हाथ खप्पर ,
नर मुण्ड माल लिए
कर त्रिशूल और,
तलवार लिए।
हे काली रक्त का,
आहार कर तू।
दुष्टों का संहार कर तू।
कर सेवन इनके
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Deepti Garg
आपका इतना सुंदर रूप है माता,
कैसे करूं गुणगान तू है भाग्य विधाता।
सर पर लाल चुनरी ओड़े हाथों में त्रिशूल,
लाल लाल जोड़ा सोहे, कर सोलह सिंगा #जय#navratri#yqbaba#yqdidi
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Saurabh bansal
सर्वस्व अपना बेच रहे हैं
रक्षा को पतवारों की
तुम गिद्धों से नोच रहे हो
आभूषण हत्याओं के
मान मर्दन मिट गया
वो तुम्हारी जय जयकारो का
जीवन बच