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Mokshada mishra
mohabbat ki ahat ko aur ishq ki likhawat ko badal pana aasan nahi hai ae dost ज़रा सी समझ की फेर में अर्थ का अनर्थ कर देती हैं । कलम with mishraji ©Mokshada mishra अर्थ का अनर्थ #Morning
Bambhu Kumar (बम्भू)
नेता और उनके पालतू बेटो ने आपके दिमाग के साथ खेलने का काम शुरू कर रखा है। डिजिटल युग में यह भी एक दौर है जब आपके दिमाग में डिजिटल माध्यमों से कूड़ा भरा जा रहा है। अपने दिमाग को कूड़ेदान होने से बचाएं किताबें पढ़ें सही जानकारीे लें सतर्क रहें जागरूक रहें जय हिंद जय हिंदी हिंद का मतलब हिंदुस्तान हिंदी का मतलब हिंदुस्तानी #जय #हिंदी #जय #हिंद
Parasram Arora
मंदिर मस्जिद उखड़ गये पर मधुशालाये जमी हैँ जड़े जमा कर मंदिर मस्जिद मे कौन जाता हैँ अब जो जाते हैँ वे भी कहा जाते हैँ जाना पड़ता हैँ इसलिए जाते हैँ 'धार्मिक ' हैँ ये सिद्ध करने के लिए जाते हैँ वो वहा बैठ कर भी मंदिर या मस्जिद मे कहा होते हैँ तथाकथित धार्मिक.......
Ramesht Dhar
कमसिन उम्र का एक नादां नौजवान कलम लेकर निकला था.... उसकी मासूमियत पर दुनिया का फरेबी असर तो देखो ज़ख्मी होकर लौटा है.... तथाकथित बुद्धिजीवी....
Anokhi
हिंदी दिवस - 14 सितंबर हिंदी शोभे बिंदी से.....! हिन्दुस्तानी शोभे हिंदी से.....! आभा अनोखी # हिंदी दिवस # हिंदी की बिंदी...
P Rai Rathi
तथाकथित अभिलाषाओं में मन अभिलाषाओं का नम्बर पहला है अपनी अपनी व्याख्या मन की, मन तो नितांत अकेला है #तथाकथित#अभिलाषाओं में
vishal
Career का हिंदी में अर्थ विकास, पेशा, व्यवसाय, आजीविका आदि होता है. कोई व्यक्ति अपनी जिंदगी में प्रगति लाने के लिए या आजीविका चलाने के लिए जो कार्य करता है उसे करियर कहते है. आजीविका उस कार्य को कहते है जिससे जीविकोपार्जन होता है. उदाहरण के लिए शिक्षक, वकील, कलाकार, डॉक्टर, ब्लॉगर, ड्राइवर आदि कुछ आजीविकायें है. अक्सर हम अपने दोस्तों के साथ जब बात करते है तो उनसे पूछते है कि तुम किस क्षेत्र में अपना करियर बनाओगे। यानि तुम किस क्षेत्र में विकास करोगे। या किस क्षेत्र में रोजगार या नौकरी करोगे। कई सफल लोगो से सलाह भी लेते है कि किस क्षेत्र में करियर बनाना उचित रहेगा। कई प्रोफेशनल इंस्टिट्यूट बच्चों की काउन्सलिंग करते है ताकि सही करियर चुनने में उनकी मदत की जा सके. अगर माता-पिता शिक्षित होते है तो बच्चे की रुचि और शौक के अनुसार उसे कार्य करने देते है और उसको उसमें अपना करियर बनाने देते है.h ©vishal Career का हिंदी में अर्थ विकास, पेशा, व्यवसाय, आजीविका आदि होता है.
Author Harsh Ranjan
तथाकथित कलियुगी सीताओं ने माना है, हर युग के राम का व्यक्तित्व व अस्तित्व सिर्फ चूड़ियों की खनक से निभाना है, उन सबको सदैव किसी सीता के स्पर्श के आगे/के लिए/के बाद बेमोल बेजुबान गिरवी हो जाना है। बहुत सबला व आकर्षक थी वो समाज की नजरों में पहली बार, वर्ष, स्पर्श और घर्ष से पहले, वो स्वामिनी थी सड़क से स्वम्बर तक योनि मथे व ग्रसे जाने से पहले। उन्हें कुंठा मिश्रित अचरज है त्याग से, वो खुद स्वछंदता चाहती हैं आवेगहीन, दूध के उबाल के बीच ध्यान धरे पूछती हैं उसका अस्तित्व विराग से। तथाकथित कलियुगी सीतायें मानती है कि उनकी काया में सारी सृष्टि है और रोग देने वाले सकल स्त्री-भोग, योग व लोक-कल्याण की वृष्टि है। वो खुद को स्वर्ग के समकक्ष रखती हैं, पर क्या वो सरल समावेशी हृदय भी, या सिर्फ आकर्षक स्थूल वक्ष रखती हैं। उन्होंने यत्नपूर्वक सिर्फ महल देखे, जग ने सिर्फ उनके स्वार्थ, प्रतिशोध, कामना व संतानों हेतु पहल देखे। ये वो कलियुग की तथा-कथित सीतायें हैं, जो मानती हैं कि उनकी एक इच्छा से सस्ती पूरे शहर की जलती चिताएं हैं। तथाकथित कलियुगी सीतायें
Author Harsh Ranjan
तथाकथित कलियुगी सीताओं ने माना है, हर युग के राम का व्यक्तित्व व अस्तित्व सिर्फ चूड़ियों की खनक से निभाना है, उन सबको सदैव किसी सीता के स्पर्श के आगे/के लिए/के बाद बेमोल बेजुबान गिरवी हो जाना है। बहुत सबला व आकर्षक थी वो समाज की नजरों में पहली बार, वर्ष, स्पर्श और घर्ष से पहले, वो स्वामिनी थी सड़क से स्वम्बर तक योनि मथे व ग्रसे जाने से पहले। उन्हें कुंठा मिश्रित अचरज है त्याग से, वो खुद स्वछंदता चाहती हैं आवेगहीन, दूध के उबाल के बीच ध्यान धरे पूछती हैं उसका अस्तित्व विराग से। तथाकथित कलियुगी सीतायें मानती है कि उनकी काया में सारी सृष्टि है और रोग देने वाले सकल स्त्री-भोग, योग व लोक-कल्याण की वृष्टि है। वो खुद को स्वर्ग के समकक्ष रखती हैं, पर क्या वो सरल समावेशी हृदय भी, या सिर्फ आकर्षक स्थूल वक्ष रखती हैं। उन्होंने यत्नपूर्वक सिर्फ महल देखे, जग ने सिर्फ उनके स्वार्थ, प्रतिशोध, कामना व संतानों हेतु पहल देखे। ये वो कलियुग की तथा-कथित सीतायें हैं, जो मानती हैं कि उनकी एक इच्छा से सस्ती पूरे शहर की जलती चिताएं हैं। तथाकथित कलियुगी सीतायें