Find the Latest Status about गेंदे का फूल की खेती from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, गेंदे का फूल की खेती.
Tohid Mulla
फुल बन ही रहा था, कली तोड दी मैने । ईश्क पुरा किया, शादी अधुरी चोड दी मैने । मेरा फुल ही था, जो धुल कहलाया । जायज माँ- बाप का नाजायज औलाद कहलाया ।। लड्डपन के उमर मे ईश्क कर बैठा था, ना जाने कैसी भूल कर बैठा था। बाप का गला तो मै घोट चुका, ममता को भी मजबूर किया। उस नादान को खूले आसमान के निचे छोड दिया। ईश्क तो हमने जायज नही किया, और नाजायज़ उसे बोला जारा है। भूल तो हमने कि, जो फुल को खिलने ना दिया। फिर भी न जाने धूल का फुल वह कहलारा।।। -------------Tohid mulla धूल का फूल
anandi
#MessageOfTheDay कब सबेरा होगा , रात नही कट रही हैं। मां सुसराल को भेजा , तेरी जैसी ममता नहीं नजर आ रही है। सुसराल तेरे सपनो के बताएं जैसा नहीं है। यहा लोग मुंह देख तिलक करते हैं। ©anandi #ससुराल गेंदा फूल 🙏 #Messageoftheday
DR. LAVKESH GANDHI
सुसराल सुसराल सपनों का घर है अरमानों का मंदिर है अगर मान ले इसे एक बार मन से मंदिर तो यह स्वर्ग से प्यारा है #सुसराल # #सुसराल गेंदा फूल # #yqswapnlok #yqlifefeelings #
B.P. Godara
जीरे की खेती ©B.P. Godara खेती बाड़ी# जीरे की खेती# lawadar का जीरा# जय हिंद
Krishna Kumar
| फूल का पौधा | | फूल का पौधा | बहुत ही पुराने समय की बात है । मिस्र देश का एक राजा था जिस पर देवता प्रसन्न हो गये और उसके पास आये और उसे उपहार स्वरुप एक चमत्कारी तलवार दी और उसे बोले कि जाओ और दुनिया फतह करो । इस पर राजा ने भगवान से सवाल किया कि ” भगवन आप भी कमाल करते है भला मुझे किस चीज़ की कमी है जो मैं पूरी दुनिया को फतह करूँ ।” इस पर देवता ने फिर से कुछ सोचकर “पारसमणि देते हुए राजा से कहा ये लो पारसमणि और जितना चाहे उतना धन की प्राप्ति करो ।” इस पर राजा ने फिर से सवाल किया ” भगवान मैं इतना धन प्राप्त करकर क्या करूँगा बताओ ।” राजा ने वो लेने से भी मना कर दिया । इस पर देवता ने उसे एक अप्सरा देते हुए कहा ” ये लो मैं तुम्हे तुम्हारे साथ रहने को ये खूबसूरत अप्सरा देता हूँ ।” इस पर राजा ने कहा भगवान मुझे ये भी नहीं चाहिए आपके पास इन सब से कुछ बेहतर हो तो बताओ । देवता अब सोचा में पड़ गया और कहने लगा सभी मनुष्य तो यही सब पाने के लिए संघर्ष करते है और मैं तुम्हे सहर्ष इतना सब दे रहा हूँ फिर भी तुम मना कर रहे हो तो तुम ही बताओ मैं तुम्हारे लिए किस चीज़ की व्यवस्था करूँ जो तुम्हे पसंद हो । राजा ने देवता से कहा ” भगवान जरा सोचिये मैं अगर तलवार को धारण करता हूँ तो भी उसकी धार भी एक न एक दिन चली जाएगी और नहीं तो मैं कोइंसा युगों युगों तक यंहा रहने वाला हूँ और अगर अप्सरा के लिए हाँ करता हूँ तो उसका सौंदर्य भी तो कोई अतुलनीय नहीं है । जबकि अगर पारसमणि को धारण करता हूँ तो धन भी कोई मुक्ति का मार्ग नहीं है तो मैं क्योंकर इन सब की इच्छा रखूं ? इस पर राजा ने जारी रखते हुए कहा प्राकृतिक सौन्दर्य से तो देवता भी धरती पर विचरण के लिए आते है इसलिए आप मुझे यह फूलों का पौधा ही दे दीजिये मैं इसे बड़ा होते और इसमें फूलो को खिलते हुए देखूंगा इस से रमणीय मेरे लिए कुछ अधिक नहीं हो सकता । ©Krishna Kumar कहानी फूल का पौधा की
Parasram Arora
कितना दौड़ते हो? कुछ यों मिलता नहीं है अब रुको क्योंकि तृष्णा बे पेंदे की बाल्टी है भरो खड़खड़ाओ.. कुए से खूब खींचो ये जिंदगी नहीं अनेक जिंदगीयां खींचते रहो खाली क़े खाली ही रहेगी ज़ब भी बाल्टी ऊपर आएगी खाली ही आएगी कुएँ बदल लो.... इस कुएँ से उस कुएँ पर जाओ उस कुएँ से उस कुएँ पर जाओ यही तो हम आज तक. करतें आये हैl मगर कुओ का क्या कुसूर बाल्टी तो वही की वही है ©Parasram Arora बे. पेंदे की बाल्टी........
Babasaheb Khare
Dhoni बढती उम्र में इश्क हो तो ताज्जूब नही गालिब... पुरानी गेंदे ही रिवर्स स्विंग लेती है... पुरानी गेंदे...