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Divyanshu Pathak
मन एक बार जागृत हो जाए तो फिर उसे सोने नहीं दें। यह जागरण ही अहंकार की मूच्र्छा से बाहर निकालेगा। जागरण की इस शक्ति को उच्च श्रेणी की बनाना ही जीवन को ऊध्र्वगामी बनाना है। भारी चीज ऊपर नहीं उठती, नीचे ही गिरती है। ऊंचा उठने के लिए अहंकार के भार को कम करके मन के भावों को हल्का बनाना आवश्यक है। अहंकार-मुक्ति का सरलतम उपाय है कि हम स्वयं के बारे में बात करना बन्द कर दें। अपने सम्मुख किसी को अपनी प्रशंसा भी नहीं करने दें। स्वयं के बार
khamosh khat
हम सभी स्वस्थ आैर स्वच्छ रहना चाहते हैं। अपने शरीर की बाहरी सफाई का ध्यान तो हम रख लेते हैं लेकिन शरीर के भीतर की सफाई का काम हमारी किडनी (गुर्दा) संभालता है। यह हमारे शरीर की विषाक्तता आैर अनावश्यक कचरे को बाहर निकालकर हमें स्वस्थ रहने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हालांकि हमारे शरीर में दो किडनी होती हैं लेकिन केवल एक किडनी ही सारी जिंदगी सभी महत्वपूर्ण कार्यों को पूरा करने में अकेले ही सक्षम होती है। हाल के वर्षों में डायबिटीज आैर हाई ब्लडप्रेशर के मरीजों की संख्या में तेजी हो रही वृद्धि भविष्य में किडनी रोगियों की संख्या में तेजी से होने वाली वृद्धि को दर्शाता है। यही वजह है कि दुनिया भर के सैकड़ों लोगों जिनमें बच्चे भी शामिल हैं, को प्रभावित करने वाले किडनी रोग के प्रति जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से हर साल मार्च के दूसरे बृहस्पतिवार को वल्र्ड किडनी डे मनाया जाता है। इस साल 10 मार्च को वल्र्ड किडनी डे मनाया जाएगा है। यह लोगों में किडनी की बीमारियों की समझ, उनकी रोकथाम और उनका जल्द उपचार शुरू करने के लिए जागरूकता उत्पन्न करता है। प्रतिवर्ष यह किसी थीम पर आधारित होता है आैर इस वर्ष की थीम है ‘बच्चों में किडनी रोग : बचाव के लिए जल्द प्रतिक्रिया करें! किडनी डिजीज बच्चों को कई रूपों में प्रभावित करती है जिसमें इलाज किये जाने वाले विकारों के साथ ही जीवन को खतरे में डालने वाले लंबे समय वाले परिणाम शामिल हैं। बच्चों में होने वाले मुख्य किडनी डिजीज- नेफ्रोटिक सिन्ड्रोम यह एक आम किडनी की बीमारी है। पेशाब में प्रोटीन का जाना, रक्त में प्रोटीन की मात्रा में कमी, कोलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर और शरीर में सूजन इस बीमारी के लक्षण हैं। किडनी के इस रोग की वजह से किसी भी उम्र में शरीर में सूजन हो सकती है, परन्तु मुख्यत: यह रोग बच्चों में देखा जाता है। उचित उपचार से रोग पर नियंत्रण होना और बाद में पुन: सूजन दिखाई देना, यह सिलसिला सालों तक चलते रहना यह नेफ्रोटिक सिन्ड्रोम की विशेषता है। लम्बे समय तक बार-बार सूजन होने की वजह से यह रोग मरीज और उसके पारिवारिक सदस्यों के लिए एक चिन्ताजनक रोग है। नेफ्रोटिक सिन्ड्रोम में किडनी के छन्नी जैसे छेद बड़े हो जाने के कारण अतिरिक्त पानी और उत्सर्जी पदार्थों के साथ-साथ शरीर के लिए आवश्यक प्रोटीन भी पेशाब के साथ निकल जाता है, जिससे शरीर में प्रोटीन की मात्रा कम हो जाती है और शरीर में सूजन आने लगती है। श्वेतकणों में लिम्फोसाइट्स के कार्य की खामी के कारण यह रोग होता है ऐसी मान्यता है। इस बीमारी के 90 प्रतिशत मरीज बच्चे होते हैं जिनमें नेफ्रोटिक सिन्ड्रोम का कोई निश्चित कारण नहीं मिल पाता है। इसे प्राथमिक या इडीओपैथिक नेफ्रोटिक सिन्ड्रोम भी कहते हैं। वीयूआर कई बार बड़े बच्चे भी बिस्तर खराब कर देते हैं। ऐसे में उन्हें वेसिको यूरेटेरिक रिफ्लक्स या वीयूआर की आशंका हो सकती है। यह वह रोग है, जिसमें (वाइल यूरिनेटिंग) यूरिन वापस किडनी में आ जाती है। वीयूआर में शिशु बार-बार मूत्र संक्रमण (यूटीआई) का शिकार होता है आैर इसके कारण उसे बुखार आता है। आमतौर पर फिजिशियन बुखार कम करने के लिए एंटीबायोटिक देते हैं लेकिन वीयूआर धीरे-धीरे आर्गन को डैमेज करता रहता है। वीयूआर नवजात शिशुओं और छोटे बच्चों की आम समस्या है, लेकिन इससे बड़े बच्चे और वयस्क भी प्रभावित हो सकते हैं। सौ नवजात शिशुओं में से एक या दो शिशु वीयूआर से पीडि़त होते हैं। अध्ययन बताते हैं कि वीयूआर से प्रभावित बच्चे के भाई या बहन में से 32 प्रतिशत में यह समस्या देखी गई है। वीयूआर एक आनुवांशिक रोग है। अगर शुरुआती दौर में वीयूआर का इलाज किया जाए तो आसानी से ठीक किया जा सकता है, लेकिन बाद की स्टेज में यह किडनी फेलियर आैर ट्रांसप्लांट का मुख्य कारण बनता है। यूटीआई बच्चों में यूटीआई को डायग्नोज करना कठिन होता है। उपचार न कराया जाए तो उम्र बढ़ने के साथ लक्षण भी बढ़ने लगते है जैसे नींद में बिस्तर गीला करना, उच्च रक्तचाप, यूरिन में प्रोटीन आना, किडनी फेलियर। लड़कियों में इसके होने की आशंका लड़कों से दुगनी होती है। अगर यूटीआई का उपचार नहीं कराया जाए तो किडनी के ऊतकों को स्थायी नुकसान पहुंचता है, जिसे रिफ्लक्स नेफ्रोपैथी कहा जाता है। जब यूरिन का बहाव उल्टा होता है तो किडनी पर सामान्य से अधिक दबाव पड़ता है। अगर किडनी संक्रमित हो जाती है तो समय के साथ उतकों के क्षतिग्रस्त होने की आशंका बढ़ जाती है। इससे उच्च रक्तचाप और किडनी फेलियर होने का खतरा अधिक हो जाता है। क्रोनिक किडनी डिजीज यह शिशु में बर्थ डिफेक्ट (शिशु केवल एक किडनी के साथ या किडनी की असामान्य संरचना के साथ पैदा हो), आनुवांशिक रोग (जैसे पॉलिसिस्टिक किडनी डिजीज), इंफेक्शन, नेफ्रोटिक सिंड्रोम (ऐसे लक्षणों का समूह जिसमें यूरिन में प्रोटीन आैर पानी का खत्म होना आैर शरीर में नमक प्रतिधारणा जो यह किडनी डैमेज का संकेत दे), सिस्टेमिक डिजीज (जिसमें किडनी के साथ ही शरीर के कई अंग शामिल हों जैसे फेफेड़े), यूरिन ब्लॉकेज आदि शामिल है। जन्म से लेकर चार वर्ष तक बर्थ डिफेक्ट आैर आनुवांशिक रोग किडनी फेलियर का कारण बनते हैं। पांच से चौदह वर्ष की उम्र तक किडनी फेलियर का मुख्य कारण आनुवांशिक रोग, नेफ्रोटिक सिंड्रोम आैर सिस्टेमिक डिजीज बनता है। किडनी रोग के लक्षण चेहरे में सूजन -भूख में कमी मितली, उल्टी -उच्च रक्तचाप -पेशाब संबंधित शिकायतें, झांग आना -रक्त अल्पता, कमजोरी -पीठ के निचले हिस्से में दर्द -शरीर में दर्द, खुजली, और पैरों में ऐंठन – किडनी की बीमारियों की सामान्य शिकायतें हैं। मंद विकास, छोटा कद और पैर की हडिड्यों का झुकना आदि, किडनी की खराबी वाले बच्चों में आम तौर पर देखा जाता है। डॉक्टर सुदीप सचदेव | नारायाणा सुपेर्स्पेसियालिटी हॉस्पिटल गुरुग्रम हम सभी स्वस्थ आैर स्वच्छ रहना चाहते हैं। अपने शरीर की बाहरी सफाई का ध्यान तो हम रख लेते हैं लेकिन शरीर के भीतर की सफाई का काम हमारी किडनी (
Vikas Sharma Shivaaya'
सूर्य के सात घोड़े.... कलर थेरपी (पानी बोतल)... 🔆 सूर्य की रोशनी में सात रंग शामिल हैं .. और इन सब रंगो के अपने अपने गुण और लाभ है । •🍾• काँच की एक बोतल लें - उसे साफ पीने के पानी से भरकर सात दिन तक धूप में रखें और चाहे तो किसी सूती कपड़े से उसका मुँह बाँध लें । अब - जिस रंग की काँच की बोतल आप उपयोग में लायेंगे - उसमे सूर्य के उस रंग का गुण अथवा लाभ आ जायेगा। मूलाधार चक्र.. •❤• लाल रंग की काँच की बोतल -* यह पानी ज्वर, दमा, खाँसी, मलेरिया, सर्दी, ज़ुकाम, सिर दर्द और पेट के विकार आदि में लाभ कारक है।* स्वाध्यीष्टान चक्र.. 🔶• नारंगी रंग की काँच की बोतल -* यह पानी - वात रोग, अम्लपित्त, अनिद्रा, और कान के रोग दूर करता है।* मणीपूर चक्र.. •💛• पीले रंग की काँच की बोतल -* यह पानी - चोट ,घाव रक्तस्राव, उच्च रक्तचाप, दिल के रोग, अतिसार आदि में फ़ायदा करता है।* अनाहात चक्र.. •💚• हरे रंग की काँच की बोतल .-* यह पानी स्नायुरोग, नाडी संस्थान के रोग, लिवर के रोग, श्वास रोग को दूर करने में सहायक है। विशुध्द चक्र... •💙• आसमानी रंग की काँच की बोतल -* यह पानी - स्नायु रोग, यौनरोग, सरदर्द, सर्दी- जुकाम आदि में सहायक है।* *आज्ञा चक्र.. •💙• नीले रंग की काँच की बोतल -* यह पानी - दाह, अपच, मधुमेह आदि में लाभकारी है। सहत्रार चक्र.. •💜• बैंगनी रंग की काँच की बोतल -* यह पानी - श्वास रोग, सर्दी, खाँसी, मिर्गी ..दाँतो के रोग में सहायक है । ▶नोट :- कुछ दिन तक ये पानी थोड़ा-थोड़ा करके पियें - चाहें तो फिर से एक नई बोतल पानी से भरकर रखें... विष्णु सहस्रनाम(एक हजार नाम) आज 754 से 765 नाम 754 धन्यः कृतार्थ हैं 755 सत्यमेधः जिनकी मेधा सत्य है 756 धराधरः जो अपने सम्पूर्ण अंशों से पृथ्वी को धारण करते हैं 757 तेजोवृषः आदित्यरूप से सदा तेज की वर्षा करते हैं 758 द्युतिधरः द्युति को धारण करने वाले हैं 759 सर्वशस्त्रभृतां वरः समस्त शस्त्रधारियों में श्रेष्ठ 760 प्रग्रहः भक्तों द्वारा समर्पित किये हुए पुष्पादि ग्रहण करने वाले हैं 761 निग्रहः अपने अधीन करके सबका निग्रह करते हैं 762 व्यग्रः जिनका नाश नहीं होता 763 नैकशृंगः चार सींगवाले हैं 764 गदाग्रजः मंत्र से पहले ही प्रकट होते हैं 765 चतुर्मूर्तिः जिनकी चार मूर्तियां हैं 🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' सूर्य के सात घोड़े.... कलर थेरपी (पानी बोतल)... 🔆 सूर्य की रोशनी में सात रंग शामिल हैं .. और इन सब रंगो के अपने अपने गुण और लाभ है ।
AB
मातृत्व : एक आकांक्षा :- प्रेम का शाश्वत स्वरूप जहां वास्तव में होते हैं दो जिस्म और एक जान ( अनुशीर्षक ) किसी ने मुझसे कहा था 7वें माह में अगर बच्चा हो जाये तो वह बच जाता है, और इन सात माह को पुरे होने में मात्र केवल चार दिन थे, डॉक्टर्स का
Anita Saini
शिक्षक दिवस का ध्येय वर्तमान में शिक्षा का उद्देश्य और स्तर! क्रमशः सर्वप्रथम सच्चे आदर्शवादी गुरुओं को नमन शिक्षक दिवस की कोटि कोटि शुभकामनाएं🙏🏼🙏🏼💓💐💐 Note- कमजोर दिल वाले और उच्च रक्तचाप के मरीज दूरी बनाए र
AB
( अनुशीर्षक ) उज्ज्वला शुक्ला🖤... तुम्हें पता है गुज्जु,. ईश्वर ने मनुष्य को उपहार स्वरूप ही तो भेंट किया है जीवन,. और साथ ही छीन ली उससे उसकी स्मरण शक्
Gunjan Agarwal
#निम्न_उच्च_रक्तचाप हाल न पूछो हमसे तुम अब हाल हुआ जाता बेहाल। कभी चहक उठती हूँ मैं ज्यों महक उठे महुए की डाल। दिल की धड़कन बड़ी निराली कभी न स्थिर हो चलती- कभी धौंकनी सी चलती है कभी चलें कछुए की चाल। - गुंजन अग्रवाल 😐 ©Gunjan Agarwal #heartout #रक्तचाप #bloodpressure