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Akarsh Mishra
न जाने क्यों एक सुकून है, "वो पास है", इस एहसास भर से ; न जाने आंखों को राहत क्यों है... जबकि घूरा नहीं है उसको सालों से। बेअदबी सारी उसी के आगे हैं, वरना अदब का पुतला हूं... बाकी दुनिया के आगे मेरी कहाँ चल पाती है। नखरे नाज़ तो कभी नायाब शरारतें मेरी वो नजरें झुकाकर पलकों पर उठाती है। झुकी पलकों को जब उठाती है, नजरों से मेरी जब नजरें मिलाती है... उसे पता नही है नजरों के रास्ते, दिल को भी छू जाती है। समंदर को बूंदों का हिसाब कहां देना है वो बारिश है.... जितनी मिलती जाती है.. मैं उतना बढ़ता जाता हूं। ©Akarsh Mishra सुकून न जाने क्यों है...
Alok Verma "" Rajvansh "Rasik" ""
न जाने क्यों सोचती है वो, जो जिन्दगी का पहलू नहीं, सांसे है वो मेरी जिंदगी की, ख्वाबों की परेशानी नहीं, मैं जिन्दा हूं उसके होने से, वो नहीं तो मैं कुछ नहीं, सपने - हकीकत सब वो है, वो नहीं तो कहानी नहीं, मैं उसके बिन जिन्दा हूं, इसकी कोई निशानी नहीं, उसके शिवा मेरी मोहब्बत की, बनी कोई कहानी नहीं, क्यों उस सोच में बैठी हो ए मोहब्बत, जो जिन्दगी का पहलू नहीं...! न जाने क्यों सोचती है....!
Dharamveer Verma
संभालता हूँ इस नादान से दिल को फिर,भी दिल कहाँ संभलता है जब बिछडना ही था,कोई इक दिन न जाने क्यों मिलता है न जाने क्यों मिलता है। ये,आंसू उस कहानी का ही हिस्सा है जो बीती,और खत्म हुई बीत गया एक लंबा,दरम्यां फिर भी दिल में इक टीस,इक दर्द न जाने क्यों निकलता है जब बिछडना था,एक दिन आखिर न जाने कोई,क्यों मिलता है। बुझाता हूँ,हर रोज वो चराग़ जो जल रहा है,तेरी यादों में जानता हूँ नहीं,रोशन है मेरी दुनिया न जाने,वो अन्जान क्यों जलता है जब बिछडना ही था,इक दिन जाने कोई क्यों मिलता है जाने कोई क्यों मिलता है। dharamveer Verma'धर्म' न जाने कोई क्यों मिलता है
Akarsh Mishra
न जाने क्यों एक सुकून है "वो पास है"....इस एहसास भर से, न जाने आंखों को राहत क्यों है जबकि घूरा नहीं है उसको सालों से। बेअदबी सारी उसी के आगे हैं... वरना अदब का पुतला हूं... बाकी दुनिया के आगे मेरी कहाँ चल पाती है। नखरे नाज़ तो कभी नायाब शरारतें मेरी वो नजरें झुकाकर पलकों पर उठाती है। झुकी पलकों को जब उठाती है... नजरों से मेरी जब नजरें मिलाती है, उसे पता नही है नजरों के रास्ते, दिल को भी छू जाती है। समंदर को बूंदों का हिसाब कहां देना है, वो बारिश है.... जितनी मिलती जाती है... मैं उतना बढ़ता जाता हूं। ©Akarsh Mishra #Memories न जाने सुकून क्यों है
Ankush
ना जाने क्यों वो हमें मुस्कुरा के मिलते है, अंदर से सारे गम छुपा कर मिलते है । जानते हैं आँखे सच बोल जाती है, शायद इसी लिये वो, नज़र झुका कर मिलते है । #Love ना जाने क्यों ऐसा होता है।
Bulbul varshney
दोस्ती का तो पता नहीं पर हमारे पास दुश्मनी निभाने वाले बहुत आ जाते हैं प्यार से बात करने वाले तो पता नहीं पर हां पेट में छूरा खोपने वाले बहुत आ जाते हैं ©Bulbul varshney #andhere जिंदगी में न जाने क्यों अचानक से अंधेरा छा गया है।
Kajalife....
न जानें क्यों आजकल दिल ये इकरार कर रहा है , ये मेरा जिंदगी का सफर तेरे साथ चल रहा है । कोई आ गया है यादो में मेरी , क्या ये दिल कोई चाल चल रहा है ? हो हकीकत तुम फिर भी तुमसे ख्यालों में मुलाकात कर रहा है । # न जाने क्यों
Mishkat Abidi
ना जाने क्यों लगा मुझको मेरी हर साँस तुमसे है खुशी का साज़ तुमसे है! न जाने क्यों लगा मुझको मैं तुम बिन जी न पाऊंगी गिरूंगी लङखङाउंगी, मुसीबत की सभी जंगे मै तुम बिन हार जाउंगी, ये सच है, तुम मेरी चाहत ये सच है, तुम मेरी आदत, मगर मैं सोचती थी जो कि तुम बिन कुछ नहीं हूं मै, मेरी नादां ख्याली थी, वो सोंचो की ग़ुलामी थी! किसी का साथ पा लेना महज़ इस दिल का धोका है । इन्हीं बातों ने अक्सर रास्ता चलने से रोका है! जो गिर के खुद ही संभला है, जो तन्हा मुस्कुराया है, जो अपने दर्द में हंस कर के नगमा गुनगुनाया है! यहां हर जीत उसकी है जिसे खुद पर भरोसा है ! मुझे खुद पर यक़ी है अब मेरी हर आस मुझसे है! न जाने क्यों लगा मुझको मेरी हर सांस तुमसे है। न जाने क्यों