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CK JOHNY
दुनिया का मेला मेरे लिए तो फिजूल रहा मैं तो बस अपने ही किरदार में मशगूल रहा। जैसे नचाया मेरे साहिब ने वैसे ही नाचा मैं अच्छा बुरा उसका दिया तोहफ़ा कबूल रहा। किसी ने दी गाली या फिर की तारीफ़ मेरी निंदा स्तुति से उपर उठने का मेरा असूल रहा। काँटे बिछाये जिसने भी राह में मेरी दोस्तो सच है उनके लिए भी मेरे हाथ में फूल रहा। दुनिया का मेला मेरे लिए तो फिजूल रहा मैं तो बस अपने ही किरदार में मशगूल रहा। बी डी शर्मा चण्डीगढ़ निर्लेप
अज़नबी किताब
कर्म के कही प्रकार है, उनमेसे एक है निर्लेप कर्म | वो क्या है ? 👉तो वो कोई एक ऐसा कर्म है, जिसके फ़ल की कोई आश ना हो | "वो इंसान ऐसा, जो कर रहा है कोई काम... ना उसका फल चाहिए उसे, ना ही मेने ये किया है वो नाम । बदले की ना भावना है, ना ही है कोई चाह । मेने दिया उसको इतना , तो वो भी दे मुझे मेने दिया उतना, ना है ऐसा कोई भाव |" बस यही है ये कर्म की एक बात जो है बड़ी प्यारी और बड़ी खास | - अजनबी किताब jay shree krishna निर्लेप कर्म 🙏🙏🙏
vishnu thore
दुःख देतो म्हणुनी हवा तू जीवना तापलेला तवा तू सुख निसटून जाते क्षणाला दूरच्या पाखरांचा थवा तू -विष्णू ©vishnu thore दुःख देतो म्हणुनी हवा तू जीवना तापलेला तवा तू सुख निसटून जाते क्षणाला दूरच्या पाखरांचा थवा तू -विष्णू #crimestory
Arun Alone.!
ठुकरा के मेरा प्यार इंतकाम देखेगी, मैं उसके घर से तवा चुरा लाया हूं रोटी कैसे सेकेगी😂👈 ©Arun Alone.! #writer ठुकरा के मेरा प्यार इंतकाम देखेगी, मैं उसके घर से तवा चुरा लाया हूं रोटी कैसे सेकेगी😂👈 GM All Of U 🥰 Haste Rahiye मुस्कुराते रहिए,
कुछ लम्हें ज़िन्दगी के
कल्ले की रोटी सी खुशबू लिए तू मेरे इधर -उधर मटकती है। ( कल्ले- मिट्टी का तवा ) ©️✍️ सतिन्दर नज़्म कल्ले की रोटी सी खुशबू लिए तू मेरे इधर -उधर मटकती है। ( कल्ले- मिट्टी का तवा ) ©️✍️ सतिन्दर
Vijay Tyagi
यूँ उनकी गली गुनाह है सर-ए-राह तमाशा पीकर के लड़खड़ाने को तो मयखाना अच्छा था कुछ भी बचा न कहने को हर बात हो गई आओ कहीं शराब पिएँ रात हो गई "निदा फ़ाज़ली" तुम्हारी आँखों की तौहीन है ज़रा सोचो तुम्हारा चाहने
Sangeeta Rathore (Shayra)
जिस रफ़्तार से परीक्षा के आख़िरी पाँच मिनट बेधड़क काग़ज पर चलती है कलम उसी रफ़्तार से आ क़रीब तुम्हारे वो माथा चूमना है मुझे (अनुशीर्षक में पढ़े) ●●● @s_r_writes ✍ जिस रफ़्तार से तप्त जेठ दुपहरी में छत से कपड़े उतारते वक़्त दौड़ने लगते हैं नंगे पैर जिस रफ़्तार से माँ की अंगुलियां गर्म तवा छूते ही दूर हट
alex akash
Read full in captions...... हां मुझे मुझसे ज़्यादा चाहती है, मां कभी इश्क़ करके नही जताती है...... हां मुझे मुझसे ज़्यादा चाहती है, मां कभी इश्क़ करके नही जताती है, आंसू अपने पोंछ के सारे ग़म पी जाती है, वो भूखे पेट रह कर हमें खाना खिलाती
status king
*_मायेचा पदर_* *पोर कोवळ्या वयाचं* *नाही भेटलाच पान्हा ,* *माय देवाघरी गेली* *बाळ होता तवा तान्हा,,,* *बाळ रडून रडून* *करे जीवाचा अकात ,* *आज आईचं लेकरू* *कसं झालं रे अनाथ,,,* *दू:ख लेकराले झाल* *झाला काळजात वार ,* *लेकराच्या डोईवर* *नाही मायेचा पदर,,,* *कस निजावं बाळाने* *कोण गाईल अंगाई ,* *बाळ हूंदके देऊन* *देते आवाच ये आई,,,* *पान्हा पाजे त्याला कोण* *कशी मिळेल ममता ,* *बाळ जगनार कस* *छळ करेल जनता,,,* *कश्या भराव्या जखमा* *वाहे डोळ्यातून लहू ,* *बाळ तान्हूलं जगात* *कुठे घेऊनीया जाऊ ,* *आता शोधे वाट जगी* *वाटे प्रेम रे जगाला ,* *आले दू:ख जीवनात* *नाही घाबरत त्याला,,,* *अंत जळतो शेवटी* *पाप त्याच्या नशिबात ,* *प्रेम नाही रे मिळाले* *डोळे त्याचे वाहतात!!* *शब्दशृंगार , तु फक्त माझीच* *©विशाल पाटील , वेरुळकर™* *_मायेचा पदर_* *पोर कोवळ्या वयाचं* *नाही भेटलाच पान्हा ,* *माय देवाघरी गेली* *बाळ होता तवा तान्हा,,,* *बाळ रडून रडून*