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RK SHUKLA
अब कैं राखि लेहु भगवान | हौं अनाथ बैठ्यौ द्रुम-डरिया, पारधि साधे बान | ताकैं डर मैं भाज्यौ चाहत, ऊपर ढुक्यौ सचान | दुहूँ भाँति दुख भयौ आनि यह, कौन उबारे प्रान ? सुमिरत ही अहि डस्यौ पारधी, कर छूट्यौ संधान | सूरदास सर लग्यौ सचानहिं, जय जय कृपानिधान || सूरदास
RK SHUKLA
मैया, मैं तौ चंद-खिलौना लैहौं। जैहौं लोटि धरनि पर अबहीं, तेरी गोद न ऐहौं॥ सुरभी कौ पय पान न करिहौं, बेनी सिर न गुहैहौं। ह्वै हौं पूत नंद बाबा को , तेरौ सुत न कहैहौं॥ आगैं आउ, बात सुनि मेरी, बलदेवहि न जनैहौं। हँसि समुझावति, कहति जसोमति, नई दुलहिया दैहौं तेरी सौ, मेरी सुनि मैया, अबहिं बियाहन जैहौं॥ सूरदास ह्वै कुटिल बराती, गीत सुमंगल गैहौं॥ सूरदास
Deepak Kurai
गौतम बुद्ध यह एक श्रमण थे जिनकी शिक्षाओं पर बौद्ध धर्म का प्रचलन हुआ। इनका जन्म लुंबिनी में 563 ईसा पूर्व इक्ष्वाकु वंशीय क्षत्रिय शाक्य कुल के राजा शुद्धोधन के घर में हुआ था। उनकी माँ का नाम महामाया था जो कोलीय वंश से थीं, जिनका इनके जन्म के सात दिन बाद निधन हुआ, उनका पालन महारानी की छोटी सगी बहन महाप्रजापती गौतमी ने किया। 29 वर्ष की आयुु में सिद्धार्थ विवाहोपरांत एक मात्र प्रथम नवजात शिशु राहुल और धर्मपत्नी यशोधरा को त्यागकर संसार को जरा, मरण, दुखों से मुक्ति दिलाने के मार्ग एवं सत्य दिव्य ज्ञान की खोज में रात्रि में राजपाठ का मोह त्यागकर वन की ओर चले गए । वर्षों की कठोर साधना के पश्चात बोध गया (बिहार) में बोधि वृक्ष के नीचे उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई और वे सिद्धार्थ गौतम से भगवान बुद्ध बन गए। कई ग्रंथों में यह मान्यता है कि वैशाख पूर्णिमा के दिन ही भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था, इसलिए इसे बुद्ध पूर्णिमा के रूप में भी मनाया जाता है. ©Deepak Kurai #BuddhaPurnima2021 गौतम बुद्ध की जीवनी #जीवन
manoj kumar jha"Manu"
श्रीकृष्ण भक्ति रसधारा के अक्षय स्रोत प्रेम-माधुर्य की प्रतिकृति हिन्दी साहित्य के सूर्य महाकवि सूरदास जी की पावन जयन्ती पर शत शत नमन सूरदास जी की जयन्ती पर शत नमन
shekhar prasoon
काव्य जगत के आदि सूर्य,भुवन मोहन के चुन-२गुन गाये। नेत्रहीन हो,दर्श पर्स पा,मधुसूदन को हिये बसाये।। नन्द लला, जशुदा के छैया के,कौतुक क्रीड़ा को काव्य बनाये। इन्ही सूर की संगीत विरदावली,भक्तवत्सल ब्रजकुँवर को भाये।। हिन्दी काव्य के सूर्य आदि ब्रज कवि सूरदास जी के जयन्ती पर सादर दण्डवत! सूरदास जयन्ती नमन।
Ashu Jha
मोहब्बत हो गई अगर तुमसे तो जी ना पाएंगे हम। क्योंकि सुना है सच्ची मोहब्बत की मंज़िल हमेशा अधूरी ही रहती है। #दिल की अरदास