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दिनेश कुशभुवनपुरी
कविता:– “बरखा आई है” रिमझिम प्यार की बरसात, लेकर खुशियों की सौगात, बरखा आई है। समेटने हर जीवों का शूल, करने को ठंडा ठंडा कूल, बरखा आई है। जगाने किसानों का विश्वास, लेकर खुशबू का अहसास, बरखा आई है। देखकर गर्मी की हुंकार, सुनकर पपीहे की पुकार, बरखा आई है। दबाने धूलों का अहंकार, करने गर्मी का संहार, बरखा आई है। करने सब के मन को तृप्त, दूर भगाने सबका तप्त, बरखा आई है। ©दिनेश कुशभुवनपुरी #कविता #बरखा #रिमझिम
meena mallavarapu
भोर का पंछी भोर का पंछी न जाने क्यों आज उदास कर गया वह चहक जो मन को भाती थी आज क्यों आंखें कर गई नम परिन्दों के झुंड उड़ रहे हैं पंख फैलाए आता है ख़याल मन में इस झूंड में से गर छूट जाए पंछी एक मुड़ कर शायद ही देखेंगे बाकी है ज़िन्दगी की रीत यही है उसूल यही परिपक्व मन उदास क्यों हो इस सच्चाई से! भोर का पंछी # कविता
Rooh_Lost_Soul
वो अलसुबह दूर से सुनाई देती, भजन की धुन पल भर बाद ही, कही से आती अजान से होता, उसका संगम । बंद आँखो से फिर से, सोने की तमाम कोशिश करना तब तलक वो नन्ही नन्ही, अनगिनत चिड़ियो की चहचहाट से, घर भर जाना जैसे कुछ बोल रही हो साथ मिलकर , या शायद रोज की तरह आकर अपने दानो को हक़ से है मांग रही कहा जाए वो भी दाना चुगने , हर तरफ तो अब बस रह गए है मकानो के जंगल , मुस्कुराहट चेहरे पर ना जाने क्यू ठहर सी गई, बस पिछ्ले दिन की तमाम उलझनों को सुलझाने की कशमकश मे फिर एक नई भोर हो गई ।।। #NojotoQuote भोर #कविता #poetry #life
NC
हमारा दुख तमाशा किसी और के लिए हमारा सुख हताशा किसी और के लिए ये ज़िन्दगी उलझाए हुए है सबको हमारी खुशी है निराशा किसी और के लिए इक दूजे को पछाड़ने को तत्पर हैं सारे अपने लिए हैं सब चांद और सितारे खुद को खो कर ढूंढ़ते बाहर सहारे सब अंधेरे में व्याकुल भोर के लिए ।। #nojotohindi#sadlife#भोर#कविता#poetry
Choubey_Jii
भोर गगन से गिरती बूँदें ये तन ताजा कर जाती हैं ये चहचहाहट चिड़ियों की मनमोहक राग सुनाती है देर सबेर निकलती किरणें नभ लाल लाल कर देती हैं सूरज की वो प्रथम किरण उमंग हृदय में भर देती है किरणों का जब पुंज कोई स्पर्श काया को करता है अंधियारे की एकाकी से मेरा साया भी निकलता है इन सरसराते पत्तों के संग जब कोयल कूक सुनाई दे जैसे दूर कहीं बजती बंशी मधु मनभावन तान सुनाई दे सच कहूँ तो स्वर्ग धरा पर है देखो नयनों से व उल्लास भरो प्रातःकाल टहलने निकलो असीम आनंदित आभास करो #चौबेजी भोर #चौबेजी #कविता #भोर #nojoto #nojotohindi #poem #morning #goodmorning #nature