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Deo

बुद्धि ही बल है। बल

बल

14 Love

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Pooja Mehra poetry

ना करो भरोसा औरों पर इतना
 अगर इतना ही खुद पर किया होता
 तो ना जाने क्या कमाल कर दिया 
 होता... 
pooja mehra ✍️ #आत्म बल

44 Love

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Krishnendubach

बल हे तो तू बल के बल पे चल, चल तू अपने बलसे ए बाल दिवस। बल दिवस।

बल दिवस।

0 Love

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हिमांशु ममगाईं

union budget memes                when running

others- woow kitna badhiya
 mausam hai.

pahadi- aaj pakka light 
           JAALI WHA😊 पहाड़ी बल

पहाड़ी बल #Comedy

1 Love

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शिवा क्षत्रिय

परिंदे भी जिसे छू न सके,
उस हिंदुस्तान का अभिमान हे अभिनन्दन ! #NojotoQuote @सुरक्षा बल

@सुरक्षा बल

6 Love

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Ajay Pandey

ज्योहीं वो मुझपे  अभिकेंद्रीय बल लगाती है ...
मेरी मंजिल मुझे अपकेंद्रीय बल लगाकर खिंच लेती है,
और मैं संतुलित हो जाता हूँ। अभिकेंद्रीय बल

अभिकेंद्रीय बल #Shayari

9 Love

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Seema Rawat

#DearZindagi छोड़ एगेया अपणी गो गुठियारी
छोड़ एगेया अपणी रीत पुराणी
बानू बणेकि पहाड़ बटीं शहर मा बसी गैनी
थोड़ा ट्रेंड क्या चली,,
शहरी भी बोलणा लेगेनि हा
मैं भी छू पहाड़ी।। पहाड़ी बल😎

पहाड़ी बल😎 #Quote #DearZindagi

3 Love

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Rʌʋsʜʌŋ Kʋjʋʀ

जीवन का हर दाव अगर जीतना है तो।।
बल से ज्यादा बुद्धि का उपयोग करें।।।
क्योंकि बल लड़ना सिखाता है और बुद्धि जीतना।।

©Rʌʋsʜʌŋ Kʋjʋʀ
  बल और बुद्धि

बल और बुद्धि #Life

27 Views

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जगदीश कुमार

धन बल बुद्धि...

धन बल बुद्धि... #विचार

27 Views

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mahi

आत्म बल ही जीवन का एक शिखर है. 

..... माही #sunrays आत्म बल

#sunrays आत्म बल

5 Love

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हिमांशु ममगाईं

सांवला

कल्या कल्या बल😃

कल्या बल😃

1 Love

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Pradyumn awsthi

संगठन में बहुत ही ज्यादा शक्ति होती है
संगठन के द्वारा बड़े से बड़े काम भी हो 
जाते हैं लेकिन बिना संगठन के तो 
कुछ बात ही नहीं बन पाती है।

©Pradyumn awsthi #बल,एकता का

#बल,एकता का #जानकारी

11 Love

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MD Iftekhar

एकता में बल है

एकता में बल है #Quotes

27 Views

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Dr.Rajeshwari Yadav

#उत्प्लावन बल
#Upthurst force
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Balram Singh Thakur

††††††††††††††††††††††††
               *शीशे में बल*
******************************
मालूम न  था  कि तेरा और भी कल है,
पर वो कैसे जाये,जो शीशे में *बल* है।

पर अपना  तो  बस, है एक  ही ख्याल ,
के  तू  ही मेरी  सूत  है,तू  ही असल है।

मैं नहीं बदला,आदमी आज भी वही हूँ,
बस हालात गए बदल,तो तू गई बदल है।

पर दिल पर लगे दाग यूँ  धोओगी  कैसे,
हमें तो इसी बात की फिक्र है,खलल है।

तुम सफर चाहती हो, रहो हमसफर बन,
*बल*की ज़िन्दगी तो बस एक ग़ज़ल है।
*******************************
*******************************
                *बल्लू-बल*

©Balram Singh Thakur शीशे में 'बल'

#reading

शीशे में 'बल' #reading

5 Love

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Manzoor Alam Dehalvi

अगर स्वास्थ्य आपकी धन है   
तो शिक्षा आपकी सम्पत्ति है। 

अगर संघर्ष आपकी जीवन है    
तो चलती का नाम गाड़ी है। 

अगर कर्म ही आपकी पूजा है   
तो इंसानियत आपकी धर्म है। 

अगर व्यवहार आपकी सुंदरता है
तो सम्मान आपकी संस्कार है। 

अगर एकता आपकी बल है
तो हिंदू मुस्लिम करना व्यर्थ है।

©Manzoor Alam Delhi # एकता ही बल है।

# एकता ही बल है। #विचार

81 Love

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प्रभाकर अजय शिवा सेन

विद्या बल करने लगे,शाश्वत जग का नाश।
चाह असंगत पुत्र की,बाँध ब्रह्मा के पाश।।
जय हिंद जय भारत,शुप्रभात,नमस्कार दोस्तों।
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🤗🤗🤗🙏🙏🙏

©प्रभाकर अजय शिवा सेन
  विद्या बल करने लगे।

विद्या बल करने लगे। #Poetry

47 Views

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Krishna Kumar

एकता का बल

एकता का बल   एक समय की बात हैं कि कबूतरों का एक दल आसमान में भोजन की तलाश में उडता हुआ जा रहा था। गलती से वह दल भटककर ऐसे प्रदेश के ऊपर से गुजरा, जहां भयंकर अकाल पडा था। कबूतरों का सरदार चिंतित था। कबूतरों के शरीर की शक्ति समाप्त होती जा रही थी। शीघ्र ही कुछ दाना मिलना जरुरी था। दल का युवा कबूतर सबसे नीचे उड रहा था। भोजन नजर आने पर उसे ही बाकी दल को सुचित करना था। बहुत समय उडने के बाद कहीं वह सूखाग्रस्त क्षेत्र से बाहर आया। नीचे हरियाली नजर आने लगी तो भोजन मिलने की उम्मीद बनी। युवा कबूतर और नीचे उडान भरने लगा। तभी उसे नीचे खेत में बहुत सारा अन्न बिखरा नजर आया “चाचा, नीचे एक खेत में बहुत सारा दाना बिखरा पडा हैं। हम सबका पेट भर जाएगा।’ सरदार ने सूचना पाते ही कबूतरों को नीचे उतरकर खेत में बिखरा दाना चुनने का आदेश दिया। सारा दल नीचे उतरा और दाना चुनने लगा। वास्तव में वह दाना पक्षी पकडने वाले एक बहलिए ने बिखेर रखा था। ऊपर पेड पर तना था उसका जाल। जैसे ही कबूतर दल दाना चुगने लगा, जाल उन पर आ गिरा। सारे कबूतर फंस गए। कबूतरों के सरदार ने माथा पीटा “ओह! यह तो हमें फंसाने के लिए फैलाया गया जाल था। भूख ने मेरी अक्ल पर पर्दा डाल दिया था। मुझे सोचना चाहिए था कि इतना अन्न बिखरा होने का कोई मतलब हैं। अब पछताए होत क्या, जब चिडिया चुग गई खेत?” एक कबूतर रोने लगा “हम सब मारे जाएंगे।” बाकी कबूतर तो हिम्मत हार बैठे थे, पर सरदार गहरी सोच में डूबा था। एकाएक उसने कहा “सुनो, जाल मजबूत हैं यह ठीक हैं, पर इसमें इतनी भी शक्ति नहीं कि एकता की शक्ति को हरा सके। हम अपनी सारी शक्ति को जोडे तो मौत के मुंह में जाने से बच सकते हैं।” युवा कबूतर फडफडाया “चाचा! साफ-साफ बताओ तुम क्या कहना चाहते हो। जाल ने हमें तोड रखा हैं, शक्ति कैसे जोडे?” सरदार बोला “तुम सब चोंच से जाल को पकडो, फिर जब मैं फुर्र कहूं तो एक साथ जोर लगाकर उडना।” सबने ऐसा ही किया। तभी जाल बिछाने वाला बहेलियां आता नजर आया। जाल में कबूतर को फंसा देख उसकी आंखें चमकी। हाथ में पकडा डंडा उसने मजबूती से पकडा व जाल की ओर दौडा। बहेलिया जाल से कुछ ही दूर था कि कबूतरों का सरदार बोला “फुर्रर्रर्र!” सारे कबूतर एक साथ जोर लगाकर उडे तो पूरा जाल हवा में ऊपर उठा और सारे कबूतर जाल को लेकर ही उडने लगे। कबूतरों को जाल सहित उडते देखकर बहेलिया अवाक रह गया। कुछ संभला तो जाल के पीछे दौडने लगा। कबूतर सरदार ने बहेलिए को नीचे जाल के पीछे दौडते पाया तो उसका इरादा समझ गया। सरदार भी जानता था कि अधिक देर तक कबूतर दल के लिए जाल सहित उडते रहना संभव न होगा। पर सरदार के पास इसका उपाय था। निकट ही एक पहाडी पर बिल बनाकर उसका एक चूहा मित्र रहता था। सरदार ने कबूतरों को तेजी से उस पहाडी की ओर उडने का आदेश दिया। पहाडी पर पहुंचते ही सरदार का संकेत पाकर जाल समेत कबूतर चूहे के बिल के निकट उतरे। सरदार ने मित्र चूहे को आवाज दी। सरदार ने संक्षेप में चूहे को सारी घटना बताई और जाल काटकर उन्हें आजाद करने के लिए कहा। कुछ ही देर में चूहे ने वह जाल काट दिया। सरदार ने अपने मित्र चूहे को धन्यवाद दिया और सारा कबूतर दल आकाश की ओर आजादी की उडान भरने लगा। सीखः एकजुट होकर बडी से बडी विपत्ति का सामना किया जा सकता हैं।

©Krishna Kumar #aahat 
एकता का बल

#aahat एकता का बल #कामुकता

14 Love

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Praveen Jain "पल्लव"

पल्लव की डायरी
पतझरो सी झरती जिंदगी
कपोले अब तक नही फूटी है
आगमन नही होगा अब बसन्त का
कड़ियाँ जीवन की टूटी है
वतन की मिट्टी में किसने जहर घोलकर
सदियो पुरानी जड़ो ने दम तोड़ा है
अवसरवादी नीतियों ने
मानव का सुख चैन छीना है
आत्मबल पर जीने वालो पर
छल बल का डेरा है
सुख शांती सब कैद किये
सत्ताओ का चेहरा  काला है
व्यवस्ताओ में बिष बो दिया
तड़पता हिंदुस्तान हमारा है
                      प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" छल बल का डेरा है

छल बल का डेरा है

40 Love

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Jitendra Kumar Som

बल से बड़ी बुद्धि

एक गुफा में एक बड़ा ताकतवर शेर रहता था। वह प्रतिदिन जंगल के अनेक जानवरों को मार डालता था। उस वन के सारे जानवर उसके डर से काँपते रहते थे। एक बार जानवरों ने सभा की। उन्होंने निश्चय किया कि शेर के पास जाकर उससे निवेदन किया जाए। जानवरों के कुछ चुने हुए प्रतिनिधि शेर के पास गए। जानवरों ने उसे प्रणाम किया।

फिर एक प्रतिनिधि ने हाथ जोड़कर निवेदन किया, ‘आप इस जंगल के राजा है। आप अपने भोजन के लिए प्रतिदिन अनेक जानवरों को मार देते हैं, जबकि आपका पेट एक जानवर से ही भर जाता है।’

शेर ने गरजकर पूछा-‘तो मैं क्या कर सकता हूँ?’

सभी जानवरों में निवेदन किया, ‘महाराज, आप भोजन के लिए कष्ट न करें। आपके भोजन के लिए हम स्वयं हर दिन एक जानवर को आपकी सेवा में भेज दिया करेंगे। आपका भोजन हरदिन समय पर आपकी सेवा से पहुँच जाया करेगा।’

शेर ने कुछ देर सोचा और कहा-‘यदि तुम लोग ऐसा ही चाहते हो तो ठीक है। किंतु ध्यान रखना कि इस नियम में किसी प्रकार की ढील नहीं आनी चाहिए।’

इसके बाद हर दिन एक पशु शेर की सेवा में भेज दिया जाता। एक दिन शेर के पास जाने की बारी एक खरगोश की आ गई। खरगोश बुद्धिमान था।

उसने मन-ही मन सोचा- ‘अब जीवन तो शेष है नहीं। फिर मैं शेर को खुश करने का उपाय क्यों करुँ? ऐसा सोचकर वह एक कुएँ पर आराम करने लगा। इसी कारण शेर के पास पहुँचने में उसे बहुत देर हो गई।’

खरगोश जब शेर के पास पहुँचा तो वह भूख के कारण परेशान था। खरगोश को देखते ही शेर जोर से गरजा और कहा, ‘एक तो तू इतना छोटा-सा खरगोश है और फिर इतनी देर से आया है। बता, तुझे इतनी देर कैसे हुई?’

खरगोश बनावटी डर से काँपते हुए बोला- ‘महाराज, मेरा कोई दोष नहीं है। हम दो खरगोश आपकी सेवा के लिए आए थे। किंतु रास्ते में एक शेर ने हमें रोक लिया। उसने मुझे पकड़ लिया।’

मैंने उससे कहा- ‘यदि तुमने मुझे मार दिया तो हमारे राजा तुम पर नाराज होंगे और तुम्हारे प्राण ले लेंगे।’ उसने पूछा-‘कौन है तुम्हारा राजा?’ इस पर मैंने आपका नाम बता दिया।

यह सुनकर वह शेर क्रोध से भर गया। वह बोला, ‘तुम झूठ बोलते हो।’ इस पर खरगोश ने कहा, ‘नहीं, मैं सच कहता हूँ तुम मेरे साथी को बंधक रख लो। मैं अपने राजा को तुम्हारे पास लेकर आता हूँ।’

खरगोश की बात सुनकर दुर्दांत शेर का क्रोध बढ़ गया। उसने गरजकर कहा, ‘चलो, मुझे दिखाओ कि वह दुष्ट कहाँ रहता है?’

खरगोश शेर को लेकर एक कुँए के पास पहुँचा। खरगोश ने चारों ओर देखा और कहा, महाराज, ऐसा लगता है कि आपको देखकर वह शेर अपने किले में घुस गया।’

शेर ने पूछा, ‘कहां है उसका किला?’ खरगोश ने कुएँ को दिखाकर कहा, ‘महाराज, यह है उस शेर का किला।’

खरगोश स्वयं कुएँ की मुँडेर पर खड़ा हो गया। शेर भी मुँडेर पर चढ़ गया। दोनों की परछाई कुएँ के पानी में दिखाई देने लगी। खरगोश ने शेर से कहा, ‘महाराज, देखिए। वह रहा मेरा साथी खरगोश। उसके पास आपका शत्रु खड़ा है।’

शेर ने दोनों को देखा। उसने भीषण गर्जन किया। उसकी गूँज कुएँ से बाहर आई। बस, फिर क्या था! देखते ही देखते शेर ने अपने शत्रु को पकड़ने के लिए कुएँ में छलाँग लगा दी और वहीं डूबकर मर गया।

©Jitendra Kumar Som
  #Health बल से बड़ी बुद्धि

#Health बल से बड़ी बुद्धि #प्रेरक

27 Views

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Vishal Khurana

ऐसा लगाओ बल, 
की निकले कुछ बातो का हल,
ना जाने कोई अपना कल, 
बस जिन्दगी मे यू ही बढ़ता चल ।

©Vishal Khurana 
  #Shadow #बल #हल #power #vishalkhurana
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Anokhi

R Ojha sir के निष्क्रिय रहने वाला पोस्ट, आज जब कॉमेंट देखा तब बात समझ में आई।Ojha sir की बातों से मैं पूरी तरह सहमत हूं।हमसभी को इसका पुरजोर विरोध करना चाहिए।Nojoto team को ऐसी गतिविधियों पर एक्शन लेना जरूरी है,आज से मैं भी मौन..
धन्यवाद सर..

©Abha Anokhi #friends # एकता में बल है।

#friends # एकता में बल है। #विचार

18 Love

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Bhim Singh

मुसलसल हम,गैरों पर नजरें रखते रहे ।
क्या मालूम था इस साजिश में तुम भी शामिल हो।

कर देता कोई हवा-ख्वाह खबर हमें 
तो तेरे रंज के हम शिकार न होते ।

©Bhim Singh रघुबीर सिंह 

रघुबीर सिंह 

रघुबीर सिंह 

#alone

रघुबीर सिंह रघुबीर सिंह रघुबीर सिंह #alone #शायरी

8 Love

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raj kothiyal

बल रामकथा 
अवध पुरी में राम

बल रामकथा अवध पुरी में राम

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Astha Srivastava

बल क्षीण नहीं है तू

#rain

बल क्षीण नहीं है तू #rain

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Ek villain

डॉ जयंतीलाल भंडारी ने देश में निजी निर्माण की संभावना के आलोक में नए वैश्विक दुर्घटना का अलंकार किया है एक ऐसा दौर में जब दुनिया का चीन से मोह भंग हो रहा था तब भारत एक वैकल्पिक वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित होता दिख रहा था इसके लिए सरकारी उपाय भी सही दिशा में जा रहे थे उत्पादन आधारित प्रोत्साहन यानी पीएलआई जैसी योजना इसकी बड़ी मिसाल है साथ ही गतिशील व्यक्ति योजना और नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी जैसी पहल भी आर्थिक गतिविधियों को कुछ संबल प्रदान करने वाली है अभी भी काफी कुछ किए जाने की जरूरत है क्योंकि तमाम पूर्वी एशियाई देश उत्पादन के लिहाज से कुछ मामलों में भारत से अधिक प्रतिस्पर्धी बने हुए हैं वह पहले से ही स्थापित उन्नत और उनके लिए सहायक सिद्ध हो रहे हैं ऐसे में बहुराष्ट्रीय कंपनियों की चीन प्लस वन यानी चीन से उत्पाद केंद्र बनाने की योजना के लिहाज से यह देश भी आकर्षक बने हुए हैं

©Ek villain #friends #आर्थिक को बल देगा विनिर्माण

#friends #आर्थिक को बल देगा विनिर्माण #Society

10 Love

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Chetna Vyas

हरिवंशराय बच्चन#दिलकेकरीब#शिक्षा का बल

हरिवंशराय बच्चनदिलकेकरीबशिक्षा का बल

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Ek villain

किसी भी बल का प्रयोग लोक कल्याण और सर्जन के कामों के लिए होता है तो उसे बल का सदुपयोग कहा जाता है इससे प्राकृतिक अर्थव्यवस्था को संतुलित बनाए रखने में मदद मिलती है अनर्थ बल के दुरुपयोग होने से प्राकृतिक व्यवस्था असंतुलित होती है फिर तो नाना प्रकार की समस्याएं खड़ी हो जाती है अक्सर किसी बल में वृद्धि होने पर व्यक्ति के अंदर है करा दी द्विगुण आ जाते हैं व्यक्ति अपने विवेक को खो देता है फिर अनाचार और अत्याचार करने पर उतारू हो जाता है बल्कि वृद्धि एक ईश्वरीय कृपा है सदुपयोग से यह निरंतर बढ़ता है लेकिन दुरुपयोग से मानवता अनुकूलन लगती है उस स्थिति में परमात्मा इस बल को वापस भी ले लेती है याद रखें जो देना चाहता है वह लेना भी जानता है प्राकृतिक में सभी को जीवन जीने का अधिकार समान रूप से परमात्मा ने प्रदान किया है सब को प्राणवायु अकाश प्रकाश आदि संसाधनों की आपूर्ति परमात्मा के द्वारा होती है सभी प्राणी परमात्मा पर आश्रित है समस्त प्राणी के पालन करता परमात्मा है लेकिन अज्ञानी व्यक्ति थोड़ा बहुत बल प्राप्त होने पर स्वयं को ही इस धारा का मालिक समझ बैठता है अपने आगे किसी को कुछ नहीं समझता उसकी बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है सच तो यह है कि सभी प्राणियों में परमात्मा परमेश्वर का वास है बुद्धि विवेक का स्थाई तत्व जब मनुष्य के मस्तिक में रहता है तो वह परमात्मा द्वारा निर्मित प्रीति से प्रेम करता है उसे सुरक्षित रखने का प्रयत्न करता है सृष्टि के कण-कण में उसे परमात्मा तत्व का स्वरूप दृष्टिगोचर होता है वह सभी जीवधारी के प्रति श्रद्धा सम्मान प्रेम और स्नेह रहता है किसी को देख कर उसे स्वयं के अंदर दुष्ट कष्ट का अनुभव होने लगता है

©Ek villain #बल प्रयोग मानव जीवन में
#Drown

#बल प्रयोग मानव जीवन में #Drown #Society

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