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Author Sanjay Kaushik (YouTuber)
फूल चाहे ना दो तुम इन रखवालो को, बस दिल से इज्जत देना ही फूल से बढ़ कर है #पुलिस पब्लिक#रेस्पेक्ट पुलिस : पुलिस पब्लिक
Shakuntala Sharma
जब पहली बार दादाजी ने मोबाइल दिलाया । तो कहा कि दिन भर मोबाइल पर मत छिपके रहना । मोबाइल हानिकारक ज्यादा और फायदें मंद कम होते है। देखना कोई गलत नम्बर डायल नही हो जाये । मोबाइल से या इंटरनेट से साइबर क्राइम भी होते नया फोन था | चलना सीख ही रही थी । कि अचानक गलती से पुलिस स्टेशन फोन लग गया । और में इतनी डर गई । कि सोचा अब तो फंस गए शायद दादाजी सही कहते थे । पुलिस स्टेशन से वापस फोन आने का मतलब मोबाइल ने मेरी वांट लगा दी है। और डर से मैने फोन फैंक दिया । . ©Shakuntala Sharma # जब दादा जी ने मुझे पहली बार मोबाइल दिलाया# गलती से पुलिस स्टेशन कॉल लगना
Neelam bhola
बचपन,जवानी,बुढ़ापा जैसे स्टेशन हो कोई, रेलवे स्टेशन!! या रेलवे स्टेशन में सिमट आये हो ये दौर जिंदगी के, सुबह का स्टेशन मानो नन्हा बच्चा हो कोई, कभी शांत,कभी चाय चाय की किलकारी सा गूंजता, सौंधी सी खुशबु लिये, बच्चे कि हँसी सा, कभी खिलखिलाता,कभी चुपचाप स्टेशन, बचपन का सा स्टेशन,हल्के से आँख मूँदता-खोलता सा दिखता है, न आने-जाने की होड़ कहीं, आदमी ना भागता सा,ज़रा रुका सा दिखता है, दोपहर होते होते स्टेशन पे भीड़ बढ़ती जाती है, जवानी की ही तरह जिम्मेदारी हर तरफ नज़र आती है, कहीं कूली,कहीं चाय,कहीं लोगों का सामान, जवानी का पहर है, ये है मुश्किल,है नही आसान, चारों तरफ रिश्तों और जिम्मेदारियों की तरह लोग नज़र आते है, ना जाने कहाँ जाते है,कहाँ से लौट के आते हैं, कुछ न आने के लिये वापिस, कुछ न जाने के लिये आते है, जवानी भी कुछ इसी तरह के पहलुओं को समेटें है, कहीं खड़े हैं लोग,कहीं बेबस से लैटे हैं, बुढ़ापे की तरह ही ढलती है हर एक शाम स्टेशन पर, कुछ लोगों के लिये खास, कुछ लोगों के लिये आम स्टेशन पर, बुढ़ापे की तन्हाई की तरह, स्टेशन की शाम भी तन्हा होती जाती है, स्टेशन पे अब गाड़ी भी कुछ कम ही आती हैं, न कूली,न चाय न साजो-सामान होता है, बुढ़ापे की ही तरह तन्हा स्टेशन, हर रोज़ आम होता है।।।। ©Neelam bhola स्टेशन
Nidhi Pant
लंबे अरसे से घर में रहते हुए जब अचानक बाहर निकलो तो लगता है दुनिया कितनी आगे निकल चुकी है। और हम वहीं के वहीं हैं। पर सच तो ये है कि जो दुनिया हम देख रहे हैं वो भी घर के अंदर जाने का ही इंतज़ार कर रही होती है।अंदर होते हैं तो बाहर जाने के बारे में सोचकर बाहर निकल आते हैं और बाहर से अंदर जाने की राह देखते रहते हैं। घर को हम सबने एक स्टेशन मान लिया है, जो आने और जाने के बीच एक सुस्ताने भर की जगह है। कभी अगर शहर बदल लिया तो स्टेशन भी बदल जाता है।दूसरी जगह जाकर भी वो घर नहीं बन पाता।उसी तरह दुनिया वहीं की वहीं है बस चेहरे नए हैं। हम भी वहीं हैं और दुनिया भी।😊 #स्टेशन
VD GK STUDY
Lata Sharma सखी
जिंदगी गुजरती है कई सारे स्टेशनों से, कुछ में हम ठहरते हैं कुछ हममें ठहर जाते हैं, सुनो! तुम मेरा ऐसा ही कोई स्टेशन हो, जिसमें मैं जरा ठहरी तो वो मुझमें ठहर गया। ©सखी ©Lata Sharma सखी #स्टेशन
Rakesh Pipada
पुलिस योद्धाओ के लिए कविता.... 👇 बंद है बाजारे सड़के है सुनसान हो गई है दुनिया वीरान डर रहे है हम निकलने में घर से बाहर ओर वो.............. डर रहे है घर जाने से ओर छूने से अपने बच्चों को जोखिम में डाल जान अपनी कर रहे है दिन रात एक करने के लिये रक्षा हमारी कहाँ उन्हें आराम है अपनी नींदे उड़ा दी अपनी भूखे मिटा दी इच्छाओं को त्याग कर सह कर दुख और बाधा छिपा कर अपने दिल का दर्द कर रहे है मानवता की सेवा देश सेवा धर्म समझकर रहे है लड़ कोरोना से हौसले से अपने रहे है जिंदगियां बचा जान से खेल कर अपने लड़ रहे है कोरोना के खिलाफ जंग इस युद्ध मे ........ पुलिस योद्धाओ का ह्रदय की गहराइयों से आभार नायको के इस इरादों को सलाम...# ✍️✍️राकेश पटेल(पीपाड़ा) पुलिस......
Baisa_Raj_Neha_Pandya
देश की भीतरी सुरक्षा का दायित्व अपने कंधों पर रखते हैं। घर की जिम्मेदारियों को ताक पर रखते हैं। दिन हो या रात, सर्दी गर्मी हो या बरसात, जनसाधारण की सुरक्षा का ध्यान रखते हैं। सड़क दुर्घटना हो या ट्राफिक का बुरा हाल,हो कोई नेता का जुलूस या अभिनेता का दंगा सरेआम, अपनी लाठी से करते गुंडों का बुरा हाल और लगाते चपत चोरों को सरेआम, अपना कर्तव्य हर हाल में निभाते हैं। वह खाकी वर्दी वाले फरिश्ते हैं, जो जमीन पर अपनों की रक्षा के लिए आते हैं -Neha_Pandya #पुलिस
Kumar Manoj Naveen
सड़कों -चोराहों पर खाकी के पीछे छुपे फौलाद है हम, गरीब कमजोरों की बैसाखी, दुष्टों के लिए जल्लाद है हम, सम्पूर्ण नारी की इज्ज़त और सुरक्षा के जिम्मेदार हैं हम, देश प्रेम और जन सेवा के सच्चे कर्णधार है हम, शासन द्वारा निर्मित कानून के चौकीदार है हम। हां हां हम पुलिस ही है,अवतार नहीं है हम। **नवीन कुमार ** #पुलिस #