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Jk
मी आज माझा वाढदिवस आणि नाताळ दिवा येथील 'अपना घर' या वृद्धाश्रमात साजरा केला त्याची काही छायाचित्रे प्रत्येक माणूस हा स्वतःसाठी जगतच असतो, पण सामाजिक बांधिलकी जपली गेली पाहिजे आणि माणुसकी टिकवली गेली पाहिजे म्हणून प्रत्येकाने गरीब व गरजुंना आपापल्या कुवतीप्रमाणे मदत करायला हवी,असं मला वाटतं. 'जे का रंजले गांजले त्यांसी म्हणे जो आपुले तोचि साधू ओळखावा देव तेथेचि जाणावा' हे संतांचे वचन ध्यानी ठेवून मी सामाजिक काम करत आहे. - ज्योती किरतकुडवे (साबळे) ©Jk #merychristmas मी आज माझा वाढदिवस आणि नाताळ दिवा येथील 'अपना घर' या वृद्धाश्रमात साजरा केला त्याची काही छायाचित्रे प्रत्येक माणूस हा स्वत
बी.सोनवणे
तुज स्वप्नात रंगले विसरून भान सारे तुज स्वप्नात रंगले, हरपले देहभान माझ॔ मन हे तुझ्यात गुंतले...! धडधडत्या हृदयाचा स्पंदनाना काय कळतं, फक्त तुझ्याच आठवणी त्रासवत जीव तळमळत...! जरी तुज स्वप्नात रंगले ठेवलाय तेवढाच सयंम, तुझ्याच प्रेमावर विश्वास माझा फक्त साथ दे कायम...! सये तुझ्याच चिंतेने मन हे माझे दंगले, काही कळेनास मज तुज स्वप्नात रंगले...! ✒बी.सोनवणे मुंबई तुज स्वप्नात रंगले विसरून भान सारे तुज स्वप्नात रंगले, हरपले देहभान माझ॔ मन हे तुझ्यात गुंतले...! धडधडत्या हृदयाचा
kalyani Pawar.
Abhishek Pandey
सांवले के बात मत कर ग़ालिब दूध से ज्यादा मैंने चाय के दीवाने देखा है #NojotoQuote सांवले
Archana yadav
मैंने पाया हैं अकेला खुद को तब भी जब तुम मेरे पास होते हो तब ज्ञात हुआ पास होने और साथ होने के बीच का फ़ासला..!! ©Archana yadav #फांसले
Andaz Kuch Nya sa
मत जाओ मेरे सांवले रंग पर बहुत से दिन मैंने अंधेरे में गुजारे हैं लोग दिन में भी उजाला करते हैं हमने सुबह से रात और रात से सुबह वक़्त छिपे लम्हे भी अंधेरे में गुजारे हैं हाँ मत जाओ मेरे सांवले रंग पर बहुत से दिन मैंने अंधेरे में गुजारे हैं निकलती हूँ में जाती हूँ कही राह है कोई और मंजिल पाती हूँ कही मत जाओ मेरे सांवले रंग पर बहुत से दिन मैंने अंधेरे में गुजारे हैं जल जल कर राख हुयी हूँ में ऎसे ही नहीं सावले रंग में खाक हुयी हूँ में मत जाओ मेरे सांवले रंग पर बहुत से दिन मैंने अंधेरे में गुजारे हैं लोग हंसते हैं जमाने से मुझ पर अब तो वो हंसी भी मेरे कानो में चुभती है वो वही खड़े हैं मेरी तरक्की भी उनकी आँखों में चुभती है मत जाओ मेरे सांवले रंग पर बहुत से दिन मैंने अंधेरे में गुजारे हैं माँ से पूछा है मैंने मेंरे सावले रंग का कारण बता दो रोज गोरो की महफ़िल मे शर्मिन्दा होती हूँ आज इस राज से पर्दा उठा दो मेरी माँ भी बड़ी भोली है मुझे सीने से लगा लेती है मेरी आँखों के बहते झरने में एक तस्वीर बना देती है कोई जाकर पूछ लो मेरी माँ से मेरे सांवले रंग का राज वो तो मुझे श्री कृष्ण कि कहानी सुना देती है मत जाओ मेरे सांवले रंग पर बहुत से दिन मैंने अंधेरे में गुजारे हैं मन नहीं मानता थोड़ा विचलित सा हो जाता है पिता के पास जाती हूँ मन थोड़ा सा घबराता है सवाल जरूरी है इस लिये पूछती हूँ जवाब नहीं मिलता फ़िर हर बार कि तरह टूटती हूँ मत जाओ मेरे सांवले रंग पर बहुत से दिन मैंने अंधेरे में गुजारे हैं हर रात सोती हूँ सपनो में जान भरती हूँ पंख नहीं हैं फ़िर भी उड़ान भरती हूँ हिम्मत नहीं है फ़िर भी लोगो का मजाक बनती हूँ लोग सीरत से ज्यादा मेरी सूरत देखते हैं मैं मन ही मन उन पर हसती हूँ मत जाओ मेरे सांवले रंग पर बहुत से दिन मैंने अंधेरे में गुजारे हैं अनिता सांवले....