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Vikas Sharma Shivaaya'

ॐ गं हस्ति पिशाचि लिखे स्वाहा'-उच्छिष्ट गणपति का मंत्र तांत्रिक क्रियाओं से रक्षा करता है। “मोहिं प्रभु तुमसों होड़ परी-ना जानौं करिहौ जु #समाज

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ॐ गं हस्ति पिशाचि लिखे स्वाहा'-उच्छिष्ट गणपति का मंत्र तांत्रिक क्रियाओं से रक्षा करता है।  

“मोहिं प्रभु तुमसों होड़ परी-ना जानौं करिहौ जु कहा तुम नागर नवल हरी॥
पतित समूहनि उद्धरिबै कों तुम अब जक पकरी-मैं तो राजिवनैननि दुरि गयो पाप पहार दरी॥
एक अधार साधु संगति कौ रचि पचि के संचरी-भ न सोचि सोचि जिय राखी अपनी धरनि धरी॥
मेरी मुकति बिचारत हौ प्रभु पूंछत पहर घरी-स्रम तैं तुम्हें पसीना ऐहैं कत यह जकनि करी॥
सूरदास बिनती कहा बिनवै दोषहिं देह भरी-अपनो बिरद संभारहुगै तब यामें सब निनुरी॥ “

हे  प्रभु, मैंने आपके साथ एक प्रतियोगिता में प्रवेश किया है-आपका नाम पापियों को बचाने वाला है, लेकिन मैं इसे नहीं मानता। आज मैं यह देखने आया हूं कि आप पापियों को कितना दूर करते हैं। यदि आप मोक्ष की जिद पकड़ते हैं, तो मेरे पास पाप करने का सत्याग्रह है। इस खेल में, आपको देखना होगा कि कौन जीतता है। मैं तुम्हारे कमलदल जैसे आखों से बचकर पाप की गुफा में छुपकर बैठा हूँ।

🙏 बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' ॐ गं हस्ति पिशाचि लिखे स्वाहा'-उच्छिष्ट गणपति का मंत्र तांत्रिक क्रियाओं से रक्षा करता है।  

“मोहिं प्रभु तुमसों होड़ परी-ना जानौं करिहौ जु

Vikas Sharma Shivaaya'

1. गणपतिजी का बीज मंत्र 'गं' है। 2. इनसे युक्त मंत्र- 'ॐ गं गणपतये नमः' 3. षडाक्षर मंत्र का जप आर्थिक प्रगति व समृद्धि प्रदायक है - ॐ वक् #समाज

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1. गणपतिजी का बीज मंत्र 'गं' है।
 
2. इनसे युक्त मंत्र- 'ॐ गं गणपतये नमः' 
3. षडाक्षर मंत्र का जप आर्थिक प्रगति व समृद्धि प्रदायक है - ॐ वक्रतुंडाय हुम्‌
4. उच्छिष्ट गणपति का मंत्र- - ॐ हस्ति पिशाचि लिखे स्वाहा
 5. आलस्य, निराशा, कलह, विघ्न दूर करने के लिए विघ्नराज रूप की आराधना का मंत्र - गं क्षिप्रप्रसादनाय नम:
 6. विघ्न को दूर करके धन व आत्मबल की प्राप्ति के लिए हेरम्ब गणपति का मंत्र - 'ॐ गं नमः'
 7. रोजगार की प्राप्ति व आर्थिक वृद्धि के लिए लक्ष्मी विनायक मंत्र का जप - ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।
 8. विवाह में आने वाले दोषों को दूर करने वालों को त्रैलोक्य मोहन गणेश मंत्र- ॐ वक्रतुण्डैक दंष्ट्राय क्लीं ह्रीं श्रीं गं गणपते वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।

विष्णु सहस्रनाम(एक हजार नाम) आज 221 से 231 नाम 
221 न्यायः न्यायस्वरूप
222 नेता जगतरूप यन्त्र को चलाने वाले
223 समीरणः श्वासरूप से प्राणियों से चेष्टा करवाने वाले
224 सहस्रमूर्धा सहस्र मूर्धा (सिर) वाले
225 विश्वात्मा विश्व के आत्मा
226 सहस्राक्षः सहस्र आँखों या इन्द्रियों वाले
227 सहस्रपात् सहस्र पाद (चरण) वाले
228 आवर्तनः संसार चक्र का आवर्तन करने वाले हैं
229 निवृत्तात्मा संसार बंधन से निवृत्त (छूटे हुए) हैं
230 संवृतः आच्छादन करनेवाली अविद्या से संवृत्त (ढके हुए) हैं
231 संप्रमर्दनः अपने रूद्र और काल रूपों से सबका मर्दन करने वाले हैं

🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' 1. गणपतिजी का बीज मंत्र 'गं' है।
 
2. इनसे युक्त मंत्र- 'ॐ गं गणपतये नमः' 
3. षडाक्षर मंत्र का जप आर्थिक प्रगति व समृद्धि प्रदायक है - ॐ वक्

Mridul raj dixit

वो हस्ति

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हमे जिंदगी क्या उजड़ेगी ,हुम् तुझे रोज उजाड़ते  हैं,वो जो दाग दिल इश्क़ ले गए हमारा, उन्हें आईने में रोज निहारते हैं।
@मृदुल #वो हस्ति

आह्लादित Ahladith

स्वाहा: #Photography

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 स्वाहा:

मानव बदायूँनी

#स्वाहा #धार्मिक स्वाहा का अर्थ #समाज

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mute video

Dheeraj Bairagi

वो हस्ति है? #tereliye

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mute video

Jayesh gulati

स्वाहा ꫰😈 nojoto #sawahaa #Love #स्वाहा #not_in_love_anymore #hateyou

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अाज हमारे दादा-दादी का शराद था
हमने तुम्हरा भी कर दिया ꫰

बोलो स्वाहा ꫰ स्वाहा ꫰😈
#nojoto #sawahaa #love #स्वाहा #not_in_love_anymore #hateyou

Dixit

#जलने वाले स्वाहा

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जलने वालों को जी डाल और बोलो स्वाहा🔥

©Dixit #जलने वाले स्वाहा

smita@ishu

ओम फट स्वाहा 😜😜

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सुनो 🙄🙄🙄

 रोज डे पर तुमने कोई रोस 🌹नहीं दिया

आज प्रपोज डे है पता नहीं प्रपोज करोगे भी या नहीं

टेडी डे आने वाला है टेडी बीयर दो ना दो
कम से कम ओम फट स्वाहा वाला बाबला लेकर दे दो 😔😔 ओम फट स्वाहा 😜😜

वेदों की दिशा

।। ॐ।।
अ॒ग्निर्ज्योति॒र्ज्योति॑र॒ग्निः स्वाहा॒ सूर्यो॒ ज्योति॒र्ज्योतिः॒ सूर्यः॒ स्वाहा॑। 
अ॒ग्निर्वर्चो॒ ज्योति॒र्वर्चः॒ स्वाहा॒ सूर्यो॒ वर्चो॒ ज्योति॒र्वर्चः॒ स्वाहा॑।
 ज्योतिः॒ सूर्यः॒ सूर्यो॒ ज्योतिः॒ स्वाहा॑ ॥९॥
पद पाठ
अ॒ग्निः। ज्योतिः॑। ज्योतिः॑। अ॒ग्निः। स्वाहा॑। सूर्य्यः॑। ज्योतिः॑। ज्योतिः॑। सूर्य्यः॑। स्वाहा॑। अ॒ग्निः। वर्च्चः॑। ज्योतिः॑। वर्च्चः॑। स्वाहा॑। सूर्य्यः॑। वर्च्चः॑। ज्योतिः॑। वर्च्चः॑। स्वाहा॑। ज्योतिः॑। सूर्य्यः॑। सूर्य्यः॑। ज्योतिः॑। स्वाहा॑ ॥९॥

(अग्निः) परमेश्वर (स्वाहा) सत्य कथन करनेवाली वाणी को (ज्योतिः) जो विज्ञान प्रकाश से युक्त करके सब मनुष्यों के लिये विद्या को देता है, इसी प्रकार (अग्निः) जो प्रसिद्ध अग्नि (ज्योतिः) शिल्पविद्या साधनों के प्रकाश को देता है (सूर्यः) जो चराचर सब जगत् का आत्मा परमेश्वर (ज्योतिः) सब के आत्माओं में प्रकाश वा ज्ञान तथा सब विद्याओं का उपदेश करता है कि (स्वाहा) मनुष्य जैसा अपने हृदय से जानता हो, वैसे ही बोले तथा जो (सूर्यः) अपने प्रकाश से प्रेरणा का हेतु सूर्यलोक (ज्योतिः) मूर्तिमान् द्रव्यों का प्रकाश करता है (अग्निः) जो सब विद्याओं का प्रकाश करनेवाला परमेश्वर मनुष्यों के लिये (वर्च्चः) सब विद्याओं के अधिकरण चारों वेदों को प्रकट करता है। तथा जो (ज्योतिः) बिजुलीरूप से शरीर वा ब्रह्माण्ड में रहनेवाला अग्नि (वर्च्चः) विद्या और वृष्टि का हेतु है (सूर्यः) जो सब विद्याओं का प्रकाश करनेवाला जगदीश्वर सब मनुष्यों के लिये (स्वाहा) वेदवाणी से (वर्च्चः) सकल विद्याओं का प्रकाश और (ज्योतिः) बिजुली, सूर्य प्रसिद्ध और अग्नि नाम के तेज का प्रकाश करता है तथा जो (सूर्यः) सूर्यलोक भी (वर्च्चः) शरीर और आत्माओं के बल का प्रकाश करता है तथा जो (सूर्यः) प्राणवायु (वर्च्चः) सकल विद्या के प्रकाश करनेवाले ज्ञान को बढ़ाता है और (ज्योतिः) प्रकाशस्वरूप जगदीश्वर अच्छे प्रकार से हवन किये हुए पदार्थों को अपने रचे हुए पदार्थों में अपनी शक्ति से सर्वत्र फैलाता है, वही परमात्मा सब मनुष्यों का उपास्य देव और भौतिक अग्नि कार्य्यसिद्धि का साधन है ॥९॥

The meaning of the word Swaha is assumed in this mantra in the manner of Niruktakara. Agni means that God has created all the worlds of fire etc. through power by reason of his power, among them Agni, by his own light, lights all other things and through the Lord Veda, he illuminates all knowledge. Similarly, fire and sun also light the craftsmanship.

( यजुर्वेद : ३.९ ) #ChineseAppsBan 
#यजुर्वेद
#वेद 
#अग्नि #सूर्य #स्वाहा
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