Find the Latest Status about आग्नेय शैल क्या है from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, आग्नेय शैल क्या है.
Defence dreammer
अब किस किस सितम की मिसाल दूँ तुमको,,,,, तुम तो हर सितम बेमिसाल करते हो।। ©Defence dreammer शैल
Defence dreammer
घर की दीवारों को गुरूर की छत उनके ऊपर है,,,,,, एक मंजिल और बना जनाब फर्स हो गए।। ©Defence dreammer शैल #touchthesky
स्वरालोक
शैल भी बदलता है एक दिन अपना रूप,रंग ,आकार शनै:शनै: परिवर्तित होता है करता है सपने साकार है परिवर्तन जग कि नियती करो ना करो स्वीकार शैल नहीं निर्जीव पाषाण कभी भी है उसमें भी जीवन का संचार  ©स्वरालोक #शैल#हिंदी#nojotohindi #hills
Ramesh (rs) राजस्थानी....
Hasya शैल चतुर्वेदी एक दिन मामला यों बिगड़ा कि हमारी ही घरवाली से हो गया हमारा झगड़ा स्वभाव से मैं नर्म हूं इसका अर्थ ये नहीं के बेशर्म हूं पत्ते की तरह कांप जाता हूं बोलते-बोलते हांफ जाता हूं इसलिये कम बोलता हूं मजबूर हो जाऊं तभी बोलता हूं हमने कहा-"पत्नी हो तो पत्नी की तरह रहो कोई एहसान नहीं करतीं जो बनाकर खिलाती हो क्या ऐसे ही घर चलाती हो शादी को हो गये दस साल अक्ल नहीं आई सफ़ेद हो गए बाल पड़ौस में देखो अभी बच्ची है मगर तुम से अच्छी है घर कांच सा चमकता है और अपना देख लो देखकर खून छलकता है कब से कह रहा हूं तकिया छोटा है बढ़ा दो दूसरा गिलाफ चढ़ा दो चढ़ाना तो दूर रहा निकाल-निकाल कर रूई आधा कर दिया और रूई की जगह कपड़ा भर दिया कितनी बार कहा चीज़े संभालकर रखो उस दिन नहीं मिला तो नहीं मिला कितना खोजा और रूमाल कि जगह पैंट से निकल आया मोज़ा वो तो किसी ने शक नहीं किया क्योकि हमने खट से नाक पर रख लिया काम करते-करते टेबल पर पटक दिया- "साहब आपका मोज़ा।" हमने कह दिया हमारा नहीं किसी और का होगा अक़्ल काम कर गई मगर जोड़ी तो बिगड़ गई कुछ तो इज़्ज़त रखो पचास बार कहा मेरी अटैची में अपने कपड़े मत रखो उस दिन कवि सम्मेलन का मिला तार जल्दी-जल्दी में चल दिया अटैची उठाकर खोली कानपुर जाकर देखा तो सिर चकरा गया पजामे की जगह पेटीकोट आ गया तब क्या खाक कविता पढ़ते या तुम्हारा पेटीकोट पहनकर मंच पर मटकते एक माह से लगातार कद्दू बना रही हो वो भी रसेदार ख़ूब जानती हो मुझे नहीं भाता खाना खाया नहीं जाता बोलो तो कहती हो- "बाज़ार में दूसरा साग ही नहीं आता।" कल पड़ौसी का राजू बाहर खड़ा मूली खा रहा था ऐर मेरे मुंह मे पानी आ रहा था कई बार कहा- ज़्यादा न बोलो संभालकर मुंह खोलो अंग्रेज़ी बोलती हो जब भी बाहर जाता हूं बड़ी अदा से कहती हो-"टा....टा" और मुझे लगता है जैसे मार दिया चांटा मैंने कहा मुन्ना को कब्ज़ है ऐनिमा लगवा दो तो डॉक्टर बोलीं-"डैनिमा लगा दो।" वो तो ग़नीमत है कि ड़ॉक्टर होशियार था नीम हकीम होता तो बेड़ा ही पार था वैसे ही घर में जगह नहीं एक पिल्ला उठा लाई पाव भर दूध बढा दिया कुत्ते का दिमाग चढ़ा दिया तरीफ़ करती हो पूंछ की उससे तुलना करती हो हमारी मूंछ की तंग आकर हमने कटवा दी मर्दो की रही सही निशानी भी मिटवा दी वो दिन याद करो जब काढ़ती थीं घूंघट दो बीते का अब फुग्गी बनाती हो फीते का पहले ढ़ाई गज़ में एक बनता था अब दो ब्लाउज़ो के लिये लगता है एक मीटर आधी पीठ खुली रहती है मैं देख नहीं सकता और दुनिया तकती है मायके जाती हो तो आने का नाम नहीं लेतीं लेने पहुंच जाओ तो मां-बाप से किराए के दाम नहीं लेतीं कपड़े बाल-बच्चों के लिये सिलवा कर ले जाती हो तो भाई-भतीजों को दे आती हो दो साड़ियां क्या ले आती हो सारे मोहल्ले को दिखाती हो साड़ी होती है पचास की मगर सौ की बताती हो उल्लू बनाती हो हम समझ जाते हैं तो हमें आंख दिखाती हो हम जो भी जी में आया बक रहे थे और बच्चे खिड़कियो से उलझ रहे थी हमने सोचा- वे भी बर्तन धो रही हैं मुन्ना से पूछा, तो बोला-"सो रही हैं।" हमने पूछा, कब से? तो वो बोला- "आप चिल्ला रहे हैं जब से।" ©Ramesh(RS) राजस्थानी शैल जी कवि रचना
Shailendri Tiwari "Shail"
Love and Hate उसे कुछ भी सुनाने की ख़ता न करो, अब रस्म "शैल" कोई भी अदा न करो। उसे कुछ भी सुनाने की ख़ता न करो, अब रस्म "शैल" कोई भी अदा न करो। "शैल"
Parasram Arora
असल मे मरघट और महल का फासला उनके लीए ही है जिनके मन मे महल की आकांशा है मरघट और महल मे कोई फासला नही है फासला हमारी आकांक्षाओं मे है हम महल चाहते हैँ... मरघट हम नही चाहते इसीलिए फासला है. जहा महल खड़े हैँ वहा मरघट बहुत बार बन चुके जहाँ.मरघट बने हैँ वहा बहुतपहले महल बन कर गिर चुके हैँ और सब महल अंततः मरघट बन जाते है और सब मरघटोपर महल खडे हौ जाते हैँ फर्क क्या है? फासला क्या है? ©Parasram Arora फर्क क्या है? फासला क्या है?