Find the Latest Status about अलौकिक तेल from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, अलौकिक तेल.
Manmohan Dheer
आश्चर्य है तो अलौकिक है समझ आया तो लौकिक है इस बीच ही कहीं छुपा है सुना कि वो सार्वभौमिक है अलौकिक
Amit Singhal "Aseemit"
राधा और कृष्ण का प्रेम सदैव रहा अलौकिक, इस संबंध का कोई आधार नहीं रहा था तार्किक। यह केवल हृदय से हृदय का गहरा रहा संबंध, किसी रीति और प्रथा का नहीं था कोई अनुबंध। ©Amit Singhal "Aseemit" #अलौकिक
Parasram Arora
शाश्वत के द्वार खुले अमृत के मेघ बरसे. तृप्ति की बौछारे धरती पर ईश्वरीय उपस्तिथी का सज्ञान देने लगी अब अच्छा होगा अगर हम. कंकड़ पथर बिनना बंद करे .. ठीकरो से खेलना बंद करें ताकि चैतन्य सागरके तट पर फैले हुेुए विस्तीर्ण शून्य और उसके अलोकिक नाद को सुनने की काबलियत हम हासिल कर सकें ©Parasram Arora अलौकिक नाद.....
SG
मैने उस आलोकिक सत्ता को बेहद करीब से देखा है, मैने खुद को चांद के करीब देखा है, मैने महोब्बत को महोब्बत से महोब्बत करते देखा है, मैने प्रकृति मे कृष्मे को देखा है,, मैने तारो को टिमटिमाते, और रात को मुस्कुराते, देखा है , अपने प्रियतम मे एक मासूम बच्चे को देखा है, मैने प्रकृति समय नियति को एक होते देखा है इन सभी मे मैने अपने प्रियतम को देखा है, अपने प्रियतम मे मैने बहुत कुछ देखा है ©❤SG❤ अलौकिक सत्ता
Ek villain
उत्तर प्रदेश और पंजाब समेत पांच चुनावी राज्यों में राजनीतिक दलों द्वारा मतदाताओं को लुभाने के लिए किए जा रहे मुफ्त वादों के बीच झारखंड की गठबंधन सरकार द्वारा गरीबों को हर महीने अधिकतम 10 लीटर पेट्रोल की खरीदारी पर ढाई ₹100 सब्सिडी दिए जाने के निर्णय से देशभर का ध्यान खींचा है संभव है कि राज्य हिम्मत सरकार की इस योजना को अमल जी बनाने के तौर तरीके और परिणाम को गहराई नगमा जमाई भविष्य में इससे होने वाले नुकसान का अलार्म कंकर भी फार्मूले को अपनाते बताया विचार पर कर सकते फिर जाल से राज्य सरकार गठन सरकार पर अपने फैसले की महंगाई के खिलाफ लड़ाई में मास्टर स्टॉक बता कर देश के सामने नजर यह के रूप में पेश करने का प्रयास कर रही है वहीं विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर सरकार की मंशा को लेकर सवाल उठाने वाले शुरू कर दिए हैं विपक्षी पूछ रहे हैं कि जब केंद्र सरकार ने पेट्रोल की कीमतों पर बेटी दोनों को कटाया तो राज्य सरकार ने क्यों नहीं योजना में इतनी ताकत नहीं चलता है कि है असल भारतीयों तक इसका फायदा पहुंचाया जाएगा या नहीं और 26 जनवरी से प्रदेश के सभी राशन कार्ड धारियों को यह सुविधा शुरू हो जाएगी राज्य में करीब 3000000 राशन कार्ड धारी है दायरे में आएंगे जिनके पास मोटरसाइकिल होगी वह है उसका लाभ ले सकेंगे इसके लिए निबंध का काम युद्ध स्तर पर शुरू हो गया है कुछ दिक्कत आ रही हैं जिन्हें दूर किया जाएगा ©Ek villain # तेल और तेल की राजनीति #apart
Prakash Shukla
हो कौन जिसको देखते ही, सिहर जाता तन बदन। आप भूधरा का अंश हो,या हो विचारों की पवन।। आपको पहचानने को मेरा,हो रहा विक्षिप्त मन। आभा अलौकिक देखनें को,झुलसते मेरे नयन।। मैं काल हूँ हाँ काल हूँ,हाँ मैं ही महाकाल हूँ,। मैं शान्त हूँ मैं ज्वाल हूँ,मैं प्राणहारक काल हूँ। मै दिक् दिगन्त में लीन हूँ,रूप में विकराल हूँ। मैं काल हूँ हाँ काल हूँ,हाँ मैं ही महाकाल हूँ,। नदियों की बहती धार हूँ,सारे विश्व की हुँकार हूँ ममता में छलकता प्यार हूँ,ज्वालामुखी उद्गार हूँ। मुझसे सृजन है सृस्टि का,मुझमें ही होता है पतन कण कण में मैं ही व्याप्त हूँ,प्रकाश का मैं जाल हूँ। मैं काल हूँ हाँ काल हूँ,हाँ मैं ही महाकाल हूँ,। ब्रह्मांड का मै आदि हूँ,मैं अन्त हूँ मैं अनादि हूँ मैं भूत हूँ मैं आज हूँ,मैं ही भविष्य का राज हूँ। मै विकटसम मैं विराट हूँ,मैं ही समस्या काट हूँ मैं गगन हूँ मैं चन्द्र भी ,मैं ही प्रभाकर लाल हूँ। मैं काल हूँ हाँ काल हूँ,हाँ हाँ मैं ही महाकाल हूँ,।। अलौकिक छवि
Anjali Jain
प्यारी सीता, तुम पर बहुत अभिमान है पर इस अभिमान को व्यक्त करने के लिए उपयुक्त शब्द नहीं हैं! सारी सुख - सुविधाओं को छोड़ दें, लेकिन जो मानसिक यातना व कष्ट तुमने सहे, उनके लिए अयोध्या अक्षम्य है इससे यह तो सिद्ध होता है कि स्त्री अपने कष्टों में बिल्कुल अकेली है! कोई परिवार, कोई समाज,कोई बंधु - बांधव उसके साथ नहीं होता! चाहे वह सीता रही हो या द्रोपदी! सीता, तुम्हारी असीम पीड़ा को समझने के लिए भी हृदय चाहिए! सुकोमल सीता ने वज्र जैसा हृदय बनाकर, पुत्रों का मोह त्यागकर, दृढ़तापूर्वक धरती मां की गोद में जाने का जो निर्णय लिया, वह अहो! अहो! तुम्हारी इस कठोरता ने हृदय और आत्मा को असीम शांति और शीतलता प्रदान की, सारे कष्टों को झुलसन जैसे शीतल हो गई! स्त्री चुपचाप सहन करती है उसका आशय यह तो नहीं कि उसकी सहनशीलता की कोई सीमा नहीं, एक सीमा के बाद उसका हृदय सचमुच वज्र बन जाता है! पुरुष और समाज पहला निर्णय कर सकता है पर अंतिम निर्णय तो उसीका होगा! राम, उस समय तुम कितने अकेले थे? ये परिवार, ये समाज क्या उस दुख को दूर कर सकते थे, जिस समाज के लिए तुमने निर्दोष और महान सीता का साथ छोड़ दिया था! #अलौकिक सीता #03.05.20
Devanand Jadhav
°अभंग~अलौकिक विट° परब्रह्म येता, पुंडलिका भेटी धरियले वेठी, पांडुरंगा ll फेकुनिया विट, बोलिले केशवा उभेच रहावा, तीजवरी ll युगे युगे झाली, स्थिरावली विट तरी नसे वीट, दोन्ही देही ll पंढरीचा राणा, तीजवरी उभा सान जरी गाभा, तरी स्थिर ll किती ती अवीट, काय काय वर्णू पदस्पर्शी स्वर्णू, देह झाला ll चौदा युगे पायी, तुडविली काया उभ्याचीच छाया, तिजवरी ll असे जरी तिचे, मातीचेच रूप झाली ती अनूप, देवा पायी ll विट: मातीचा आयताकृती भाजलेला ठोकळा वीट: उबग, कंटाळा अनूप: अलौकिक, अजोड, विलक्षण ✍🏻©®•देवानंद जाधव• jdevad@gmail.com 9892800137 ©Devanand Jadhav अभंग~अलौकिक विट