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Shravan Goud
कुछ लोग अपनी अकड के कारण सच को नही अपनाते। यही आगे चलकर अड़ियल रुख हो जाता है। अड़ियल लोग अपनी गल्ति कभी नहीं मानते।
AnuWrites@बेबाकबातें
बारिश का मजा लेना है तो...भीगना होगा । पौधा तभी पनपेगा...तुझे सींचना होगा ।। बालक अगर नटखट है...पुचकार कर मना । अड़ियल और उदण्ड है तो कान खींचना होगा ।। अखण्ड है ये समाज...तूने बातें तो बहुत की । खण्डित जो कर रहे उन्हें भी...पीटना होगा ।। सहनशीलता परमधर्म...यही सीखा किताब से । अनाचार अगर जो होगा तो तुझे चीखना होगा ।। अहिंसक है आगे कर तो दिया...दूसरा भी गाल । फिर भी अगर ना पिघले तो...मुट्ठी भींचना होगा ।। अधिकार मांगने के लिए यूं तो...कानून हैं बहुत । कर्तव्यहीन जो बन रहे उन्हें भी सीखना होगा ।। ©Anu...Writes #raindrops #बारिश #भीगना #बालक #नटखट #अड़ियल #उदण्ड #किताब #अधिकार #कानून
Parul Sharma
अड़ियल सी जिन्दगी जिद्दी यादों के साथ दिल की मासूमियत है की दिल अभी भी बच्चा है। अपने ख्वाबों के साथ। हाँ फुर्सत बाकी है चंद लम्हे बाँटने को इस मसलसल सी जिन्दगी में। पारुल शर्मा अड़ियल सी जिन्दगी जिद्दी यादों के साथ दिल की मासूमियत है की दिल अभी भी बच्चा है। अपने ख्वाबों के साथ। हाँ फुर्सत बाकी है चंद लम्हे बाँटने क
Harshita Dawar
@dawarharshita ये अड़ियल इंसान मतभेद से नुकसान उठाते हैं उम्मीद औरों से लगा कर ख़ुद को साफ़ बताते हैं कीमत औरों से कम आकते ख़ुद को इज्ज़तदार बताते हैं इंसान की फितरत छुपी उसके विचारों में किस्मत को दोषी ठहराते है ये अड़ियल इंसान मतभेद से नुकसान उठाते हैं उम्मीद औरों से लगा कर ख़ुद को साफ़ बताते हैं कीमत औरों से कम आकते ख़ुद को इज्ज़तदार बताते हैं इंसा
Moh Ashraf Khan
मुझे याद मेरा बचपन जिद्दी ना समझ अड़ियल गुस्से वाला हुए करता था गुस्सा तो आज भी है मेरे गुस्से को आज भी काबू में रखना जानती है मेरी मां थोड़ी गलती तो करी है मैं ने माफ़ करना आज भी जानती है मेरी मां पैसे गिन्ना आज भी नहीं आता है अम्मी को फिर भी रोटी का हिसाब ठीक से रखती है मेरी मां #NojotoQuote sorry मा मुझे याद मेरा बचपन जिद्दी ना समझ अड़ियल गुस्से वाला हुए करता था गुस्सा तो आज भी है मेरे गुस्से को आज भी काबू में रखना जानती ह
Chandan Aanand
मैं तुम्हे चाहता हूँ कुछ यूँ कि जैसे गणित के अड़ियल सवाल , सूत्र चाहते हो... जैसे गहन अंधेरी रात सन्नाटा चाहती है... थका हुआ मजदूर शकुन की नींद चाहता है... पिंजरे में बंद पंक्षी उन्मुक्त उड़ना चाहते हैं.. चाँद अपने शबाब में चमकना चाहती हैं... नदियाँ नित्य कलकल बहना चाहती हैं... हवाएँ रुहों से लिपटना चाहती हैं... जैसे... जैसे... जैसे कर्ज में डूबा किसान अपनी मौत चाहता है..! मैं तुम्हे चाहता हूँ कुछ यूँ कि जैसे गणित के अड़ियल सवाल , सूत्र चाहते हो... जैसे गहन अंधेरी रात सन्नाटा चाहती है... थका हुआ मजदूर शकुन की न
Darshan Blon
पर वक़्त शायद ख़राब था मेरा, काफ़ी दूरी मुझे तय करना था पर हुआ ना कभी मेरे रातों का सवेरा, लेकिन अड़ियल हूँ मैं भी बहुत "हार" न मानी, बस! लगा पड़ा, बदलना पड़ा घमंडी समय को, मेरे "हठ" और "ज़िद" के आगे आख़िर उसको झुकना ही पड़ा! समय के साथ चलना था पर वक़्त शायद ख़राब था मेरा, काफ़ी दूरी मुझे तय करना था पर हुआ ना कभी मेरे रातों का सवेरा, लेकिन अड़ियल हूँ मैं भी बहुत
Kulbhushan Arora
मन के उपवन में अच्छी सोच के बीज डालेंगे, सुगंधित पुष्प ही खिलेंगे 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 सुप्रभात🙏🏼🙏🏼सुविचार😍😍 किसी के लिए अच्छा सोचना, दरअसल है अच्छाई के बीज रोपना, इन रोपित बीजों को होता है फूटना, मुश्किल होता है तब सुगंध को रो
Gopal Lal Bunker
राजा ~~~~~ बैठे जो नर सिंहासन पर। पाता है शासन का अवसर।। राजा देशराज अधिकारी। काम करें सब हित के भारी।। नर हो तो राजा कहलाता। शासन हेतु राज पद पाता।। नारी जब राजा है बनती। प्रजा उसे फिर रानी कहती।। ( Read Full in the Caption ) ✍️ गोपाल 'सौम्य सरल' राजा हो सदा प्रजा पालक। देश लोक हित का हो मानक।। जनप्रिय बन जन की हो कहता। पीर सभी की वह हो हरता।। रोजी-रोटी का हो दाता। हो सबका ही भाग्य विधाता।। सूर वीर हो नर में सुर हो। जिसके मन नहीं असुर पुर हो।। सेनापति हो हो अधिनायक। सदा नियम का हो परिचायक।। कथनी करनी का हो दर्पण। अपना सब करता हो अर्पण।। बने नहीं वह भ्रष्टाचारी। न्यायी हो अरु हो उपकारी।। तानाशाही का दुश्मन हो। करता विधि का वह पालन हो।। ✍️ गोपाल 'सौम्य सरल' #चौपाई #राजा #जनताजनार्दन #glal #restzone #yqdidi #rzलेखकसमूह #लोकतंत्र चौपाई 👀👀👀👀👀👀👀👀 ~~~~~~~~ गोपाल 'सौम्य सरल' राजा