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Nawal Kishor Jat
उनके लहू के कतरे कतरे से वाकिफ हुआ था सारा जहान वह मातृभूमि के खातिर अपना योवन कर गए थे कुर्बान उनकी हर एक गोली से थर्राया था पाकिस्तान उन वीर भूमि के वीर सपूतों को नमन करें सारा हिंदुस्तान ©Nawal Kishor Jat उनके लहू के कतरे कतरे से वाकिफ हुआ था सारा जहान वह मातृभूमि के खातिर अपना योवन कर गए थे कुर्बान उनकी हर एक गोली से थर्राया था पाकिस्तान
Kumar.vikash18
अंतिम से आरंभ किया ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ धन दौलत योवन कामिनी कंचन काया काया जब मुरझाये मिट जाये माया माया का जाल अनोखा कोई न बच पाया पाया मीरा ने गिरिधर को पीकर बिष का प्याला प्याला बिष का भी बन जाये अमृत धारा धारा बहे जब हरी नाम की मन हो जाये मतवाला मतवाला मन हरी का क्या जाने इस जग की माया ।। अंतिम से आरंभ किया धन दौलत योवन कामिनी कंचन काया काया जब मुरझाये मिट जाये माया माया का जाल अनोखा कोई न बच पाया पाया मीरा ने गिरिधर को पीकर
सुसि ग़ाफ़िल
यह सावन प्यासा आया है अब हम और क्या - क्या बताएं , तेरे होठों की सरगम की तलाश में हमने तो होश गवाएं| तेरी मंद - मंद आवाज में चुस्कियां घुली हो जैसे शहद की, तुम लिपटी इस तरह मेरे तन से जैसे हो नव योवन की हवाएं| माथा चूमा और आंखों पर आए आंखें कातिल हटाई नाजाए, दो नैनों में खंजर तीर चले और ये सांसे गर्म टकराई जाएं | पर्दे में है तो पर्दा उठा दो अब दूरियां थोड़ी कम की जाए, रोम - रोम मेरे उठे बदन के बिल्कुल भी ना शरमाया जाए| एहसास घुले जब एहसासों में फिर पीछे मुड़कर ना देखा जाए, आती हुई नजदीकियों को अब सावन का साजन लिखा जाए| तेरे उड़ते हुए दुपट्टे को अब दोनों के सर पर रखा जाए, तेरे लबों के टपकते सरगम को मेरे होठों पर फिर रखा जाए| "सुशील" मदहोश है अब और मदहोशी को सीखा जाए , तेरी योवन की फुहारों को भी अब मेरे नाम से लिखा जाए | यह सावन प्यासा आया है अब हम और क्या - क्या बताएं , तेरे होठों की सरगम की तलाश में हमने तो होश गवाएं| तेरी मंद - मंद आवाज में चुस्किय
Divyanshu Pathak
लक्ष्मी जी उल्लू पर बैठके अंधेरे में गमन करती हैं। लोग चकाचौंध करके उसे! दिग्भ्रमित कर देते हैं। विडंबना ये है कि समझाओ तो समझते भी नहीं! राम-जानकी का लौटआना भी, विस्मृत कर देते हैं। 😁🌸🌹🌷🌹🗡🗡🌸🌹 त्योहारों के उजड़ते स्वरूपों को बचाने के लिए
सुसि ग़ाफ़िल
जिस्मानी दुनिया का इशारा था उड़ न जाए दुपट्टा हवा के तेज़ से, यहाँ मदमस्त थे लोग चारों तरफ तेरे योवन के लबरेज़ से| पैरों तले जमीन खिसके और खिसके दामन बंदेझ से, देखकर बेवफाईयां तेरी यह इश्क़ लगे मुझे चंगेज़ से| देखकर आंखें वह बोली मुझे तो डर लगे रंगरेज़ से, उसने कई रस्मे नई सीखी है कहानियां पढ़कर अंग्रेज से| बार-बार चिल्लाए मुझे कोई तालुकात नहीं सनसनीख़ेज़ से, आंखें पढ़ूँ वो आंखें ना मिलाए लंबा रिश्ता आंखों के परहेज़ से| दखलअंदाजी मैं करूं वहां पर जहां इश्क़ में किस्सा आए दहेज़ से, हावी हो जाएगा तुम पर इस दुनिया का माहौल खुंरेज़ से| कई सुर्खियां बटोरी है उसने जो पुस्तक उठाई तूने मेज़ से, अब भी वक्त है तुम सीख लो "सुशील" के दिए नसीहत-आमेज़ से| जिस्मानी दुनिया का इशारा था उड़ न जाए दुपट्टा हवा के तेज़ से, यहाँ मदमस्त थे लोग चारों तरफ तेरे योवन के लबरेज़ से| पैरों तले जमीन खिसके और
AJAY VERMA
पलभर में जीवन महकाए, पलभर में संसार जलाये, कभी धुप है कभी छाँव है , कर्क कभी अंगार , लडकिया जैसे पहला प्यार लडकिया जैसे पहला प्यार बचपन के जाते ही इनकी , गंध बसे तन मन मैं , एक कहानी लिख जाती है ये सब के जीवन मैं , बचपन की ये फिज़ा निराली , योवन का उपहार , लडकिया जैसे पहला प्यार लडकिया जैसे पहला प्यार इनके निर्णय बड़े गजब है बड़ी अजब हैं बाते , दिन की कीमत पर लेती है रख लेती है रातें , हॅसते गाते कर जाती है आंसू का व्यापार , लडकिया जैसे पहला प्यार लडकिया जैसे पहला प्यार जाने कैसे कब कर बैठे जान बुझकर भूले , किसे प्यास से व्याकुल करदे किसे अधर से छूले, किसका जीवन मरुथल करदे किसका मस्त बहार , लडकिया जैसे पहला प्यार लडकिया जैसे पहला प्यार पलभर में जीवन महकाए, पलभर में संसार जलाये, कभी धुप है कभी छाँव है , कर्क कभी अंगार , लडकिया जैसे पहला प्यार लडकिया जैसे पहला प्यार
Divyanshu Pathak
प्रीत की तुम परीक्षा न लेना प्रिये प्रेमियों से मैं आगे निकल जाऊंगा दीप की लौ सी तुम टिमटिमाती रहो मैं पतंगे के मानिंद जल जाऊंगा ! ☕🐰#प्यार🌹☘🐇🤓#इश्क💞🐁🦃🍹🍁#मौज़🍁🐁😝#मस्ती🌿💞🦃🍹🍁🌷🌷🍫🍵🍉🐦😝🌿💞🐁🍹पंछी🍹🍁🍁#पाठक🌷 : जिसको एक दिवाना आधी रातों को ख़त लिखता है जिसका फ़ोटो वो हरदम अपने बटुए में
Atul Sharma
Title- ''Mai Baitha Hoon...'' #NojotoPune #NojotoQuote रवि आया तारों के ऊपर , आकाश निहारे बैठा हूँ । मैं नवल कोपलों के ऊपर , नव ख्वाब सजाये बैठा हूँ । । कल रात की पीड़ा से उठकर , नव इंतज़ार में