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Ek villain
2 फरवरी को दुनिया विश्व वेटलैंड दिवस मनाती है इस बार संयुक्त राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जा रहा है इसके लिए बीते साल अगस्त में संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक प्रस्ताव पारित हुआ विश्व आंध्रभूमि दिवस की शुरुआत कैंपेनिया सागर के तट पर बसे ईरान के छोटे पर्यटन प्रदान शहर राम रस से हुई थी 2 फरवरी 1971 को ईरान के राम सागर में आंध्र भूमि संधि पर हस्ताक्षर किया गया 1977 में 2 फरवरी को आंध्र भूमि के महत्वपूर्ण के बारे में जन जागरूकता और संरक्षण के प्रयासों को बढ़ाने की दृष्टि से इस दिवस की शुरुआत हुई थी दुनिया में आंध्र भूमि का कुल क्षेत्रफल ढाई करोड़ वर्ग किलोमीटर है जो भारत के भू भाग को ही कम करता है यह एड्रेस क्या है जिसे के नाम से यह स्पष्ट है कि इन क्षेत्रों में मौसम में या फिर नियंत्रण वर्षा होती है भूजल पूरे वर्ष लगभग स्थल पर ही होता है यही प्रकार नामी या दलाली भूमि क्षेत्र आंध्र कहते हैं इसलिए क्षेत्रों में जलीय पौधों का अधिक विकास होता है पौधों और पशुओं की एक समृद्धि से भरी आंध्र भूखंडों की अन्य सभी तंत्रों की जय विविधता से अधिक समृद्ध होती है यही विशेषता इन अनमोल बनाती है हालांकि मन में एक लालच का अपना स्वाभाविक है कि हम ना कि वैलेंटाइन डे क्यों स्वीकार अधिक ठोस बनाएं खासकर उन शहरी परिवेश में जहां संपदा कम होती जा रही है ©Ek villain #आंध्र भूमि का संरक्षण जरूरी #friends
Pawan
जय श्रीकृष्ण ©Pawan पानी के लिये आंध्र ओर तेलंगाना में टकराव की स्थिति
pooja negi#
भले दियों के उजालों मे, जगमगाया हो पूरा देश... पर लोग अपने दिलो का अंधकार, फिर भी ना मिटा पाए.. पूजा नेगी #अंधकार
एस पी "हुड्डन"
अपनी उठाई ज़हमत का ख्यालात करो, आओ! ज़रा होश में! होश से बात करो। तुम जाम से बहके हो तो इत्तेफाक़ है तुमसे, मगर! गरुर में बहके हो तो अंजाम रावण का याद करो। ✍️ हुड्डन"🙏 #अंहकार
arvind bhanwra
#SolarEclipse2019 ज्यों सूरज को ग्रहण की काली छाया धूमिल कर सके कुछ समां मानिंद त्यों अंधकार भी क्षणिक है वजूद को ना सके हिला। अंधकार ।
utsav_advik_ranjan
छात्रों और मूल्यांकन की दयनीय स्थिति कोरोना वैश्विक महामारी से बाधित शैक्षणिक सत्र 2019-20 का विभिन्न बोर्डों के परिणाम धीरे-धीरे सभी राज्यों में लगभग आ चुके हैं. इस बार भी नए फ़ैशन के चलन के अनुरूप नंबरों का प्रसाद बच्चों के बीच खूब बंटा है. हरियाणा बोर्ड के टॉपर का प्राप्तांक शत प्रतिशत है. यही हाल सीबीएसई टॉपर का भी है, 600 में 600 अंक. जी हां, उत्तरपुस्तिका में कहीं भी कोई त्रुटि नहीं, रत्ती भर भी नहीं. सभी कसौटियों पर अव्वल, सभी विषयों में विद्वान. और विषय भी कैसे, अंग्रेजी, संस्कृत, इतिहास, भूगोल, अर्थशास्त्र जैसे. भाषा में भी पारंगत, संस्कृत को तो जैसे नया जीवनदान दिया हो. हमें तो लगा था कि संस्कृत का कोई जानकार बचा हीं नहीं है भूतल पर. लेकिन हम इन ज्ञानीयों से वंचित थे. धन्य हो सीबीएसई का जिसने ऐसे बच्चे दिए हैं जिनका संस्कृत पर पकड़ महर्षि वाल्मीकि से भी बढ़िया है. आईसीएसई, और अन्य राज्य बोर्डों की भी स्थिति भिन्न नहीं है. और इन सब चीजों के मध्य कहीं यूपी बोर्ड भी है जहां हिंदी भाषी लोग सबसे ज्यादा हैं. यहाँ के नतीजे थोड़े हट के लेकिन शर्मिंदा करने वाले हैं. यहाँ के 8 लाख छात्र हिंदी में उत्तीर्ण हीं नहीं हो पाए हैं, और ये संख्या तो पिछले वर्ष 10 लाख थी. और रूह तो तब कांप उठती है जब ये पता चलता है कि वहां के लाखों छात्रों ने हिंदी विषय को चुना हीं नहीं. निश्चित तौर पर हमारे पैर जड़ों से काफी हद तक उखड़ चुके हैं. हम आधुनिक होने की चाह में बेशर्म बनते जा रहे हैं. अगर जल्द हीं भारत सरकार इन सब घटनाओ का संज्ञान नहीं लेती है, तो मेरा यकीन मानिए हालत बदत्तर होना अभी बचा है. ~उत्सव रंजन #अंधकार