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Manish Ojha
जब मस्तिष्क स्वयं से दूर भागने लगे! एक भिन्न प्रतिभा को पहचानने लगे! रात्रि से भोर तक व्यर्थ यूँ ही जागने लगे! और उचित-अनुचित का अन्तर भाँपने लगे! समझो प्रेम हो गया! जब परिश्रम की कठोरता भी कापनें लगे! अनन्तता का अन्त जब शून्यता लगे! असफलता शब्द जब व्यर्थता लगे! प्रायिकता भी जब व्यगयँता लगे! समझो प्रेम हो गया! जब स्वप्न कभी सोने न दें! जब सीमाँ समीप आने लगे! जब विरोधी स्वयं घबराने लगे! और विजयी पताका लहराने लगे! समझो प्रेम हो गया! अपने कर्म से, अपने लक्ष्य से , स्वयं से! !! हाँ प्रेम हो गया! !!!!!!!!!!!!!!! ----मनीष प्रेम हो गया!
OMG INDIA WORLD
एक कंजूस लड़के को कंजूस लड़की से प्रेम हो गया। लड़की : जब पिताजी सो जाएगें तो मै गली में सिक्का फेंकूंगी आवाज सुनकर तुरन्त अन्दर आ जाना। (लेकिन लड़का सिक्का फेंकने के एक घन्टे बाद आया।) लड़की इतनी देर क्यो लगा दी??? लड़का :- वो मै सिक्का ढूंढ रहा था। लड़की :- अरे पागल वो तो धागा बाँधकर फेका था, वापस खिच लिया। ©OMG INDIA WORLD #OMGINDIAWORLD एक कंजूस लड़के को कंजूस लड़की से प्रेम हो गया। लड़की : जब पिताजी सो जाएगें तो मै गली में सिक्का फेंकंगी. आवाज सुनकर तुरन्
Anil Ray
हसीं मोहब्बत के लिए कुछ अरमान थे सोचा इकरार प्यार का आज फूल दूंगा उसको.. देख रूबरू मेरी उस हसीं मोहब्बत को फूल के सामने हसीं फूल अब फूल दूं किसको.. मोहब्बत से खूबसूरत इज्जत व खुशी भूल जिस्म रूह से मिलन अमर कर दूं प्रेम को.. इबादत में जैसे खुदा मिल गया है मुझे झुकाकर सिर अपना रब माना है यारों उसको.. ©Anil Ray 💞🌷जिस्म रूह से मिल गया🌷💞 हँसना-मुस्कुराना लबों का गुनगुनाना बिन मोबाइल ही तुझसे बात करना.. देखकर मुझे दोस्तों! ने पूछ ही लिया अनिल! क्या त
Vandana
एक नदी को प्रेम हो गया था सूखे निर्जर कटीली झाड़ियों से युक्त मरुस्थल रेत में बड़े-बड़े टीलों से,,,, एक नदी को प्रेम हो गया था सूखे इन निर्जर कटीली झाड़ियों से युक्त मरुस्थल स्थान से वहाँ बहना चाहती थी,,,, वहाँ की प्यास बुझाना चाहती थी,,,, ह
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
रखकर एहसास को तेरे एहसास के साथ गुजिश्ता उम्र गुज़ारी बड़ी उल्फत साथ//१ हो गया ये किस्सा भी मुख्तसर,दफ्न के साथ फिर न रहा ये रिश्ता जज्बात के साथ//२ अब कहाँ*अद्ल का रिश्ता रहा गरीब के साथ जंजीर में जकडे गए,वो*सदाकत के साथ//३ मैने जिनको अपना समझा उनको ही गैरो में पाया मेरी अबतक नही बनी ऐसे *दोगले_मुखालेफत के साथ//४ ऐ*कातिबे_तकदीर,इतना तो करम करदे,कि नफरत का*इजाला हो जाए,मुहब्बत के साथ//*५ ShsmawritesBebaak ©shamawritesBebaak #Saferindia रखकर एहसास को तेरे एहसास के साथ*गुजिश्ता उम्र गुज़ारी बड़ी*उल्फत साथ//१ *गुजरी हुई*प्रेम हो गया ये किस्सा भी *मुख्तसर,दफ्न के सा
Pnkj Dixit
#OpenPoetry 🌷 प्रेम 🌷 " प्रेम समर्पण चाहता है।" "मैं" में "हम" बनकर जीओ । जीवन में स्वर्गिक आनन्द की अनुभूति होती रहेगी । शरीर शारीरिक अहसास भी चाहता है लेकिन इसका अर्थ यह नहीं कि शरीर से ही प्रेम हो जाता है बल्कि प्रेम और अधिक प्रगाढ़ हो जाता है । उन छोटी-छोटी बातों को अनसुना करना पड़ता है जो रिश्ते पर चिंगारी का काम करती है। अगर मैं आपसे कहूँ कि मुझे आपसे प्रेम हो गया है और आपको चाहने लगा हूँ और "पाना" चाहता हूँ , तो ये मेरी मूर्खता है .. । यदि मुझे आपको "प्राप्त" करना है तो मुझे पूर्ण आत्मीयता के साथ आपसे प्रेम करना होगा । निस्वार्थ भाव से ... ताकि आप स्वयं ही मेरे प्रेम में प्रेममय होकर स्वयं को मुझे समर्पित कर दे ,बिना किसी हिचकिचाहट के .. । वाणी और मन की कड़वाहटों पर .... पूर्ण विराम । प्रेम में अर्द्ध विराम ; ... ताकि फिर से .... प्रेम २२/०७/२०१९ 🌷👰💓💝 ...✍ कमल शर्मा'बेधड़क' 🌷 प्रेम 🌷 " प्रेम समर्पण चाहता है।" "मैं" में "हम" बनकर जीओ । जीवन में स्वर्गिक आनन्द की अनुभूति होती रहेगी । शरीर शारीरिक अहसास भी चाहत
Amit Mishra
'धरोहर' (Read in caption) धरोहर.. हाँ यही नाम दिया है मैंने तुम्हारी यादों और तुम्हारे वादों को... यादों की अलमारी में मैंने रखे हैं वो सारे पल जो हमने साथ बिताए थे
JALAJ KUMAR RATHOUR
यार कॉमरेड, आज जब सुबह उठा तो मकर संक्रान्ति का मेसेज पाया मोबाइल में।दिमाग वहीं घूम गया बचपन की उस पहली मुलाकात पर,सबको चार चार तिलकुट देता हुआ मैं,तुम्हे अचानक दो तिलकुट ज्यादा दे गया था।अक्सर होता है हम चाहे कितनी भी कोशिश कर ले प्रेम का पलड़ा हमेशा एक तरफ थोड़ा ज्यादा झुक ही जाता है।जैसे मां बाप चाहे कितना भी कहे कि उनके सभी बेटे समान है उनके लिए,लेकिन कहीं न कहीं कोई एक बेटा होता है जिसके लिए उनका प्रेम थोड़ा ज्यादा होता है औरों से।उस दिन मुझे भी तुमसे प्रेम हो गया था।पता नहीं क्यूं तुम उन सब आम सी लड़कियों में से मेरे लिए खास हो गई थीं।उस पूस मास के कोहरे से भरे दिन में मेरे शिथिल हाथो ने जब तुम्हारे हाथो का स्पर्श पाया था।उस वक़्त ऐसा प्रतीत हो रहा था कि मकर राशि और सूर्य समीप आ गए हों।क्लास बेल बज गया थीं। सब अपने अपने क्लास में जाने लगे थे। मैं वहीं खड़ा देख रहा था।उस खास शख्स को जिसने मुझे जीवन का सबसे बड़ा लाभ और ह्रास दिया।...#जलज कुमार राठौर ©JALAJ KUMAR RATHOUR यार कॉमरेड, आज जब सुबह उठा तो मकर संक्रान्ति का मेसेज पाया मोबाइल में।दिमाग वहीं घूम गया बचपन की उस पहली मुलाकात पर,सबको चार चार तिलकुट देता
manoj kumar jha"Manu"
पता ही नहीं चला...... शायद वो कोई और बात थी। (कैप्शन में पढ़ें) पिछले जन्मदिन से लेकर इस जन्मदिन पर एक साल कब बीत गया, पता ही नहीं चला। कब तुमसे इतना प्रेम हो गया, जिसे तुम लगाव कह सकते हो, पता ही नही
JALAJ KUMAR RATHOUR
सुनो प्रिय कॉमरेड, मुझे नही पता क्यूँ अचानक तुमने उस दिन मेरा हाथ थाम कर कहा था "कि यार सब मतलब के दोस्त है। " पर तुम्हारी वो बात मैंने बहुत सोची थी उस रात और मन बना लिया था। कि अब तुम्हारी हर खुशी में और गम में तुम्हारा साथ दूंगा और मैंने कोशिश भी कि थी। ये तुम बखूबी जानती हो, पर कुछ कमियां रही जिसकी वजह से तुम्हारे दर्द की मरहम नही बन पाया उनका कारण शायद तुम ना समझ सको,पर वक्त बदल चुका था, कोई और था। जो तुम्हारे दर्द की मरहम बन चुका था,और मैंने तो सिर्फ साथ देने की कसम खायी थी साथ निभाने की नही,पर मैं तुम्हारी खबर उस वक्त भी रखता था जब तुम मुझसे बेखबर रहती थी, पता नही क्यों मेरे दोस्त कहते थे की मुझे तुमसे प्रेम हो गया है, पर क्या किसी के लवो पर मुस्कान लाने की वजह सिर्फ प्रेम हो सकती है मुझे नही पता पर हाँ, तुम्हारे उदास चेहरे ने मुझे दिखाया मेरे आसपास के कई चेहरो को, जिनमे किसी ना किसी ने अपने जिंदगी के महत्वपूर्ण व्यक्ति को खोया था। हर किसी का दर्द, दर्द की एक नई मानक सीमा को तय करता था, वियोग और करूण रस की बीच अंतर ना कर पाने वाली ये दुनिया, सिर्फ व्यक्ति के बाह्य आवरण को देख उसकी संप्रभुत्ता पर प्रश्न कर देती है, मुझे पता है यूँ तुम्हारा मुस्कराना, दर्द को बयाँ करने के नए तरीके का इजाद है, पर तुमसे एक बात कहूंगा मैं कभी नही चाहता की तुम बंधन में रहो, क्युकी तुम मेरी सोच हो, और सोचें आजाद होती है, परंतु सीमाए हर आजादी में होती है, .... #जलज सुनो प्रिय कॉमरेड, मुझे नही पता क्यूँ अचानक तुमने उस दिन मेरा हाथ थाम कर कहा था "कि यार सब मतलब के दोस्त है। " पर तुम्हारी वो बात मैंने बहु