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ऐ September तू तो गया लेकिन मोहब्बत की दास्तान दे गया शुक्रगुजार है हम तेरे जो तू ये हमे मोहब्बत का तजुर्बा दे गया # नाफरमानी #
SUFIYAN"SIDDIQUI"
प्रकृति की गोद में रहके, कुदरत से ही नाफरमानी कर रहे है, इसिलिए कुछ बीमारी,तुफान,के ज़रिए से हम सब को चेतावनी दे रही है कुदरत सुफियान सिद्दीकी अररिया बिहार ©SUFIYAN"SIDDIQUI" #AdhureVakya,, कुदरत की गोद में ही रह के कुदरत से नाफरमानी कर रहे है,,, #AdhureVakya
Harshita Dawar
Written by Harshita Dawar ✍️✍️ #Jazzbaat# खुशनसीबी एक गाली सी लगती है। बत सलुकी एक तबाही सी लगती है। बेफर्मनी बइं मनी सी लगती है। बे मुरबत नाफरमानी सी लगती है। #yqdidi #yqquotes #yqbaba #yqhindi Written by Harshita Dawar ✍️✍️ #Jazzbaat# खुशनसीबी एक गाली सी लगती है। बत सलुकी एक तबाही सी लगती है। बेफ
Anil Prasad Sinha 'Madhukar'
बहुत सह लिया, बहुत कह लिया, अब हमें कुछ करके दिखाना होगा, जुल्म अब हद से ज्यादा हो चला, अब इनको सबक सिखाना होगा। हम अतिथियों का सम्मान करते हैं, घुसपैठियों को वापस जाना होगा, हम गाँधी हैं तो आज़ाद भी हम हैं, हर हाल में सबक सिखाना होगा। हम दोस्ती निभाते हैं बड़े शान से, पर दुश्मनी भी अब निभाना होगा, एक सर के बदले दस सर लेकर, लगता है अब सबक सिखाना होगा। बहुत हुई मनमानी सबकी, अब राह दिखाना होगा। नहीं समझते भाषा जो, उन्हें सबक सिखाना होगा।। 👉आइए आज अपने मन की भड़ास ही लिखते हैं अपने नामाकूल पड़
Manku Allahabadi
बहुत पहले सुलगती सांसों में इश्क की रवानी भरते है कुछ बातें नई, तो कुछ पुरानी करते है हर अधूरे किस्से को आज कहानी करते है थोड़ी सी शरारत, थोड़ी मनमानी करते है हर भूली-बिसरी याद आज बेगानी करते है हर कसूर, हर इल्जाम की नाफरमानी करते है दिल के जख्मों से आज आंखों में पानी भरते है थोड़ी सी ईमानदारी, थोड़ी बेईमानी करते है इन ओस की बूंदो से चांद आसमानी करते है आज दूध का दूध, और पानी का पानी करते है ©Manku Allahabadi दूध का दूध, पानी का पानी ................................................................ सुलगती सांसों में इश्क की रवानी भरते है कुछ बातें
Ankita Tripathi
Happy Father's Day Papa ❤ सब कुछ आपसे ही सीखा है पापा❤😊 किसी एक दिन में बंधकर आपके लिए नहीं लिख सकते हम ....लेकिन हर उस एक दिन को ज़रूर लिख सकते हैं जो आपसे जुड़ा हो
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
चुप चुप सी मेरी मिल्लत की हालत क्यूं हैं,जब खौफे खुदा नही,तो फिर आज हमे *जालिम से*दहशत क्यूं है//१ यकीनन हम सोचा नही करते कभी अंजाम अपना, तो फिर आज हमे जल्लाद की*कयादत क्यूं है//२ ये महसूस तो करे के,रब रहता है हरदम करीब*रगे गूलू तो फिरआज हमे दर बदर भटकने की ज़रूरत क्यूं है//३ हम अपनी नाफरमानी,नादानी के खुद ही है*बाइस, तो फिर आज हमे खामखां औरो से शिकायत क्यूं है//४ जिस मिल्लत का*हामी हो अल्लाह और कूरान,तो फिर आज इस मिल्लत के हिस्से मे*ज़लालत कयू है//५ कुछ् संगदिलो के सीने मे है,उल्फत,तो फिर आज हम*बशर को बशर से इतनी नफरत क्यू है//६ बेशक हमको मयस्सर है बेशुमार तदादे कुव्वते बाजू,तो फिर आज हमे अबाबीलों के लश्कर की ज़रूरत क्यूं है//७ यकीनन देगा खुदा*फतेह,तू बस*इतेहाद से रह,जललाद खुद होगा खाक,फिर आज तेरे दिल मे *हताहत क्यूं है//८ ऐ मुसलमा न डर,तू*बातिले कसरत से,तेरी की थौ जंगे-बदर मे मदद वो खूदा आज भी है,फिर आज तू उस जात से*गफलत्त मे क्यू है//८* शमा की है उसी खुदा से दुआ,के दुश्मने इस्लाम को कर दाखिल, मजहबे इस्लाम् मे,तो फिर आज हमे इस जंग की*वजाहत क्यू है//९ shamawritesBebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #lonely चुप चुप सी मेरी मिल्लत की हालत क्यूं हैं,जब खौफे खुदा नही,तो फिर आज हमे *जालिम से*दहशत क्यूं है//१*अत्याचारी*भय यकीनन हम सोचा नही क