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Azaad Pooran Singh Rajawat
"शिक्षा सर्वोपरि है शिक्षा बुद्धि देती है शिक्षा संस्कार देती है शिक्षा समस्याओं का समाधान है शिक्षा ही सम्मान है शिक्षा ही सच्चा प्रेम है।" "शिक्षा दिवस की आजाद हार्दिक शुभकामनाएं" "मां सरस्वती की कलम उठाएं, दीपावली का दीप जलाएं अंधकार अज्ञान का मिटाएं सौंदर्य बोध का संकल्प लें रिश्ते प्रेम के बनाएं दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं" ©Azaad Pooran Singh Rajawat #educationday #सौंदर्य बोध हो#
Shashi Bhushan Mishra
Holi is a popular and significant Hindu festival celebrated as the Festival of Colours, Love, and Spring. क्षमता बोध ज़रूरी है, कुछ गतिरोध ज़रूरी है, मजबूती की ख़ातिर ही, कुछ अवरोध ज़रूरी है, चलो मनायें रूठा यार, कुछ अनुरोध ज़रूरी है, आए काम डराने में जो, फिर तो क्रोध ज़रूरी है, नई सोच दिखलाने को, हर दिन शोध ज़रूरी है, ख़तरा बन मंडराये कोई, फिर प्रतिशोध ज़रूरी है, निर्णायक नेतृत्व चुनेंगे, 'गुंजन' प्रबोध ज़रूरी है, -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #क्षमता बोध ज़रूरी है#
Kulbhushan Arora
सुंदरता प्रेम... सरलता है, सरलता... सुंदरता है, सौंदर्य.... सुरीला भाव है, सुर... झंकार है...
Manish Raaj
बोध ______ तेरे लब पर जो ख़ामोशी है उसे टूट कर बिख़र जाने दो जो क़ैद है दर्द कहीं तेरे अंदर उसे आँखों से बरस जाने दो जो साँसों में बसी उम्मीद है ज़िंदगी की उसे मुस्कान बन खिलखिलाने दो धोखे ने शक़ के दायरे में रहने को बेहद मजबूर किया अब ज़रा विश्वास को ख़ुद में समाने दो ग़म की परछाईं से रिश्ता ख़ूब निभा लिया अब ख़ुशी की रौशनी को तुम अपना बन जाने दो तन्हाई की भीड़ में कहीं खो न जाओ किसी के साथ से बने महफ़िल में तुम ख़ुद को पा जाने दो ये जो तेरी नज़रें मेहरबां हो जाती है मदद को जाने-अंजाने अजनबियों पे एक दिल है मेहमाँ तेरा उसे अपना ईमान बन जाने दो यूँ जो बेवजह ख़ुद का गुनेहगार बने बैठे हो ख़ुदा को ख़ुद के इन्सां होने का गवाह बन जाने दो मनीष राज ©Manish Raaj #बोध
HP
एक महापुरुष का कथन है कि ‘खुदा ने कामयाबी की नियामत खुश मिज़ाज लोगों के लिए बनाई और बदकिस्मती का तराना गाने वालों को लानत बख्शी।’ बात ठीक सी है, आप अपनी गरीबी, दुर्भाग्य, घर वालों की शिकायत, घाटा, अपमान, दुख की कहानी लेकर लोगों के सामने जाइए; बहुत हुआ तो कोई चार शब्द आपको सहानुभूति के कह देगा। वरना हर तरफ लानत बरसेगी। दुनिया में किसी को इतनी फुरसत नहीं है कि आपका रोना सुने और अपने को रंजीदा बनावे। खुद हँसिए तो लोग आपके साथ हँसेंगे, रोइए तो दुत्कार कर अलग कर देंगे। इसलिए जरूरत नहीं कि आप हर वक्त अपनी बदकिस्मती के गीत गावें, यदि सचमुच कोई मुसीबत आप पर है तब भी हँसते रहिए। जगहँसाई से बचे रहेंगे और अपने दुख को हल्का कर लेंगे। प्रसन्नता एक कला है, एक अमर सौंदर्य है। आप कुरूप हैं, कोई हर्ज नहीं जरा मुस्कराइए तो सही, आपके मुँह से फूल बरसने लगेंगे। प्रसन्नता एक अमर सौंदर्य है।
Sabir Khan
किसी कार्य को करने के पश्चात् यदि आपको अपराध बोध होता है तो आप समझ लीजिये कि आप ईश्वर की कृपा की छाया में हैं जो आपको आगामी गलत कार्य से बचाती है। #अपराध बोध