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◆ भारत को मिला नायाब गृहमंत्री... ◆ कूटनीति में माहिर शख़्स बने विदेशमंत्री.. ◆ सादगी-कम ख़र्च पसंद महिला बनी वित्त मंत्री.. ◆ संस्कृत-हिन्दी साहित्य के ज्ञाता होगें शिक्षा मंत्री ◆ पर्यावरण/जंगल/वायु प्राथमिकता से दूर ◆ सभी को ढ़ेरो शुभकामनाएं 😊 नए मंत्रिमंडल का गठन
Ravi Kumar Shaw
जितनी दफा तेरी तस्वीर को देखू मधुर स्मृतियां याद आ जाती है। ख्वाब हो या हो हकीकत हर जगह तुम ही नजर आती हो। ©Ravi Kumar Shaw #स्मृतियां
Shweta
कुछ यादें खट्टी मीठी सी, कुछ अलबेली कुछ रीती सी। ये अंतर्मन महकाती हैं, कुछ कानों में कह जाती हैं। जब निकल चली गलियारों से, उन चौतरफा चौबारों से। ये दूर हमें ले जाती हैं, हर सच्चाई झूठलाती हैं। यह वक्त तो हर पल चलता है, बस सुबह शाम में ढलता है। उड़ जाता पंख लगा यूं ही, हर घड़ी घड़ी यह छलता है। जो बीत गया ना आएगा, स्मृतियों में रह जाएगा। जब देखोगे मुड़ कर पीछे, तब व्याकुल मन पछताएगा।। ©Shweta स्मृतियां....…
Ripudaman Jha Pinaki
स्मृतियों के बेकल हंस, कभी कभी विचलित हो कर विचरण करते हैं, अतीत के आँगन में स्मृतियों की सौंधी सी सुगंध झकझोर देती है मन मस्तिष्क को विह्वल मन और तड़प उठता है असंख्य टीसें एक साथ सूईयाँ चुभोती हैं स्मृति किरणें, अंधकवन में भटकाते हुए शून्य में ले जाती हैं जहां से लौट पाना असंभव हो जाता है। अतीत, मेरे हृदयपटल पर चिपका है जाले की तरह जिसमें, अनगिनत पीड़ाओं ने अपना अधिकार जमा रखा है। अतीत की स्मृतियां विस्मृत नहीं होती मन से। स्मृतियों के हर पन्ने पर मेरे जीवन की कई कहानियां मुद्रित हैं जिनमें सुखद कम और दु:खद अधिक। रिपुदमन झा "पिनाकी" धनबाद (झारखंड) स्वरचित एवं मौलिक ©Ripudaman Jha Pinaki #स्मृतियां
Vivek
तुम्हारा अलबेलापन तुम्हारी मस्तियां तुम्हारी मासूमियत तुम्हारी कश्तियाँ कुछ न कुछ हमसे कहती रहती हैं बहुत खुश संग हमारे रहती हैं...!!! ©Vivek # मस्तियां
Ajay Sharma
स्मृतियां- दीमक से भी बुरी होती हैं, ये 'रूह' को ऐसे खाती हैं, कि- कोई अवशेष तक नहीं बचता..... जो कल- यथार्थ के होने की, गवाही दे सके...........// #स्मृतियां
Balram Bathra
कुछ स्मृतियां, यूं हो जाती है., स्मृति पटल पर अंकित., फिर असंभव होता है, किसी भी प्रकार का, अन्तर कर पाना., यथार्थ और स्मृतियों में.. फिर यथार्थ ही स्मृतियां है, और स्मृतियां ही यथार्थ.. ©Balram Bathra #स्मृतियां
BS NEGI
*"स्मृतियां" खुशबू की तरह होती हैं,चाहे कितने भी खिड़की - दरवाजे बंद कर लो* *वो हवा के झोंके के साथ अन्दर आ ही जाती हैं.!* *इसलिए इस दुनियां में सब कुछ कीमती है,एक पाने से पहले और दूसरा खोने के बाद* ©BS NEGI स्मृतियां