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vinay vishwasi
मैं चाहूँ हर दिन हर पल ही,प्रियवर वही तुम्हारा प्यार। जो हमको मिलता था पहले,बस करते ही एक पुकार। शिकवे गिले दूर करके सब,अब तुम बंद करो तकरार। फिर से जीवन में ले आओ, वही पुराना तुम व्यवहार। #मात्रिक_सवैया_छंद #विश्वासी
दीपक झा रुद्रा
कंठ में हुंकार की नवीन भाष्य रूप और, क्रांति के स्वर के मातृ के स्वरूप है। तार मात वीणा के देते हैं सदा से स्वर, और इस धरती का हिंदी से प्रारूप है। किसे है पसंद नहीं मान स्वाभिमान किन्तु, देख के दशा हिंदी का सब हुआ चुप है। हिंदी वाले बोलने लगे हैं हिंग्लिश जो यहां, यह मात हिंदी के अपमान के स्वरूप है।। ©®दीपक झा रुद्रा #हिंदी_छंद #मात्रिकछंद #Hindidiwas
Anita Sudhir
वक़्त रूपमाला छन्द *** साथ अपने छोड़ जाते ,हो गये अब ग़ैर । कौन जाने गति समय की, क्यों करें सब बैर । काल परिवर्तित क्षणिक सा ,सब लिये मुख फेर। भूप को कंगाल बनते ,कब लगी है देर । रूपमाला छन्द सम मात्रिक छन्द 24 मात्रा 14 ,10 यति 2122 2122 ,2122 21 अंत गुरु लघु तुकांत #छन्द#vaqt#Nojoto
राजकिशोर मिश्र राज
Navonmeshi_Raaj
#दोहा-१ जब तू अटारी आवै, मनवा खूब हर्षाय| नैन मोह लियो गोरी, निंदिया गयीं भुलाय| ✍-राजकुमारी मात्रिक अर्धसम छंद "दोहा".....चार चरण...विषम चरणों(१,३)में १३-१३मात्राएँ, सम चरणों(२,४)में ११-११ मात्राएँ,सम चरणों के अंत में गुरु और लघु हो
Bharat Bhushan pathak
आधार छंद :-योगी(मापनी युक्त मात्रिक छंद) दो-दो चरण तुकांत ,त्रिकल वर्जित १०-१० मात्रा पर यति पापा-मम्मी के,कल्चर में हमसब। भूले रिश्ते की,मर्यादा हैं अब।। सम्मान विलोपित,अब सबका जी है। निश दिन इनका जब,क्यों दिन बाँटा है।। ©Bharat Bhushan pathak #FathersDay #छंदज्ञान#chhandgyaan#योगीछंद#newchhand#nojotohindi आधार छंद :-योगी(मापनी युक्त मात्रिक छंद) दो-दो चरण तुकांत ,त्रिकल वर्जित १०-
Writer1
देश पर मुश्किल आन पड़ी,हमारा अन्नदाता बेहाल है, सर्द मौसम में ढूंढ रहा कैसी सियासी चाल है, भोले-भाले किसान राजनीतिक दांव पेंच से अनजान है, अभी तक सुनवाई नहीं हो रही उनकी, यह भी कमाल हैं। शब्दाक्षर your quote प्रतियोगिता : 1 विषय : देश विधा : मुक्तक (एक मुक्तक लिखिये) प्रतियोगिता दिनांक : 27.12.2020 (रविवार) समय सीमा : 31.
Insprational Qoute
देश की रक्षा में सदा प्राण तैयार है, मेरी जन्मभूमि से मुझे सदा प्यार है, आँच न आने पाये,सरहद पर तैनात, माँ भारती की रक्षा का जुनून सवार है। शब्दाक्षर your quote प्रतियोगिता : 1 विषय : देश विधा : मुक्तक (एक मुक्तक लिखिये) प्रतियोगिता दिनांक : 27.12.2020 (रविवार) समय सीमा : 31.
kavi manish mann
इक राज था। इक साज था। लेकिन नहीं, वो आज था। पाठ-4: अश्व/शुनगति (मात्रिक छन्द - 7 मात्राएँ, अंत में "ध्वजा"): दिनांक: 17.09.2020 मात्रिक छन्द: अश्व/शुनगति (मात्रिक छन्द - 7 मात्राएँ,
DR. SANJU TRIPATHI
माँ है हमारी जान। माँ से ही हैं हम माँ है सबसे महान। माँ ममता की मूरत माँ ही है जन्नत माँ सदा खूबसूरत। खुशियों की है खान गम हरने वाली होती बहुत महान। माँ देती सभी सुख माँ ही है खुदा मिटाती सब दु:ख। मांगती सदा बरकत भगवान का रूप मिलती ना फुर्सत। प्रतियोगिता (BKJ-8) विषय : माँ काव्य विधा - माहिया छंद (5 माहिये लिखना है) समय सीमा आज रात 10:00PM दिनाँक : 31.10.2020 लिखने के बाद comment