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Pooja Udeshi

यार तुझे कुछ काम धंधा नहीं हैं दिन रात
घूरता ही रहता हैं बतमीज इंसान 😡

©Pooja Udeshi कुछ काम धंधा नहीं हैं 👆🏻हाँ, बोल 😅👍🏼

कुछ काम धंधा नहीं हैं 👆🏻हाँ, बोल 😅👍🏼 #कॉमेडी

33 Love

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प्रभाकर अजय शिवा सेन

दोस्तों कुछ लोगों को लगता है कि हमारे पास कुछ काम-धंधा नही है इसलिये हम उन लोगों को फोन लगा देते हैं तो हम उन लोगों से कहना चाहते हैं कि ओये सुनो काम तो इतना पड़ा है कि काम को टालना पड़ता है लेकिन फिर भी हम रिश्तों को बचाने के लिए फोन लगा देते हैं क्योंकि हमको रिश्तों की अहमियत मालूम है।✍️✍️✍️

©प्रभाकर अजय शिवा सेन
  दोस्तों कुछ लोगों को लगता है कि हमारे पास कुछ काम-धंधा नही है।

दोस्तों कुछ लोगों को लगता है कि हमारे पास कुछ काम-धंधा नही है। #Life

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VEER NIRVEL

उसकी आँखें झील हैं तो क्या करें..
डूब जाएं..काम धंधा छोड़ दें...?
#Chai_Lover

©VEER NIRVEL उसकी आँखें झील हैं तो क्या करें..
डूब जाएं..काम धंधा छोड़ दें...?
#Chai_Lover

उसकी आँखें झील हैं तो क्या करें.. डूब जाएं..काम धंधा छोड़ दें...? #Chai_Lover

13 Love

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Dr.Vinay kumar Verma

मेरी दो बातें:सेल्फ मैनेजमेंट के सूत्र-19वां संकल्प- काम-धंधा,परिवार,परिजनों व खुद के लिए बजट बनाना #motivation

मेरी दो बातें:सेल्फ मैनेजमेंट के सूत्र-19वां संकल्प- काम-धंधा,परिवार,परिजनों व खुद के लिए बजट बनाना #Motivation #विचार

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MANJEET SINGH THAKRAL

 देश में वर्त्तमान संकट का सामना करने के लिए 24 अर्थशास्त्रियों और इंटेलेक्चुअल्स ने 7 सूत्रीय एक राष्ट्रीय योजना "मिशन जय हिन्द" का सुझाव सर

देश में वर्त्तमान संकट का सामना करने के लिए 24 अर्थशास्त्रियों और इंटेलेक्चुअल्स ने 7 सूत्रीय एक राष्ट्रीय योजना "मिशन जय हिन्द" का सुझाव सर #nojotophoto #Life_experience #MissionJaiHind

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Shravan Goud

आजकल कुछ घरों की हंसी गायब होते जा रही पुछने पर पता चला काम धंधा ठप्प हो गया है काम कम मिल रहा है नाउम्मीदी हो चली है। समय नाजुक हैं और सब पर भारी है। आजकल कुछ घरों की हंसी गायब होते जा रही पुछने पर पता चला काम धंधा ठप्प हो गया है काम कम मिल रहा है नाउम्मीदी हो चली है। समय नाजुक हैं और सब प

आजकल कुछ घरों की हंसी गायब होते जा रही पुछने पर पता चला काम धंधा ठप्प हो गया है काम कम मिल रहा है नाउम्मीदी हो चली है। समय नाजुक हैं और सब प

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संगीत कुमार

जन जीवन बदहाल हुआ
मानव उर पस्त हुआ
चीन जग में विष घोल दिया 
मानव जीवन बेहाल हुआ 
जन जीवन बदहाल हुआ

क्यों ऐसा नफरत घोल दिया 
जग अशांत सा हो गया 
काम धंधा सब ठप पड़ा 
जीवन व्याकुलता से जूझ रहा
जन जीवन बदहाल हुआ 

तेरा शैतानी जन जन जान गया
तेरा विस्तारवादी नीति अब टूट रहा
जान ले तू अब परास्त होगा 
तेरा गुमान सब चूर होगा
जन जीवन बदहाल हुआ

भारत से तू टकरा रहा
मानवता न अब  तुम में रहा
जान जा अब हिन्दुस्तानी जाग गया
तेरा अब अवसान होगा 
जन जीवन बदहाल हुआ

तू अब मिट्टी में  मिल ही जायेगा
तेरा अरमा चकनाचूर होगा
दुनिया में मुँह छुपा न पायेगा 
घुट घुट कर मर जायेगा 
जन जीवन बदहाल हुआ 

 (संगीत कुमार /जबलपुर )
 ✍🏽✍🏽स्व-रचित 🌹🌹 जन जीवन बदहाल हुआ
मानव उर पस्त हुआ
चीन जग में विष घोल दिया 
मानव जीवन बेहाल हुआ 
जन जीवन बदहाल हुआ

क्यों ऐसा नफरत घोल दिया 
जग अशांत सा हो

जन जीवन बदहाल हुआ मानव उर पस्त हुआ चीन जग में विष घोल दिया मानव जीवन बेहाल हुआ जन जीवन बदहाल हुआ क्यों ऐसा नफरत घोल दिया जग अशांत सा हो

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संगीत कुमार

जन जीवन बदहाल हुआ
मानव उर पस्त हुआ
चीन जग में विष घोल दिया 
मानव जीवन बेहाल हुआ 
जन जीवन बदहाल हुआ

क्यों ऐसा नफरत घोल दिया 
जग अशांत सा हो

जन जीवन बदहाल हुआ मानव उर पस्त हुआ चीन जग में विष घोल दिया मानव जीवन बेहाल हुआ जन जीवन बदहाल हुआ क्यों ऐसा नफरत घोल दिया जग अशांत सा हो

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Vandana

जो मैं लिखती हूं वह मेरी कलम की प्यास है।
मेरे मन मस्तिष्क में मंडराते मेरे विचार हैं। 
कभी खुद के अनुभव, "कभी जो घटित हुआ हो आस पास है।
ये आंखें जहां देखती वहां से कई विचारों
को घड़े में भर देती।
कभी भक्ति भाव से सराबोर हो जाती हूं 
कभी प्रेम के रस में डूब जाती हूं।
कभी आसमान में उड़ आती हूं।
कभी जमीन में मिट्टी से बीज को अंकुरित होते देखती हूं ।
कभी पंछियों को पेड़ों में बैठकर आपस में बातें करते देखती हूं।
कभी पत्तों को बेवजह हिलते देखती हूं। 
कभी धूप को छोटे से छेद से निकलते देखती हूं।
कभी धूप को कोने-कोने में जाते देखती हूं। 
मैं खुद को इन आंखों से कानो से 
खुशबू से जीवन को महसूस करती हुं।
खुद के जीवन को ही नहीं।
पृथ्वी में जहां जहां जीवन है।
उसको महसूस करती हूं।
उसको लिख लेती हुं।
 
 यह मत सोचना कि मैं खाली बैठी रहती हूं।
 और बस यही काम करती रहती हूं ।
इसे पढ़कर,,,,
जब भी वक्त मिलता है प्रकृति के साथ ,
अपने साथ ,
अपने अंत

यह मत सोचना कि मैं खाली बैठी रहती हूं। और बस यही काम करती रहती हूं । इसे पढ़कर,,,, जब भी वक्त मिलता है प्रकृति के साथ , अपने साथ , अपने अंत #NatureLove #yqdidi #yqtales #loveyourself #yqquotes #yqnature #ywrittings

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रविराज 'राशू'

..
Inhe bs itna bta do ki aaj sham ko 500/ milega to bs fir chahe kuchh bhi krwa lo..
Aur agr sath me ek daaru ki bottel dene ka lalach de d

.. Inhe bs itna bta do ki aaj sham ko 500/ milega to bs fir chahe kuchh bhi krwa lo.. Aur agr sath me ek daaru ki bottel dene ka lalach de d #nojotovideo

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Jeevan Rana

गुजरती रही जिंदगी धीरे धीरे,
वो बैठा रहा यमुना तीरे।
कभी यमुना को निहारे,
तो कभी डूबते हुए को निकले।
कुछ नहीं था उसके पास खाने को थे सिर्फ खीरे,
गुजरती रही जिंदगी धीरे धीरे।
सोचा बहुत समय है जिंदगी में सब कुछ कर लूंगा,
पैसे कमाकर महल बनाके सोने से भर दूंगा।
वो करता कुछ नहीं सिर्फ खाव बुनता था यमुना तीरे,
गुजरती रही जिंदगी धीरे धीरे।
सिर्फ सपने देखकर खुश हो जाए,
काम धंधा कुछ न कर पाए।
यमुना तीरे बांसुरी बजाए,
अपने को श्रीकृष्ण बताए।
अब उम्र निकल गई धीरे धीरे,
कैसे महल बनाए यमुना तीरे।
सोचा जिंदगी में अब क्या ही करूंगा,
हो गई उमर पूरी अब तो मरूंगा।
अब खाने को भी नही रहे खीरे ,
गुजरती रही जिंदगी धीरे धीरे।

©Jeevan Rana
  #गुजरती रही जिंदगी धीरे धीरे,
वो बैठा रहा यमुना तीरे।
कभी यमुना को निहारे,
तो कभी डूबते हुए को निकले।
कुछ नहीं था उसके पास खाने को थे सिर्फ

#गुजरती रही जिंदगी धीरे धीरे, वो बैठा रहा यमुना तीरे। कभी यमुना को निहारे, तो कभी डूबते हुए को निकले। कुछ नहीं था उसके पास खाने को थे सिर्फ #कविता

27 Views

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संगीत कुमार

(जीवन) 

कैसा ये जीवन बन गया। 
सब मानव कार्य छोड़ चला।। 
शाम-सुबह को तरस रहा। 
 काम धंधा न मिल सका।। 
कैसा ये जीवन बन गया। 

दिन तिमिर में  बदल गया। 
भूख-प्यास को मन तरस रहा।। 
दिमागी बुखार सिर चढ़ पड़ा।
प्राण उदासी से भर गया।। 
कैसा ये जीवन बन गया ।

बच्चे-बूढे भूख से बिलख रहें। 
करवट इधर-उधर बदल रहें।। 
राशन-पानी सब खर्च हो गये। 
हयात मुश्किल में बदल गये।। 
कैसा ये जीवन बन गया। 

जग मातम से छा गया। 
घर वेदना से भर गया। 
 जीवनरुपी प्यास न बुझ रहा।  
जान खण्डहर में बदल गया।।  
    कैसा ये जीवन बन गया। 

प्रकृति तूने ये क्या कर दिया?। 
जीवन मरण सा हो गया।। 
कैसा ये कहर फैल गया।
पानी पीने को मन तरस गया।। 
कैसा ये जीवन बन गया। 

(संगीत कुमार /जबलपुर) 
✒️स्व-रचित कविता 🙏🙏 (जीवन) 

कैसा ये जीवन बन गया। 
सब मानव कार्य छोड़ चला।। 
शाम-सुबह को तरस रहा। 
 काम धंधा न मिल सका।। 
कैसा ये जीवन बन गया।

(जीवन) कैसा ये जीवन बन गया। सब मानव कार्य छोड़ चला।। शाम-सुबह को तरस रहा। काम धंधा न मिल सका।। कैसा ये जीवन बन गया।

14 Love

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Vinay Kumar

फिर वही सवाल मेरे सामने
दोहराया गया
कुछ काम धंधा बढ़ाया क्या?
अगर नही है मुनाफा 
तो छोड़ क्यों नहीं देते
यू पी सरकार में भर्ती है
फॉर्म क्यों नही भरते फिर वही सवाल मेरे सामने
दोहराया गया
कुछ काम धंधा बढ़ाया क्या?
अगर नही है मुनाफा 
तो छोड़ क्यों नहीं देते
यू पी सरकार में भर्ती है
फॉर्म क्यों

फिर वही सवाल मेरे सामने दोहराया गया कुछ काम धंधा बढ़ाया क्या? अगर नही है मुनाफा तो छोड़ क्यों नहीं देते यू पी सरकार में भर्ती है फॉर्म क्यों #Poetry

20 Love

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Vedantika

दूसरा पहलू

जैसे ही सौरभ की कार ट्रैफिक सिग्नल पर रुकी, उसकी कार के शीशे पर एक दस्तक़ हुई। उसने शीशे में से झाँक कर देखा तो एक बच्चा उससे भीख मांग रहा था। उस बच्चे की जीभ भी कटी हुई थी।

सौरभ ने उस बच्चे को डाँटते हुए कहा- “शर्म नहीं आती इस तरह से भीख मांगते हुए। कुछ काम धंधा करके पैसे कमाओ और पढ़ने की कोशिश करो। चलो अब जाओ यहाँ से।"

वो बच्चा काफ़ी देर तक वहीं पर खड़ा रहा और फिर वहां से चला गया। सौरभ की पत्नी प्रिया उसी कार में बैठी हुई थी। उससे यह सब देखा नहीं गया तो उसने सौरभ से कहा- “हर सिक्के के दो पहलू होते हैं सौरभ। कोई भी बच्चा अपनी खुशी से भीख नही मांगता।

सौरभ ने जैसे कुछ सुना ही नही। वो प्रिया को लेकर ऑफिस आया और दोनों दिनभर काम करते रहे। शाम के समय जब प्रिया ने फोन पर पढ़ा तो उसके आँसू रुक नहीं रहे थे। सौरभ के पूछने पर उसने उसे एक तस्वीर दिखाई जिसमें आज सुबह मिलने वाले उसी बच्चे की लाश के बारे लिखा था जिसे भिखारियों के गिरोह ने मार डाला था।

 प्रविष्टि-२

दूसरा पहलू

जैसे ही सौरभ की कार ट्रैफिक सिग्नल पर रुकी, उसकी कार के शीशे पर एक दस्तक़ हुई। उसने शीशे में से झाँक कर देखा तो एक ब

प्रविष्टि-२ दूसरा पहलू जैसे ही सौरभ की कार ट्रैफिक सिग्नल पर रुकी, उसकी कार के शीशे पर एक दस्तक़ हुई। उसने शीशे में से झाँक कर देखा तो एक ब

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2novicity

Parathe wali gali to kachori wali gali
4th post Saumya phir apne doston ke sath घुमता फिरता है, अपना weekend enjoy karta hai aur agle din sunday ko subah 7 baje ghar aata hai aur apne kamr

Saumya phir apne doston ke sath घुमता फिरता है, अपना weekend enjoy karta hai aur agle din sunday ko subah 7 baje ghar aata hai aur apne kamr #KhushiRajbhar #parathewaligalitokachoriwaligali #saumyaandswarnima

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Amit Mishra

पैशन और पढ़ाई आजकल मार्केट में एक नई खेप आयी है मोटिवेशनल स्पीकर्स की जो बच्चों को सिखाते हैं कि आप अपने मार्क्स पर ध्यान मत दीजिए... बिना पढ़े भी बहुत कुछ

आजकल मार्केट में एक नई खेप आयी है मोटिवेशनल स्पीकर्स की जो बच्चों को सिखाते हैं कि आप अपने मार्क्स पर ध्यान मत दीजिए... बिना पढ़े भी बहुत कुछ

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SamadYusufzai

 मैं स्कूल नही जाऊंगा 

रमज़ान का रहमतों भरा महीना
जुमे का दिन मस्जिद पूरी तरह से भरी हुई

एक पाँच छ साल का मासूम सा बच्चा अपनी छोटी बहन को ले

मैं स्कूल नही जाऊंगा रमज़ान का रहमतों भरा महीना जुमे का दिन मस्जिद पूरी तरह से भरी हुई एक पाँच छ साल का मासूम सा बच्चा अपनी छोटी बहन को ले #story #Home #simplysamad

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Mayank Aggarwal

पढ़ा लिखा निकम्मा 

     भाग-1 मैं अपने बचपन के दोस्त से मिलने उसके घर के लिए निकला ही था कि नुक्कड़ पर चचा ने पीछे से टोक दिया, "शहर में सब कैसा चल रिया है"...पुरे गाँव मे

मैं अपने बचपन के दोस्त से मिलने उसके घर के लिए निकला ही था कि नुक्कड़ पर चचा ने पीछे से टोक दिया, "शहर में सब कैसा चल रिया है"...पुरे गाँव मे #yqbaba #yqdidi #yqhindi #yqhumour #DarkMan

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Amar Anand

-परम सत्य योगपथ-
आत्मज्ञान प्रथम भाग -1
धर्म क्या है ?
मानव जीवन का मूल उद्देश्य क्या है ?
आत्मिक चिंतन
नीचे कैप्शन में...

-Amar Bairagi 
हमलोग समाज में प्रतिदिन रामायण , गीता , महाभारत  आदि धार्मिक ग्रंथ पढ़ते हैं 
बढ़े बूढ़ों को एक एक कहानी हर छोटी से छोटी स्टेप मालूम है कहने क

हमलोग समाज में प्रतिदिन रामायण , गीता , महाभारत आदि धार्मिक ग्रंथ पढ़ते हैं बढ़े बूढ़ों को एक एक कहानी हर छोटी से छोटी स्टेप मालूम है कहने क

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शशांक गौतम

किस्सागोई की कड़ी में एक और किस्सा लिख रहा हूँ !
किस्सा नीचे कैप्शन में दिया है  किस्सागोई की कड़ी में एक किस्सा लिख रहा हूँ,उम्मीदतन आप जुड़ा महसूस कर पाएं 

उस रोज रविवार नही था,सरकारी छुट्टी थी और  प्राइवेट नौकरी करने वा

किस्सागोई की कड़ी में एक किस्सा लिख रहा हूँ,उम्मीदतन आप जुड़ा महसूस कर पाएं उस रोज रविवार नही था,सरकारी छुट्टी थी और प्राइवेट नौकरी करने वा

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i am Voiceofdehati

कसम, कदम, कलम
         हमेशा
सोच समझ कर उठाना चाहिए।। #कसम #कदम #कलम
#विजयंत_सिंह
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AnkitPalWriter

#ढोंगी_बाबा 

बाबा जी बाबा जी की रट 
लगाए रहते हो 
भोगियों को जोगी-जोगी कहते हो 
अपने आप को वे अवघड़ बताते है
जो साल भर एक बार नहाते है ।।
उनके जंजाल मे फंस लोग जाते है
सब कुछ अच्छा हो जाएगा
ऐसा बाबा जी कहते है।।

 इसीलिए आज़ का समाज पीछे है -:
(धर्म नही धंधा है, पढ़ा लिखा भी अंधा है)

                     कवि अंकित पाल
               उत्तर प्रदेश जनपद आजमगढ़

©AnkitPalWriter #धर्म नही धंधा है पढ़ा लिखा भी अंधा है।। #poetry #Poetry #Ankitpalwriter

#धर्म नही धंधा है पढ़ा लिखा भी अंधा है।। poetry Poetry #Ankitpalwriter #प्रेरक #ढोंगी_बाबा

15 Love

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Manish Kumar Savita

कोई धंधा भले ही छोटा या बड़ा नही होता पर लोग आपको आपके पेशे के हिसाब से पहचानते है और आपसे वैसे ही पेश आते हैं।।
#Manish Kumar Savita #धंधा
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Officialmaaheemukesh

पक्का प्रेम नहीं बस जिस्मों का धंधा हो गया 

सच में मेरे दोस्त आजकल प्रेम अंधा हो गया


माही 🖋️ #धंधा
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Ashish 9917374450

धर्म नहीं धंधा हैं, पढ़ा लिखा भी अंधा हैं। #NojotoQuote धंधा

धंधा

14 Love

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BROKENBOY

इश्क़ खुदकुशी का धंधा है, 
अपनी ही लाश अपना ही कंधा है.😇

©BROKENBOY #thelunarcycle 
इश्क़ खुदकुशी का धंधा है, 
अपनी ही लाश अपना ही कंधा है.😇

#thelunarcycle इश्क़ खुदकुशी का धंधा है, अपनी ही लाश अपना ही कंधा है.😇 #2023Recap

19 Love

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akshat tripathi

सौदा क्या ग़ज़ब ग्यान का उपयोग किया है
माँ बाबा ने धंधे में सौदा करना बताया था
पर उसने तो हमारे रिश्तों में ही व्यापार कर दिया..! #धंधा #सौदा
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Arora PR

मै जानता हूँ.
तु  भी
खुदा का  बंदा है
फिर मै कैसे  मान लू 
कि तू  आँख  से अंधा है
मुझे  लगता हैतुम्हारा ये 

भीख  माँगने के लिए 
  गोरखधंधा  है

©Arora PR
   गोरख धंधा

गोरख धंधा #कविता

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