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Brandavan Bairagi "krishna"
हर तरफ हरियाली ही हरियाली और ये मौसम सुहाना है। भरे है खेत पानी से तालाबों सा नजारा है। खिले है फूल गुलशन में, बिखरी है खुश्बू भी हवाओं में। आने वाली है शरद ऋतु, अब यही शोर है फिजाओं में। बृन्दावन बैरागी"कृष्णा" ©Brandavan Bairagi "krishna" शरद ऋतु
RATNESH KUMAR
जब शरद ऋतु आए, सब सर्दी-सर्दी चिल्लाये। जो बन्दा दिनभर जल में चुभके, वही अब दिनभर कम्बल में दुबके। ~ रत्नेश जब शरद ऋतु आए
Hindi Me Kavya हिन्दी में काव्य
😄😊💞😄😊 शरद ऋतु कि ठन्ड ऋतुओं का आनंद बहुत ही महत्वपूर्ण है बहुत ही महत्व है।। ©Hindi Me Kavya हिन्दी में काव्य शरद ऋतु का..... #ऋतु #thoutsoftheday #thought #Quote #Love #sadak
Hindi Me Kavya हिन्दी में काव्य
शीतल सुबह और कुनकुनी धूप शरद ऋतु सबको भाते है। ©Hindi Me Kavya हिन्दी में काव्य शरद ऋतु सबको भाते... #2023Recap #Nature #vichar #Love #thought #Like #Quote
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शरद ऋतु में सूर्य दर्शन हर प्राणी चाहता है, मन में शांति आती, जीवन पुष्प खिलता है। सूर्य नमस्कार से, नई ऊर्जा मिलती है हमें, रात में जगमग कर, जीवन दीप जलता है। शरद ऋतु में सूर्य दर्शन……… जो भक्त तन मन धन से करता अराधना, पूर्ण होती उस भक्ति की, हर मनोकामना। सूर्य नारायण के कारण ही आता है उजाला, समय के साथ साथ सारा संसार चलता है। शरद ऋतु में सूर्य दर्शन………. दोपहर में जब जब, सूरज उगलता है आग, शीत लहर के घर में मच जाता भागमभाग। कोई भी नहीं देख सकता है नील गगन में, जब सूर्य देव का सोने का रथ निकलता है। शरद ऋतु में सूर्य दर्शन………. सर्दी के सताए, जब कांपता है कोई इंसान, उसकी जान बचा लेते आकर सूर्य भगवान। लोग उदास हो जाते और सोच में पड़ जाते, अस्ताचल की तरफ, जब दिनकर बढ़ता है। शरद ऋतु में सूर्य दर्शन…………. ©Instagram id @kavi_neetesh भक्ति गीत : शरद ऋतु में सूर्य दर्शन “ॐ भास्कराय नमः” #sunrisesunset
Shravan Goud
आओ स्वागत करे शरद ऋतु का इस शरद पूर्णिमा से मन में यह भाव रखे कि हमारे तकलीफे दुर हो। आओ स्वागत करे शरद ऋतु का इस शरद पूर्णिमा से मन में यह भाव रखे कि हमारे तकलीफे दुर हो।
KrishnaSharma
कविता का शीर्षक:- बसंत ऋतु का आगमन लेखक:- कृष्णा शर्मा स्वरचित पेड़ों पर कलियाँ फूट पड़ी मन सरसों सा लहराया है मेरे जीवन में एक बार फिर से बसंत यह आया है फूलों में रंग लगा भरने कोयल की कूक सुनाई दे वह पवन बसंती है देखो मनवा को जो पुरवाई दे हरियाली खेतों में है आमों पर बौर लगा आने देखो पलाश के फूलों को आकर्षित हैं करने वाले मन बना बसंती झूम रहा क्या मस्त बहारें लाया है मेरे जीवन में एक बार फिर से बसंत ये आया है हो गर बसंत जीवन में तो हर मौसम में खुशहाली हो पतझड़ चाहे जीवन हो पर अंतर्मन में हरियाली हो भंवरा बन कर के फूलों पर जीवन को यूं महका जाऊं फिर बना बसंती खुद को मैं सारे जग को बहका जाऊं एक बसंती पवन ने ही मेरे मन को महकाया है मेरे जीवन में एक बार फिर से बसंत यह आया है इस फगवा और बसंती का जग में है मेल निराला सा मदमस्त सभी को करता है मुझको कर दिया शिवाला सा सबके मन को ही भाता है देखो बसंत जब आता है जीवन को रंग बिरंगा कर यह नई बहारें लाता है इस एक अनोखी ऋतु ने ही सारे जग को महकाया है मेरे जीवन में एक बार फिर से बसंत यह आया है जय शारदे मां ©KrishnaSharma कविता का शीर्षक बसंत ऋतु का आगमन #Morning
Penman
ना कोई ऐसी ऋतु है कि तुझे भुला सके हम, तेरा नाम के बिना हर मौसम कैसे बिताए हम। ©Tarun RAJPUt #ऋतु