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sharad gaikwad

सविश्री आठवणीत तुझला शोधत होतो कवी विद्रोही कबीर सेवक शरद गायकवाड #मराठीकविता

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सविश्री...
बंदिस्त आठवणीत
मझला काळोखात तुला
गझला समजल ती ऐकवणार होतो
पुसट अक्षरं बोबडे शब्द गात होतो
आठवणीत काळोखात रमत होतो
सुर ताल लय साचेबद्ध करत होतो
शरद विरह गीत रचत होतो
हरवलेल्या भुतकाळात
तुझा चेहरा आठवत होतो.....

कवी विद्रोही
कबीरसेवक
शरद गायकवाड

©sharad gaikwad सविश्री
आठवणीत तुझला शोधत होतो
कवी विद्रोही कबीर सेवक
शरद गायकवाड

RUPAM AHLAWAT

#शरद#

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शरद तुम जाओगे
क्योंकि तुम्हारा जाने का वक्त आ गया है
तुम जानते हो कि
तुम मेरी पहली पसंद हो
बसंत तो सबका चहेता होता है हमेशा
तुम्हें तो मुझ जैसे
कुछेक हैं,जो बहुत चाहते हैं
तुम जानते हो कि
कोहरे से ढके रास्ते मुझे खींचते  हैं अपनी तरफ़
ओस की बूँदें जब पत्तियों पर
चमकती है हर सुबह
तो वो चमक मुझे 
अपनी आँखों में महसूस होती है
ठिठुरते फूल,पत्ते,पौधे जब
दुबककर सिमटते हैं अपने में
तो मासूम बच्चों से नज़र आते हैँ मुझे
और सर्द हवाओं की चुहलबाज़ी
भी तो हमेशा से ही लुभाती रही है मुझे
गली के नुक्कड़ पर
मौहल्ले भर के लोगों का बैठकर
सुलगती आग से हाथों को सेकना
कहाँ रह गया है ये नज़ारा
शरद के बहाने ही तो ये मौके बन पाते हैं कभी- कभी
अब क्योंकि तुम्हारा जाने का समय हो गया है
तो तुम जाओ शरद,मौसम कहाँ किसी के रहे हैं
ये तो सदा से बदलते आए मनुष्य की तरह। #शरद#

Attul Rajput

आया मौसम शरद का..
हर पत्ता मस्ती में झूम गया..
सनम फ्रिक्र रहा होठों की..
अौर शायर माथे को चुम गया..
©अतुल #शरद

J P Lodhi.

#शरद रात#

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दो प्रेमी भटक रहें ठंडी रात के अंधेरों में,
 आ गए खुले आसमान के नीचे मैदानों में।
सहम गए थे  शरद भरी ठिठुरती रात में,
थम रही थी सांसे ठंडी हवा के झोकों में।
शरद रात में एक दूजे का यहां था सहारा,
जिधर भी देखो उधर ठंड का था नज़ारा।
दहक उठी दो दिलो में आग की चिंगारी,
ठिठुरन भरी रात फिर ऐसे ही थी गुजारी।
जल गई थी प्यार की ज्वाला शरद रात में,
गुजरी दिसंबर की यह रात बातों बातों में। #शरद रात#

J P Lodhi.

#शरद रात#

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हर सक्स पर बरप रहा ठंड का प्रकोप,
ताप रही है जिंदगियां अलाव पर झोप।
चल रही शरद हवाएं,बढ़ा रही सिहरन,
छा रहा है कोहरा,बढ़ा रहा है जकड़न।
सूनी हो गई सड़के सारी,सूने है मैदान,
चप्पे चप्पे पर दे रही ठंड अपना पहरा।
आसमान से बरस रहा धुंधभरा कोहरा,
ऊनी कम्बल स्वेटर टोपी का है,सहारा। #शरद रात#

Pankaj Priyam

शरद पूर्णिमा #कविता

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