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Rajesh rajak
कर्बला को कर्बला के शहंशाह पर नाज़ है, उस नवासे पर मुहम्मद को नाज है, यूं तो लाखों सिर सजदे में झुके लेकिन, हुसैन ने जो सजदा किया उस पर खुदा को नाज है। मोहर्रम,
DILBAG.J.KHAN { دلباغ.جے.خان }
ये वो क़ौम है जिनसे दो रकअत फर्ज़ नमाज़ और रमजान के 1, 2, रोज़े नहीं रखे जाते लेकिन 40, 40 किलो के ढोल गले मैं लटका कर 10,10 किलोमीटर तक चल लेते हैं अल्लाह इस फितने से हम सबकी हिफाज़त फरमाए (आमीन) ©DILBAG.J.KHAN { دلباغ.جے.خان } #मोहर्रम
Md. Javed Saudagar
एक तरफ़, ज़ुल्म-ओ-सितम की इंतेहा थी, एक तरफ़, सब्र-ओ-ईमां की इम्तहाँ थी, ज़ुल्म ने कहा, " मैं दरिया हूँ, तुम पानी को तरस जाओगे". सब्र ने कहा, " जा मैं नहीं पीता, तुम प्यासों को तरस जाओगे".....!!! Comp. By javed....✍🏻 इंतेहा = चरम सीमा, परकाष्ठा, Atmost Extent, The Limit,. इम्तहाँ = आज़माइश, Test. ©Md. Javed Saudagar #मोहर्रम
Afzal Mushtaq
तुम एक सीरियल किरदार Ertgrul को अपना मसीहा मानते हो। तुम्हे इमाम हुसैन अहलेबत् से उल्फत नही।। कर्बला की शहादतों पर तुम्हारी आँख नम नही। कहीं तुम बिन्ते यजीद की औलादों में से तो नही।। कहाँ एक भाई अब्बास ने अपने भाई के बच्चों के लिये खुद को जिवाह कराया। कहाँ तुम अपने भाई के बच्चों से नफ़रत करते हो।। कहाँ हुसैन ने सब कुछ लुटा दिया। कहाँ तुम सबकुछ लूट लेना चाहते हो।। कहाँ कासिम, ओउन, अकबर और असगर ने हक़ पर खुद को फिदा कर दिया। कहाँ तुम हक़ बात सुनकर अपने कान बन्द कर लेते हो।। माना कुफए गद्दार है कैसे मानु तुम उम्मती हो। मैं हुसैनी हूँ अली की आल हूँ रसूलअल्लाह की रहमतों का मुजाहिद हूँ। मैं शहीदे कर्बला अब्दुर्रेहमान अंसारी का बली अहद हूँ।। मैं मुसलमान हूँ ।।मैं मुसलमान हूँ ।। ©Afzal Mushtaq मोहर्रम
Uvaid Shaikh
यज़ीद ने सर कलम कर के नेज़े पर चढ़ा दिया खुदको हुसैनी कहने बालो कम तो तुम भी नही निकले तुमने तो उनकी शहादत पर ढोल ही बजा दिया। #मोहर्रम
Murtaza Ali
अजब वो सआदत के दिन थे अजब वो मौला से क़ुरबत के दिन थे देखते थे चेहरा ए अनवर मसर्रत थी दिलों पर आज दूर है हम शहा से अजब वो क़ुरबत के दिन थे! वो मस्जिदों में सज़दे वो मज़ारों पर जमघट वो बैठना तेरा पालकी पर देना दुआओं की सलामी आज दूर है हम शहा से अजब वो क़ुरबत के दिन थे! वो मुहर्रम का आना तेरा ओहबत कराना निदा तेरा देना हुसैन का वो नारा आज दूर है हम शहा से अजब वो क़ुरबत के दिन थे! दुआ है ये दिल से "शाकिर" खुदा से मांगता हूँ करबला के शोहदा हुसैन से मांगता हूँ कर दे अता वो सआदत के दिन वो मौला से क़ुरबत के दिन हो तूल बक़ा तेरी सैफुलहुदा परचम लहराता रहे हुसैन का सदा!! ✍️✍️मुर्तज़ा मोहर्रम
Gulshad Raza
बता यजीदियत बता कहा छुपेगा सर तेरा, हर जगह मेरा हुसैन है हर जगह मेरा हुसैन है। मेरा बादशाह हुसैन है ©Gulshad Raza #मोहर्रम