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कवि राहुल पाल 🔵
ए मेरे हिन्दुस्तां हिम्मत को अपने जोड़ लो, बेअदब से देखता जो उसकी आँखें फोड़ दो ! धर्म के नामो पे साहिब जब कोई बाटे हमे, बोलकर "जय हिंद" भैया उसकी टांगे तोड़ दो !! ए मेरे हिन्दुस्तां........ दर्द वतन का लिख सको न कलम अपनी तोड़ दो , जो पले घर मे सपोलें नालों में जाकर छोड़ दो ! जब वतन के बारे में यारो कोई कुछ गलत बोले , लेकर पत्थर ईट से उसका मुंह को फोड़ दो !! ए मेरे हिन्दुस्तां ..... दुम दबाकर भाग निकले ऐसी वीरता प्रमाण दो , जंग के मैदान में सर्व शत्रु को जिंदा गाड़ दो ! जो सर झुके न नमन को , तिरंगे के सम्मान में , लेकर खुद शस्त्र हस्त में सर को धड़ से उखाड़ दो !! ए मेरे हिन्दुस्तां .... जो बधें हैं बेड़ियो में उन बेड़ियो को ख़ुद तोड़ दो , हुए शहीद जो वतन पे उनसे ख़ुद को जोड़ लो ! परिवार और घर की व्यथा जब न सुने राहुल कोई लेकर शहीद का नाम भैया पटक कर सर फोड़ दो !! ए मेरे हिन्दुस्तां ..... ए मेरे हिन्दुस्तां हिम्मत को अपने जोड़ लो, बेअदब से देखता जो उसकी आँखें फोड़ दो ! धर्म के नामो पे साहिब जब कोई बाटे हमे, बोलकर "जय हिंद" भैय
RadhakrishnPriya Deepika
फूलों सी मैं खिलती हुई "फूलों सी" एक कली से, बनी एक "खूबसूरत" सा "फूल" हूँ। डाली पर छोटी सी कली से लेकर.., मैं बनती एक खिला हुआ फूल हूँ..! ये जानते हुए भी की डाली से टूटने पर.. मैं मुरझा सी जाऊंगी फिर भी, मैं डाली से तोड़ी जाती हूँ..! कभी मंदिरों में रखी भगवान की प्रतिमा के चरणों मे रखी जाती हूँ, तो कभी भगवान की प्रतिमा पर माला बन पहनाई जाती हूँ। कभी गुरुद्वारे में रखे "गुरुग्रंथ" पर सजाई जाती हूँ , तो कभी दरगाह में रखे कुरान पर सजती हूँ। कभी चर्च में बन कर गुलदस्ता खिलती हूँ, तो कभी मैं महापुरुषों के चरणों मे अर्पण की जाती हूँ। कभी किसी की डोली निकले पर फेंकी जाती हूँ, तो कभी किसी की अर्थी उठने पर बरसाई जाती हूँ। कभी तिरंगे के सम्मान में बंधी जाती हूँ, तो कभी नेता-अभिनेता पर वर्षाई जाती हूँ। कभी किसी के बालों में गजरा बन मैं खिलती हूँ, तो कभी "रोज-डे" पर प्रेम का प्रतीक मानी जाती हूँ। ना मैं हिन्दू का प्रतीक हूँ, ना ही मैं मुस्लिम का प्रतीक हूँ, ना ही सिखों का प्रतीक हूँ, ना ही मैं ईसाई का प्रतीक हूँ। मैं तो "फूलों सी" बनी एक फूल हूँ.., सहस्त्र काटे होने पर भी मैं खिलती हूँ..! कभी मंदिर, कभी गुरुद्वारे, कभी दरगाह तो कभी चर्च में, एक समान ही मैं अर्पण व समर्पण की जाती हूँ। मेरी कोई जाति नही मैं तो सबमे एक समान मानी जाती हूँ, नहीं रखती मैं किसी मे भी भेदभाव.., मैं तो हर जगह सिर्फ अपनी सुगंध महकाती हूँ। मैं खिलती हुई "फूलों सी" कली से, बनी एक "खूबसूरत" सा फूल हूँ। ©राधाकृष्णप्रिय Deepika🌠 मैं खिलती हुई "फूलों सी" एक कली से, बनी एक "खूबसूरत" सा "फूल
Sarita Malik Berwal
हिन्द को नापो नहीं नामों की एक कतार में जात-पात, मंदिरों और मस्जिदों के तार में एक गुलशन सा है दिखता मुझको मेरा ये वतन मुल्क़ मिलता ही नहीं मज़हब की दीवार में जान से है क़ीमती हर जान मेरे देश की जान है हाज़िर मेरी माटी की एक पुकार में आँख थकती ही नहीं देख ये दिलकश नज़ारा खड़ा है हिंदुस्तान सारा तिरंगे के दीदार में -सरिता मलिक बेरवाल ©Sarita Malik Berwal #तिरंगे के दीदार में
Mamta kumari
कुछ करना है तो IPS अधिकारी बनों नही तो सिपाही को तो जनता के सामने IPS ही पीटो हैं ओर जनता से पिटवातो हैं । अकसर पुलिस विभाग में ऊँचे अधिकारी ही सिपाही का जनता के सामने अपमानित करत हैं अपना अच्छा बनता हैं और सिपाही अच्छाकाम करकेभी बुरा बन जातो हैं । सिपाही के सम्मान में ।
Mamta kumari
लड़की में असीम शक्तिया होती है वो चाहे तो राजा को रंक बना दे रंक जो राजा बना दे जैसे -हर सफल व्यक्ति के पीछे लड़की की हाथ ही होती है जैसे सूपनेखा की एक गलती ,लंका को श्मसान बना देती है और द्रोपति के कारण ही पांडव को सिंघासन से मिलवा देती है ।इसलिए लड़कियो को सम्मान करो ,जिस दिन लड़की नही उस दिन से पुरुषों का अस्तित्व नही । लड़कियो के सम्मान में।
Mamta kumari
स्त्री की अनेक रूपों को हम जानते है सबसे पहले वो बेटी बनती है फिर किसी की बहन बनती है कुछ दिन बाद किसी की पत्नी फिर किसी की बहू बनती है उसके बाद सबसे महत्वपूर्ण भूमिका माँ बनने का होता है माँ के कॉख से ही बेटा-बेटी दोनों ही जन्म लेते है ।तो फिर अंतर किस बात की और घमंड किस बात की । महिलाओं का सम्मान करें । #international_womens_dayमहिलाओं के सम्मान में ।
Mamta kumari
पुलिस की नोकरी ,कठिन परिश्रम से भरी होती है जनता के खुशी के लिए ,अपना खुशी अर्पण कर देती है। वो अपना कर्तव्य करते हुए अपने लिए थोड़ा भी मुस्कुराये तो जनता ,अनेक प्रश्न उठाने लगती हैं जैसे वो इंसान ही नही है, कोई और है क्या उसे हँसने का कोई हक नही है , जिस जनता के लिए वो सर्वस्य अर्पण कर दे देते हैं। वो जनता मुस्कुराने का तो छोड़ो अच्छे बात भी नही कर सकते है तब भी जनता का सुरक्षा उनके लिए सर्वपरि है। पुलिस के सम्मान में ।