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Singh Manpreet
लाख बूराईया है बेशक तुझमें पर हम ठुकराते अपना फरज थोडी है. जो छोडकर चले जाऐंगे तुझे इस हालत में हम तेरी तरह खुदगर्ज थोडी है. ©Singh Manpreet फरज
Farjan Khan
basic Thoda Intezar Mila Humko par Duniya ka sabse Hansi yaar mila Humko nahi Tamanna Ab Kisi Jannat Ki Teri Dosti Mein vo Pyar Mila Humko फरजान
Shahid@writer
चलो मुस्कुराने की वजह ढूँढते है ऐ जिन्दगी तुम हमे ढूँढो हम तुम्हे ढूंढते है ©Shahis ali khan इश्क फरजी #Language_of_tear
VARUN 'VIMLA'
Dil sms status in hindi ये जो तिरी मरजी है सच में सब फरजी है चीख़ता है रोज दिल इश्क़ की अरजी है सिलता है ज़ख्मो को दिखावे का दरजी है ख़्वाहिशें दबा रहा है कल की ख़ुदगरज़ी है तेरे इश्क़ में डूब जाता है लगता है ये दिल ठरकी है उलफ़त सबसे है तुझको बस "वरुण" से एलरजी वरुण " विमला " #NojotoQuote "फरजी है" Pallavi Kumari Kusumlata hitesh sen Shailja S Mukesh Poonia
Ali Shamir Ali
नियत रोज़ा बिसौमे गदिन्नवैतो मिन शहरी रमज़ान।। नवैतो अन असोमा गदन लिल्लाही ताआला मिन फरजे रमज़ान हाजा नियत रोज़ा बिसौमे गदिन्नवैतो मिन शहरी रमज़ान।। नवैतो अन असोमा गदन लिल्लाही ताआला मिन फरजे रमज़ान हाजा
Rabindra Kumar Ram
" फरज करो तुम भी की तुम्हें प्यार हो जाये , मैं इश्क में हूं तुम्हें भी मुहब्बत कुछ यार हो जाये , कब से एक काफिले का हिस्सा रहा हूं मुसाफ़िर सा , तुम्हें भी कुछ एहसास हो और दास्तानें इश्क हो जाये ." --- रबिन्द्र राम " फरज करो तुम भी की तुम्हें प्यार हो जाये , मैं इश्क में हूं तुम्हें भी मुहब्बत कुछ यार हो जाये , कब से एक काफिले का हिस्सा रहा हूं मुसाफ़ि
Rabindra Kumar Ram
" आज मैं तुम्हें कुछ कहना चाहता हूं , तोड़ के हदों कि दिवारे मैं तुम्हें पाना है , फरज कर तुम भी इस बात को कब समझेंगी , कहीं तुमभी एक हां के इन्तजार में तो नहीं . " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram " आज मैं तुम्हें कुछ कहना चाहता हूं , तोड़ के हदों कि दिवारे मैं तुम्हें पाना है , फरज कर तुम भी इस बात को कब समझेंगी , कहीं तुमभी एक हां के
Rabindra Kumar Ram
" आज मैं तुम्हें कुछ कहना चाहता हूं , तोड़ के हदों कि दिवारे मैं तुम्हें पाना है , फरज कर तुम भी इस बात को कब समझेंगी , कहीं तुमभी एक हां के इन्तजार में तो नहीं . " --- रबिन्द्र राम " आज मैं तुम्हें कुछ कहना चाहता हूं , तोड़ के हदों कि दिवारे मैं तुम्हें पाना है , फरज करा तुम भी इस बात को कब समझेंगी , कहीं तुमभी एक हां क
Rabindra Kumar Ram
" फरज करो तुम भी की तुम्हें प्यार हो जाये , मैं इश्क में हूं तुम्हें भी मुहब्बत कुछ यार हो जाये , कब से एक काफिले का हिस्सा रहा हूं मुसाफ़िर सा , तुम्हें भी कुछ एहसास हो और दास्तानें इश्क हो जाये ." --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram " फरज करो तुम भी की तुम्हें प्यार हो जाये , मैं इश्क में हूं तुम्हें भी मुहब्बत कुछ यार हो जाये , कब से एक काफिले का हिस्सा रहा हूं मुसाफ़ि
AB
" एकाकी और प्रकृति " ( अनुशीर्षक ) वैसे तो मुझे यूँ ही पता था कि एकाकी का अर्थ होता है अकेला, फिर भी अपने संदेह दूर करने हेतु मैंने किया गूगल मतलब इंटरनेट पर सर्च, तो बहुत स