कैसा क्रूर भाग्य का चक्कर
कैसा विकट समय का फेर
कहलाते हम- बीकानेरी
कभी न देखा- बीकानेर
जन्मे ‘बीकानेर’ गाँव में
है जो रेवाड़ी के पास
पर हरि #कविता
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Vaseem Akhthar
पुतली-ए-चश्म= आंख का अंदर का हिस्सा
लासानी= जिस की कोई मिसाल नहीं
नदामत= शर्मिंदगी
हज़रत उस्मान-ए-ग़नी (र आ) के बारे में एक कौल है की वो इत #YourQuoteAndMine#हया#shyness#aamirshaikh
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Vaseem Akhthar
पुतली-ए-चश्म= आंख का अंदर का हिस्सा
लासानी= जिस की कोई मिसाल नहीं
नदामत= शर्मिंदगी
हज़रत उस्मान-ए-ग़नी (र आ) के बारे में एक कौल है की वो इत #YourQuoteAndMine#हया#shyness#aamirshaikh