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Harsh Anand
किसी का खून बहाना कोई बड़ी बात नहीं चाहे वो अपना हो या सामने वाले का, बड़ी बात तो ये है कि जिस्म से टपका वह लहू आने वाली नस्लों के लहू में उबाल ला सकता है या नहीं। – "शहीद" भगत सिंह #शहीद–ए–आज़म
Ankit Mishra
कितने आफ़ताब भरे होगे शहादत कि कलम में तूने, जो मैनें हर एक हर्फ पर इन्कलाब पढा है। शहीद-ए-आज़म के नाम
WhoSiddhantSingh
ये सियासतग़र आज भी अपनी आलीशान कोठियों में आजा़दी का जश्न हर रोज़ मनाते हैं ।। दूसरी तरफ वो ग़रीब किसान जो अपना ऋण अपनी जान देकर हर रोज़ चुकाते हैं।। ये दोनो ही तसवीरें हमारे आपके वर्तमान के हिन्दुस्तान की है।। क्यों नहीं कोई कीमत सरहद पर शहीद हुए उस जवान की है।। आज महामारी और बाड़ में बरबाद हुए लोगों की लाखों में तादाद है।। 1857 से आज तक आजा़दी की लडा़ई लड़ रहा मेरा हिन्दुस्तान मुझे आज भी याद है ।। -whoसिddhantसिngh?? शहीद-ए-आज़म 🖋🔥 #bhagatsingh
Harsh Anand
दिल से निकलेगी ना मरके भी वतन कि उल्फत... मेरी मिट्टी से भी खुशबू–ए–वफ़ा आएगी। #शहीद – ए–आज़म भगत सिंह के नाम
Kavi Swaroop Dewal Kundal
शहीद-ए-आज़म सरदार भगत सिंह जी (27 सितम्बर 1907-23 मार्च 1931) जिस मुल्क में चरखे से आज़ादी लाई गई है वहाँ हर जियाले की शहादत यूँ ही भुलाई गई है हर शहर हर चौराहे पर गाँधी की प्रतिमाएँ तो है बताओ गर कहीं भगत सिंह की भी मूर्ति लगाई गई है आज के दिन भी चंद लोगों को याद आया है वो शेर वरना तो ना जाने कितनी बरसियाँ गई और आई है जिसके बलिदानों की बदौलत हम शान से जी रहे है ये खुशबु जो आ रही है ये क्यारी उस वीर की लगाई है रंग शहादत का हमको बचा कर रखना होगा हमेशा ये जो हमारे दिल में हैं ये उस भगत की रोशनाई है माँ के सपूतों का नाम भी अमर रखना होगा हमको ये वो वीर हैं जिसने अपने वतन की आबरू बचाई है शहीद-ए-आज़म सरदार भगत सिंह जी
Rahil Azam
ये सांसें ये धड़कन ये मेरी जिंदगी कहती है एक किस्सा मेरे आपके मोहब्बत का ये फसलों की दीवारों में कही छुपी हुई राज अफसानों के अंजुमन में कुछ बिखरी यादें कहकाशाओं के हसीन मुनाजिर कभी समाया एक वादों में बिसरी हुई सी गुलशन ख्वाब के गुफ्तगू में दिल कहता है तुम बिन जिया जाए कैसे ,,,, ©Rahil Azam #राहिल आज़म ।।
Rahil Azam
#5LinePoetry आज सूना सूना सा हूं इस कोह ए जहां में ये आफताब गुरूब हुआ है मेरे दबिस्ता में कह दो ना ना बीते वो शब के पल इस तरह दो गज भी नसीब ना हुआ इस खाक ए यार में ©Rahil Azam #राहिल आज़म #5LinePoetry
Rahil Azam
#AzaadKalakaar मैं हिंदुस्तान हूं जानते जो कब से जब से मेरे अंदर हर मजहब का अदब है हर त्योहार का संगम है मैं हिंदुस्तान हूं जानते जो कब से जब से किसी ने कहा सारे जहां से अच्छा हिंदुस्ता हमारा हिंदुस्ता हमारा #राहिल आज़म ©Rahil Azam #राहिल आज़म #AzaadKalakaar