | और जिस उम्र में भविष्य बनाने का सुनहरा समय था,, वो सब तेरे प्यार की तरह बीच में ही छूट गये. | बचा भी तो क्या था,, तेरी बातें, तेरी याँदें,,, जो दिल से निकलती ही नहीं थी.. तुम सिर्फ मुझे ही नहीं, मेरे सपनों को भी बीच मझधार में छोड़ कर चले गयें... आज भी कहीं न कहीं मेरे मन को तेरी आस हैं भले ही वह झूठी ही सही.. पर! मेरी मरती-सी उम्मीदों को ज़िंदा कर जाती हैं... गीता शर्मा प्रणय #लहर