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facttttz

सुतली बम किस तरह से बनाया जाता है??? #Knowledge

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Kulbhushan Arora

Yq वालो सुनो सुनो सुनो.... कल दीपावली पे हम सब मिल कर, खूब प्रदूषण फैलाएंगे🙃🙃🙃🙃, आज तैयारी कर लो.... निकाल लो .... अपनी मुस्कानों की फुलझडिय #yqhappydipawali #yqकुलभूषणदीप

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 Yq वालो सुनो सुनो सुनो....
कल दीपावली पे हम सब मिल कर,
खूब प्रदूषण फैलाएंगे🙃🙃🙃🙃,
आज तैयारी कर लो....
निकाल लो ....
अपनी मुस्कानों की फुलझडिय

Kulbhushan Arora

Yq वालो सुनो सुनो सुनो.... कल दीपावली पे हम सब मिल कर, खूब प्रदूषण फैलाएंगे🙃🙃🙃🙃, आज तैयारी कर लो.... निकाल लो .... अपनी मुस्कानों की फुलझडिय #yqकुलभूषणदीप

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Yq वालो
तैयार हो जाओ
कल हमे प्रदूषण फैलाना है
🙃😂🙃😂🙃😂🙃
अरे पूरी बात
तो
अनुशीर्षक में है
कौन कौन साथ दे रहा है मेरा
इस प्रदूषण को फैलाने में😂😂😂 Yq वालो सुनो सुनो सुनो....
कल दीपावली पे हम सब मिल कर,
खूब प्रदूषण फैलाएंगे🙃🙃🙃🙃,
आज तैयारी कर लो....
निकाल लो ....
अपनी मुस्कानों की फुलझडिय

Dileep Baghel

#सपनों_का_मेरे_गांव _कस्बा _हो_गया_है थी एक दिवस संध्या की बेला, मैं अकेला जा रहा था. कुछ शायरी मुक्तक गजल, मैं गा रहा था/ तरु पवन के संपर् #कविता #directions

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#सपनों_का_मेरे_गांव _कस्बा _हो_गया_है

थी एक दिवस संध्या की बेला,
मैं अकेला जा रहा था.
कुछ शायरी मुक्तक गजल,
मैं गा रहा था/
तरु पवन के संपर्क में आने से
पत्ते हिल रहे थे.
जैसे वह अपनी प्रियतमा के कंठ
फिर-फिर मिल रहे थे/
मैं सहज मन से सुन रहा था
पंछियों का चहचहाना.
चांदनी की रोशनी में,
कोयलों का गीत गाना/
दो चार पग आगे बढ़ा तो,
निकट थी नदिया की धारा.
वह दूध जैसी धार,
जैसे फर्स रेती का किनारा /
वह दृश्य देखा चल पड़ा फिर गांव,
पीपल छांव में पनघट किनारे.
फिर वहां बैठा जल पिया,
लोटा डुबो सुतली सहारे/
वह शुद्ध वातावरण,
मेरे चरण से तृण दबे.
मैं बढ़ गया आगे,
पुनः वह उठे/
उनपर पर हुए अन्याय पर,
मैं रो रहा था.
यह ख्वाब था शायद,
मैं अब तक सो रहा था/
आंखें खुली,
तो दृश्य सारा खो गया था.
सपनों का मेरे गांव,
कस्बा हो गया था/
मेरे कस्बे में है स्कूल अस्पताल
सब सुविधा यही है.
मगर जो गांव में चौपाल था,
अब वह नहीं है/

©Dileep Baghel #सपनों_का_मेरे_गांव _कस्बा _हो_गया_है

थी एक दिवस संध्या की बेला,
मैं अकेला जा रहा था.
कुछ शायरी मुक्तक गजल,
मैं गा रहा था/
तरु पवन के संपर्

JALAJ KUMAR RATHOUR

वो बचपन वो गलियाँ सब ख्वाव सा लगता है, वो सुतली वाला बॉम्ब अब कहाँ हमसे सुलगता है, वो ईगल के पटाखे और फुल झडी सब याद आता है, पर जिंदगी की #जलज

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दिल मे दर्द और लवो पर खुशहाली है, 
रोशन है सारा जहाँ ,पर रात  हमारी काली है, 
न दियो का साथ  ,न ही पूजा की थाली है, 
जनाब घर से दूर, ये हमारी पहली दिवाली है, 
... #जलज कुमार राठौर 
🕉शुभ दीपावली🕉 वो बचपन वो गलियाँ सब ख्वाव सा लगता है, 
वो सुतली वाला बॉम्ब अब कहाँ हमसे सुलगता है, 
वो ईगल के पटाखे और फुल झडी सब याद आता है, 
पर जिंदगी की

Ashay Choudhary

बचपन में मेरा एक पसंदीदा शगल था नानी के घर वाले बरामदे में नीम की निंबोलियां इकठ्ठा करना और साथ में बबूल के फल, फूल और भी पता नहीं कितनी जंग #story #yqdidi #yqtales #bachpankiyaadein #Ashay #longform #bestyqhindiquotes

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निंबोलियां

(Read caption for write up) बचपन में मेरा एक पसंदीदा शगल था नानी के घर वाले बरामदे में नीम की निंबोलियां इकठ्ठा करना और साथ में बबूल के फल, फूल और भी पता नहीं कितनी जंग

JALAJ KUMAR RATHOUR

दिल मे दर्द और लवो पर खुशहाली है, रोशन है सारा जहाँ पर, रात हमारी काली है, न दियो का साथ है ,न ही पूजा की थाली है, जनाब घर से दूर ये हमा #जलज

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आओ दीप जलायें दिल मे दर्द और लवो पर खुशहाली है, 
रोशन है सारा जहाँ पर, रात  हमारी काली है, 
न दियो का साथ है ,न ही पूजा की थाली है, 
जनाब घर से दूर ये हमारी पहली दिवाली है, 
वो बचपन वो गलियाँ सब ख्वाव सा लगता है, 
वो सुतली वाला बॉम्ब अब कहाँ हमसे सुलगता है, 
वो ईगल के पटाखे और फुल झडी सब याद आता है, 
पर जिंदगी की तराजू मे, अब भी मेरी यादो का पलडा भारी है, 
जनाब घर से दूर ये हमारी पहली दिवाली है, 
वो खीले, वो गट्टे, वो मिठाईयाँ और मोहल्ले भर में सट्टे, 
वो मोम के बांट, घर वालो की डांट ,
 वो जगमगाती रात सब याद आता है, 
लाइट्स लगाते 
वक़्त दो चार तो बिजली के झटके तो हर कोई खाता है
मगर  फिर भी घर को सजाने की रहती खुमारी है
साहब घर से दूर, हमारी ये पहली दिवाली है, 
पर्वा पर ज्यादा पढ़ने की अफवाह अब तक जारी है
भाई दौज की यादे लगती अब पुरानी है
 ख्वाव सभी लगते  अब हमको बेमानी है
साहब घर से दूर, हमारी ये पहली दिवाली है, 
जाने अनजानो का संदेश आता है , 
किसी से बात करने का मौका मिल जाता है, 
तो कोई लाइट्स के दरमियाँ खिची तस्वीरों मे सुकून पाता है, 
त्योहार ये चेहरे पर लाता हर शख़्स के खुशहाली, है
साहब घर से दूर, हमारी ये पहली दिवाली है, 
.... #जलज कुमार राठौर 
🕉शुभ दीपावली🕉 दिल मे दर्द और लवो पर खुशहाली है, 
रोशन है सारा जहाँ पर, रात  हमारी काली है, 
न दियो का साथ है ,न ही पूजा की थाली है, 
जनाब घर से दूर ये हमा

Amrit Raj

#जाना.... "जाना", ये शब्द कभी भी सुखदायी नही हुआ न, बचपन की लट्टू की सुतली से जब, उंगलियां निकाल, उनमे चौक फँसा कर स्कूल "जाना" हुआ, लगा ज #Job #yqbaba #yqdidi

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धुँए की धुंध से पहचान लिखने,
हवा पे हवा से अपना नाम लिखने,

#जाना

Read full poem in caption. #जाना....

"जाना", ये शब्द कभी भी सुखदायी नही हुआ न,

बचपन की लट्टू की सुतली से जब,
उंगलियां निकाल,
उनमे चौक फँसा कर स्कूल "जाना" हुआ,
लगा ज
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