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    PopularLatestVideo
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Priyanka Jaiswal

नामकरण

घरामध्ये आनंदाची उधळण झाली,
     १५ ऑगस्टला घरामध्ये लक्ष्मी आली...
बघुनी तिचे सुंदर रूप,
   घरामध्ये सर्वांना आनंद झाला खूप...

पहिल्यांदा बघतांना तिला,
आईच्या डोळ्यात आले पाणी..
कुशीत घेऊन तिचे बाबा म्हणाले,
किती सुंदर आहे माझी राणी...

सजवला गेला पाळणा आज,
नटल्या सर्वजणी......
काय नाव ठेवायचे बाळाचे,
विचार करत होत्या सर्व मनी...

बनऊनी घुघऱ्या आज,
पळण्याखली ठेवण्यात आल्या वाट्या..
नाव ठेवायला बाळाचे आता,
उठल्या तिच्या आत्या...

ठेऊनी बाळाचे छान नाव,
फुंकर मारली आत्याने बाळाच्या कानात..
ऐकुनी आपले छान नाव,
बाळपण हसले क्षणात....

आज बाळाला स्वतःचे असे नाव  मिळाले सुंदर
नामकरणाची विधी पूर्ण होताच, हसले  सर्वजण मणभर...

©Priyanka Jaiswal
  #नामकरण
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Deepak Nishant

पैहले हम अजनबी थे बस्ती में 

फिर तेरे नाम से पुकारे गए

©Deepak Nishant नामकरण

#Love

नामकरण #Love #कोट्स

10 Love

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Rupali Jadhav

"सर्वज्ञ"

बुध्द जन्म हि एका नव्या मंगल सूष्टीची उद्घोषणा असते.म्हणून त्यांचा जन्म झाला की सर्व दिशा आपोआप स्वच्छ होतात.आकाश निरभ्र होउन चमकू लागते.बुध्दांचा जन्म सुखदायक असतो.'सुखो बुध्दानं उप्पादो " बुध्द जन्म मानवाच्या कल्याणासाठी झालेला असतो.सिध्दार्थचा अर्थ अभिलाषा पुर्ण होणे. बुध्दाचा अर्थ होतो ज्ञानसंपन्न , जागृत (Enlightenend and Awakened )
अमरकोशात भगवान बुद्धांची १८ नावे दिली आहेत.त्यामध्ये सर्वज्ञ हे पहिले नांव.सर्वज्ञ म्हणजे सर्वज्ञानी.सुष्टीचा कानाकोपरा पाहिलेला,सत्याला जाणलेला. #DawnSun #नामकरण
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Rupali Jadhav

नामकरण 

#krishna_flute

नामकरण #krishna_flute

39 Views

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Hasan Videos

رب کا شکر ادا  کر بھائی करके नामकरण दूसरों का तरक्की कहा से लाओगे ।।

आखिर कब तक अपने देश में नफ़रत फैलाओगे ।।

झूठ, फरेब, और मक्कारी रह जाती है यहीं पर......

दुत्कार दिया जो उस रब ने अपमान न सह पाओगे ।।

©Hasan Videos
  करके नामकरण दूसरों का तरक्की कहा से लाओगे ||

करके नामकरण दूसरों का तरक्की कहा से लाओगे || #शायरी

224 Views

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ittu Sa

मिठ्ठी Diduuuuu का नामकरण। हुआ हैं diduuu का नामकरण,रखा हैं diduuu का nick name।
उन्हीं की तरह ,उन्हीं के जैसा।
मिठास से भरा,रास में डूब।
खासियत है

Diduuuuu का नामकरण। हुआ हैं diduuu का नामकरण,रखा हैं diduuu का nick name। उन्हीं की तरह ,उन्हीं के जैसा। मिठास से भरा,रास में डूब। खासियत है

25 Love

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करिश्मा ताब

गुलामी से आजादी

©करिश्मा ताब
  क्रूरता की निशानी रहे जो गुलामी के दौर में विदेशी आक्रमणकारी जिन्होंने नामकरण किये शहर, चौक- चौराहे अपनी विजय के नाम उन स्थानों के नाम भारती

क्रूरता की निशानी रहे जो गुलामी के दौर में विदेशी आक्रमणकारी जिन्होंने नामकरण किये शहर, चौक- चौराहे अपनी विजय के नाम उन स्थानों के नाम भारती #कविता #nojotonews #NojotoFilms #nojotopoetrywriter #NojotoStreak

644 Views

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yogesh atmaram ambawale

तुझ्या प्रेमात...
माझे अनेकदा बारसे झाले,
कुणी प्रेमवेडा तर कुणी मजनू,
कुणी रांझा तर कुणी वासू..
असे अनेक नामकरण केले.
😉😆😉 शुभ संध्या मित्रहो
आताचा विषय आहे:
तुझ्या प्रेमात...

#तुझ्याप्रेमात

हा विषय 
Gayatri Patil यांचा आहे.

शुभ संध्या मित्रहो आताचा विषय आहे: तुझ्या प्रेमात... #तुझ्याप्रेमात हा विषय Gayatri Patil यांचा आहे. #YourQuoteAndMine #yqtaai

0 Love

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N S Yadav GoldMine

श्रीकृष्‍ण द्वारा राजा परीक्षित का नामकरण तथा पाण्‍डवों का हस्‍तिनापुर के समीप आगमन पढ़िए महाभारत !! 👑👑
{Bolo Ji Radhey Radhey}
महाभारत: :- आश्‍वमेधिक पर्व (अनुगीता पर्व) सप्‍ततितम अध्याय: श्लोक 1-21 

	श्रीकृष्‍ण द्वारा राजा परीक्षित का नामकरण तथा पाण्‍डवों का हस्‍तिनापुर के समीप आगमन

🎇 वैशम्‍पायनजी कहते है- राजन! भगवान श्रीकृष्‍ण ने जब ब्रह्मास्‍त्र को शान्‍त कर दिया, उस समय वह सूतिकागृह तुम्‍हारे पिता के तेज से देदीप्‍यमान होने लगा। फिर तो बालकों का विनाश करने वाले समस्‍त राक्षस उस घर को छोड़कर भाग गये। इसी समय आकाशवाणी हुई- केशव! तुम्‍हें साधुवाद! तुमने बहुत अच्‍छा कार्य किया। साथ ही वह प्रज्‍वलित ब्रह्मास्‍त्र ब्रह्मलोक को चला गया। 

🎇 नरेश्‍वर! इस तरह तुम्‍हारे पिता को पुनर्जीवन प्राप्‍त हुआ। राजन्! उत्‍तरा का वह बालक अपने उत्‍साह और बल के अनुसार हाथ-पैर हिलाने लगा, यह देख भरतवंश की उन सभी स्‍त्रियों को बड़ी प्रसन्‍नता हुई। उन्‍होंने भगवान श्रीकृष्‍ण की आज्ञा से ब्राह्मणों द्वारा स्‍वस्‍तिवाचन कराया। 

🎇 फिर वे सब आनन्‍दमग्‍न होकर श्रीकृष्‍ण के गुण गाने लगीं। जैसे नदी के पार जाने वाले मनुष्‍यों को नाव पाकर बड़ी खुशी होती है, उसी प्रकार भरतवंशी वीरों की वे स्‍त्रियां-कुन्‍ती, द्रौपदी, सुभद्रा, उत्‍तरा एवं नर वीरों की स्‍त्रियां उस बालक के जीवित होने से मन–ही–मन बहुत प्रसन्‍न हुईं। भरतश्रेष्‍ठ! तदनन्‍तर मल्‍ल, नट,ज्‍योतिषी, सुख का समाचार पूछने वाले सेवक तथा सूतों और मागधों के समुदाय कुरुवंश की स्‍तुति और आशीर्वाद के साथ भगवान श्रीकृष्‍ण का गुणगान करने लगे। 

🎇 भरतनन्‍दन! फिर प्रसन्‍न हुई उत्‍तरा यथासमय उठकर पुत्र को गोद में लिये हुए यदुनन्‍दन श्रीकृष्‍ण के समीप आयी और उन्‍हें प्रणाम किया। भगवान श्रीकृष्‍ण ने प्रसन्‍न होकर उस बालक को बहुत से रत्‍न उपहार में दिये। फिर अन्‍य यदुवंशियों ने भी नाना प्रकार की वस्‍तुएं भेंट की। 

🎇 महाराज! इसके बाद सत्‍यप्रतिज्ञ भगवान श्रीकृष्‍ण ने तुम्‍हारे पिता का इस प्रकार नामकरण किया। कुरुकुल के परिक्षीण हो जाने पर यह अभिमन्‍यु का बालक उत्‍पन्‍न हुआ है। इसलिये इसका नाम परीक्षित होना चाहिये।ऐसा भगवान ने कहा। नरेश्‍वर! इस प्रकार नामकरण हो जाने के बाद तुम्‍हारे पिता परीक्षित कालक्रम से बड़े होने लगे। भारत! वे सब लोगों के मन को आनन्‍दमग्‍न किये रहते थे। 

🎇 वीर भरतनन्‍दन! जब तुम्‍हारे पिता की अवस्‍था एक महीने की हो गयी, उस समय पाण्‍डव लोग बहुत सी रत्‍नराशि लेकर हस्‍तिनापुर को लौटे। वृष्‍णिवंश के प्रमुख वीरों ने जब सुना कि पाण्‍डव लोग नगर के समीप आ गये हैं, तब वे उनकी अगवानी के लिये बाहर निकले। पुरवासी मनुष्‍यों ने फूलों की मालाओं, वन्‍दनवारों, भांति–भांति की ध्‍वजाओं तथा विचित्र–विचित्र पताकाओं से हस्‍तिनापुर को सजाया था। 

🎇 नरेश्‍वर! नागरिकों ने अपने–अपने घरों की सजावट की थी। विदुरजी ने पाण्‍डवों का प्रिय करने की इच्‍छा से देवमन्‍दिरों में विविध प्रकार से पूजा करने की आज्ञा दी। हस्‍तिनापुर के सभी राजमार्ग फूलों से अलंकृत किये गये थे।

©N S Yadav GoldMine #lonely श्रीकृष्‍ण द्वारा राजा परीक्षित का नामकरण तथा पाण्‍डवों का हस्‍तिनापुर के समीप आगमन पढ़िए महाभारत !! 👑👑
{Bolo Ji Radhey Radhey}
महाभा

#lonely श्रीकृष्‍ण द्वारा राजा परीक्षित का नामकरण तथा पाण्‍डवों का हस्‍तिनापुर के समीप आगमन पढ़िए महाभारत !! 👑👑 {Bolo Ji Radhey Radhey} महाभा #पौराणिककथा

6 Love

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Poonam bagadia "punit"

"गौर से देखिए इस मासूम चेहरे को .. ये दुनिया के पहले शख्स है जिनका नामकरण इनके जन्मदिवस से पहले ही हो गया...😜😇😇
अपने चेहरे और शख्सियत के ही स्वरूप  नाम है भोलू राम...😊😊
Happy birthday bholu ram..🎂🎂🎂🍫🍫 "नोजोटो परिवार में सनसनी...
विश्वास सूत्रों से अभी अभी पता चला है कि इस परिवार के एक सदस्य ने आज जन्म लिया है...🎂🍫😇
बेहद ही आश्चर्य चकित करन

"नोजोटो परिवार में सनसनी... विश्वास सूत्रों से अभी अभी पता चला है कि इस परिवार के एक सदस्य ने आज जन्म लिया है...🎂🍫😇 बेहद ही आश्चर्य चकित करन #Friendship #Dosti #nojotohindi

26 Love

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भाग्य श्री बैरागी

"नेताजी" 

'कृपया अनुशीर्षक में पढ़ें' "नेताजी"

मुर्गे जैसे बाँग लगाए गली गली मे नेताजी,
चुनाव आते ही सक्रिय हो जाते सबके प्रिय नेताजी।

मेंढक जैसे कूद पड़ते हैं हर सभा में नेताज

"नेताजी" मुर्गे जैसे बाँग लगाए गली गली मे नेताजी, चुनाव आते ही सक्रिय हो जाते सबके प्रिय नेताजी। मेंढक जैसे कूद पड़ते हैं हर सभा में नेताज #yqdidi #व्यंग्य #cinemagraph #भाग्य_की_कलम_से #मेरी_बै_रा_गी_कलम

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yogesh atmaram ambawale

स्वतःचे बारसे
मुलं जन्माला येण्याआधी आई  त्याचे नाव ठरविते,
मुलं झाल्यावर मात्र मुलाची जन्मपत्रिका त्याचे नाव ठरविते.
कधी जन्मपत्रिका फक्त अक्षर देते तर, नाव काय ठेवायचे हे आत्याच ठरविते.
आत्या देते ते मुळ नाव असते तर आई वडील बोलतात ते टोपण नाव असते,
जसे मुलं मोठं होत जाते तसे त्याचे नाव ही बदलते,
आई वडील,आत्या,जन्मपत्रिका सर्व बाजूला राहते,
नि मित्र ज्या नावाने हाक मारतात तेच नाव राहून जाते.
मित्रांनी दिलेले नाव नाही आवडले तर स्वतःच स्वतःचे बारसे करतो,
शुध्द हिंदी मराठी नावाचे इंग्रजी रूपांतर करतो.
कुणी प्रदीप चे पॅडी करतो तर कुणी संदीप चे सँडी करतो. बारसे#YourQuateAndMine#yqtaai#bestyqmarathiquotes#मराठी#नामकरण#opencollab#collab
मुलं जन्माला येण्याआधी आई  त्याचे नाव ठरविते,
मुलं झाल्यावर

बारसेYourQuateAndMineyqtaaibestyqmarathiquotesमराठीनामकरणopencollabcollab मुलं जन्माला येण्याआधी आई त्याचे नाव ठरविते, मुलं झाल्यावर

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AwadheshPSRathore_7773

"आदरणीय अटल बिहारी वाजपेयी" जी भाजपा के पितृ पुरुष एवं संस्थापक है।
आपने और राजमाता "विजयाराजे सिंधिया"
ने पूरानी जनसंघ पार्टी का नामकरण करक

"आदरणीय अटल बिहारी वाजपेयी" जी भाजपा के पितृ पुरुष एवं संस्थापक है। आपने और राजमाता "विजयाराजे सिंधिया" ने पूरानी जनसंघ पार्टी का नामकरण करक

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Kumar.vikash18

( पाँचाली )
आहत हूँ मैं इस नामकरण से कहीं दुखी
भी हूँ जब जब मेरा नाम बदला मैं आँसू
बहाती भी हूँ ,
मैं बोलती नहीं बस मौन सी रहती हूँ इन
बदलते नामों का घात चुपचाप सहती
रहती हूँ !
एक पहचान सभी को अपनी प्यारी
होती है बदले जो पहचान तकलीफ तो
होती है ,
कौन अच्छा कौन बुरा मैं नहीं समझ
पाती बस जाति धर्म के नाम पर हर बार
मेरी पहचान बदल जाती !
टुकड़े भी मेरे हुए अनेकों , तलवारों और
तोपों के जोर पर हर बार मुझे बाँटा
गया ,
इन स्वार्थ के अंधे  मानव ने अपने अहम
और लालच के खातिर मेरे विस्तार को
टुकड़ों-टुकड़ों में छाँटा गया ,
मैं प्रकृति हूँ मैं शांत तो रहती हूँ मैं धरती
हूँ मैं चुपचाप सब सहती हूँ माँ का दर्जा
तुमने दिया मुझे फिर भी पांचाली की
तरह आपस में बाँटा है ,
मेरा श्राप लगा तुम्हें तो नातों से टूटा
नाता है जो एक साथ तुम मिलकर एक
घर में रहते थे कभी वो देखो आज घर
घर में भी हो रहा बँटवारा है !! पाँचाली 
( पाँचाली )
आहत हूँ मैं इस नामकरण से कहीं दुखी
भी हूँ जब जब मेरा नाम बदला मैं आँसू
बहाती भी हूँ ,
मैं बोलती नहीं बस मौन सी रहती हूँ

पाँचाली ( पाँचाली ) आहत हूँ मैं इस नामकरण से कहीं दुखी भी हूँ जब जब मेरा नाम बदला मैं आँसू बहाती भी हूँ , मैं बोलती नहीं बस मौन सी रहती हूँ

7 Love

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अज्ञात

अगला भाग-2

©Rakesh Kumar Soni लाड़ली बहना सुधा त्रिपाठी को समर्पित 

 सम सुधा सुनाम है 
मंगल मूरति धाम.. 
केहि विध करूँ बखान मैं
सद्गुन अनत ललाम... 

उर धरे भाव सो, करहुं

लाड़ली बहना सुधा त्रिपाठी को समर्पित सम सुधा सुनाम है मंगल मूरति धाम.. केहि विध करूँ बखान मैं सद्गुन अनत ललाम... उर धरे भाव सो, करहुं #कविता

25 Love

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Swatantra Yadav

"मेरी पीड़ा मुझसे न पूछो,मैं खुद के घर में दंडित हूँ।
मुझे बचाने कोई ना आया, मैं 'कश्मीरी पण्डित' हूँ॥ हमारा प्रयास यह होना चाहिए कि कश्मीरी नरसंहार को भारत सरकार आधिकारिक रूप से ‘नरसंहार/जेनोसाइड’ कहे, भारत सरकार कश्मीरी हिन्दुओं से आधिकारिक

हमारा प्रयास यह होना चाहिए कि कश्मीरी नरसंहार को भारत सरकार आधिकारिक रूप से ‘नरसंहार/जेनोसाइड’ कहे, भारत सरकार कश्मीरी हिन्दुओं से आधिकारिक

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Vikas Sharma Shivaaya'

शुक्र जिसका संस्कृत भाषा में एक अर्थ है शुद्ध, स्वच्छ, भृगु ऋषि के पुत्र एवं असुर गुरु शुक्राचार्य का प्रतीक शुक्र ग्रह है- भारतीय ज्योतिष में इसकी नवग्रह में भी गिनती होती है- यह सप्तवारों में शुक्रवार का स्वामी होता है-यह श्वेत वर्णी, मध्यवयः, सहमति वाली मुखाकृति के होते हैं, इनको ऊंट, घोड़े या मगरमच्छ पर सवार दिखाया जाता है-ये हाथों में दण्ड, कमल, माला और कभी-कभार धनुष-बाण भी लिये रहते हैं...,

शुक्र (Venus), सूर्य से दूसरा ग्रह है और प्रत्येक 224.7 पृथ्वी दिनों मे सूर्य परिक्रमा करता है-ग्रह का नामकरण प्रेम और सौंदर्य की रोमन देवी पर हुआ है,चंद्रमा के बाद यह रात्रि आकाश में सबसे चमकीली प्राकृतिक वस्तु है- इसका आभासी परिमाण -4.6 के स्तर तक पहुँच जाता है और यह छाया डालने के लिए पर्याप्त उज्जवलता है...,

शुक्र के शुभ प्रभाव से जातक में रचनात्मकता आती है और उसकी रूचि कलात्मक कार्यों में होती है- शुक्र के मजबूत स्थिति में होने से जातक के प्रेम वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है और इसी के साथ व्यक्ति की आर्थिक स्थिति भी मजबूत रहती है व उसको भौतिक सुख सुविधाओं की प्राप्ति होती है...,

विष्णु सहस्रनाम(एक हजार नाम) आज 454 से 465 नाम
454 ज्ञानमुत्तमम् जो प्रकृष्ट, अजन्य, और सबसे बड़ा साधक ज्ञान है
455 सुव्रतः जिन्होंने अशुभ व्रत लिया है
456 सुमुखः जिनका मुख सुन्दर है
457 सूक्ष्मः शब्दादि स्थूल कारणों से रहित हैं
458 सुघोषः मेघ के समान गंभीर घोष वाले हैं
459 सुखदः सदाचारियों को सुख देने वाले हैं
460 सुहृत् बिना प्रत्युपकार की इच्छा के ही उपकार करने वाले हैं
461 मनोहरः मन का हरण करने वाले हैं
462 जितक्रोधः क्रोध को जीतने वाले
463 वीरबाहुः अति विक्रमशालिनी बाहु के स्वामी
464 विदारणः अधार्मिकों को विदीर्ण करने वाले हैं
465 स्वापनः जीवों को माया से आत्मज्ञानरूप जाग्रति से रहित करने वाले हैं

🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' शुक्र जिसका संस्कृत भाषा में एक अर्थ है शुद्ध, स्वच्छ, भृगु ऋषि के पुत्र एवं असुर गुरु शुक्राचार्य का प्रतीक शुक्र ग्रह है- भारतीय ज्योतिष म

शुक्र जिसका संस्कृत भाषा में एक अर्थ है शुद्ध, स्वच्छ, भृगु ऋषि के पुत्र एवं असुर गुरु शुक्राचार्य का प्रतीक शुक्र ग्रह है- भारतीय ज्योतिष म #समाज

7 Love

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स्वतन्त्र यादव

"मेरी पीड़ा मुझसे न पूछो,मैं खुद के घर में दंडित हूँ।
मुझे बचाने कोई ना आया, मैं 'कश्मीरी पण्डित' हूँ॥ हमारा प्रयास यह होना चाहिए कि कश्मीरी नरसंहार को भारत सरकार आधिकारिक रूप से ‘नरसंहार/जेनोसाइड’ कहे, भारत सरकार कश्मीरी हिन्दुओं से आधिकारिक

हमारा प्रयास यह होना चाहिए कि कश्मीरी नरसंहार को भारत सरकार आधिकारिक रूप से ‘नरसंहार/जेनोसाइड’ कहे, भारत सरकार कश्मीरी हिन्दुओं से आधिकारिक

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आयुष पंचोली

ईश्वर क्या हैं? #NojotoQuote ईश्वर क्या हैं.....??

बहुत बार , बहुत से लोगो के मन मे यह प्रश्न उठता ही होगा। और जाहिर सी बात हैं, आज कल लोग विश्वास उसी पर करते हैं, जो द

ईश्वर क्या हैं.....?? बहुत बार , बहुत से लोगो के मन मे यह प्रश्न उठता ही होगा। और जाहिर सी बात हैं, आज कल लोग विश्वास उसी पर करते हैं, जो द #kuchaisehi #ayushpancholi #hindimerijaan #ayuspiritual

4 Love

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Divyanshu Pathak

मौसर और औसर
किसी के देहावसान के बाद बारहवां या तेरहवीं (मृत्यु-भोज) मौसर कहलाता है और मृतात्मा की शान्ति के लिए गरुण पुराण का पाठ करवाया जाता है।

औसर- जीवित व्यक्ति के द्वारा स्वयं का मृत्यु-भोज करना और ईश्वर से कामना करना कि मरणोपरांत उसे शान्ति और मुक्ति मिले। राजस्थान का लोक जीवन अपनी विशेष रीति-रिवाजों के कारण दुनियाभर में कौतूहल का विषय बना ही रहता है।जब भी कोई बाहर का सैलानी यहाँ आता है तो देख

राजस्थान का लोक जीवन अपनी विशेष रीति-रिवाजों के कारण दुनियाभर में कौतूहल का विषय बना ही रहता है।जब भी कोई बाहर का सैलानी यहाँ आता है तो देख #yqdidi #yqhindi #पाठकपुराण #राजस्थान_के_इतिहास_की_झलकियाँ_1

0 Love

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Sudha Tripathi

तुम बिन भाग-5
 (कृपया कैप्शन में पढे़)

©Sudha Tripathi भाग-5

सारी रात कुर्सी पर गुजर गई और  राज की आंखें लग गई ।
             सुबह सुबह दूध वाले की आवाज सुनकर राज दूसरे कमरे में जाकर देखता है उस

भाग-5 सारी रात कुर्सी पर गुजर गई और राज की आंखें लग गई । सुबह सुबह दूध वाले की आवाज सुनकर राज दूसरे कमरे में जाकर देखता है उस #ज़िन्दगी

62 Love

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Maitreya

हिन्दू नववर्ष" चैत्र शुक्ल प्रतिपदा विक्रमी संवत् 2078 (तदनुसार 13 अप्रैल 2021) की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ ।
हिंदू भारतीय इतिहास में इस दिन का बहुत बड़ा ऐतिहासिक महत्व है। आज से  1,96,08,53,122 वर्ष पूर्व इस ब्रह्माण्ड का रचना प्रारंभ हुआ था सूर्य उदय के साथ। सत्ययुग का प्रारंभ भी इसी दिन को हुआ था।
सम्राट विक्रमादित्य ने इसी दिन अपना साम्राज्य स्थापित किया, उन्हीं के नाम पर विक्रमी संवत् का नामकरण हुआ है। शालिवाहन ने हूणों को परास्त कर दक्षिण भारत में शल्य संवत की स्थापना किया। 
बसंत ऋतु का आरंभ लगभग इसी समय होता है, जो उल्लास, उमंग, खुशी तथा चारों तरफ पुष्पों की सुगंधि से परिपूर्ण होती है फसल पकने का प्रारंभ यानि किसान की मेहनत का फल मिलने का भी यही समय होता है !पुराणों में कुल 60 संवत्सरों का जिक्र है. इसके मुताबिक़ नवसंवत्सर यानी नवसंवत्सर 2078 का नाम आनंद होना चाहिए था. लेकिन ग्रहों के कुछ ऐसे योग बन रहे हैं जिसकी वजह से इस हिन्दू नववर्ष का नाम 'राक्षस' होगा.
राक्षस नाम के इस संवत्सर में मंगल के राजा होने से वर्षा में कमी होगी। फसल कम होगी। अनाज, घी और तेल की कीमतों में जबरदस्त उछाल आएगा। मंगल के मंत्री होने से दूध की कमी होगी। नकली दूध का उत्पादन बढ़ेगा। आम जनता में दुख और आक्रोश बढ़ेगा लेकिन मुट्ठी भर लोग सुखी होंगे। आम जनता के कष्ट में वृद्धि के संकेत हैं। शुक्र के धन्याधिपति होने से बड़ों का भय नष्ट होता है। गुरु के धान्येश होने से अन्न की अच्छी उपज होगी। अकाल से अनाज और औषधि नष्ट होने से क़ीमतें बढ़ेंगी।
गुरु के द्वारा धन की कमी भी नहीं होने दी जाएगी। कुल मिलाकर पूरी दुनिया की आर्थिक स्थिति में सुधार होने के आसार है। इस साल देश में कई तकरीबन सैंकड़ों की संख्या में आंदोलन होंगे। जो संवत्सर 2078 के अंत तक सिमटते हुए दिखेंगे। वहीं कई लोगों के असली चेहरे भी इस दौरान सामने उजागर हो जाएंगे। दुर्घटना, आतंक, चोरी और दंगे बढ़ेंगे, सीमा क्षेत्रों में युद्ध के लक्षण दिखेंगे, जो अगले वर्ष तक निर्णय होगा।
बीमारियों से निजाद नवंबर तक होने की उम्मीद है और शिक्षण संस्थानों को नई प्रारूप भी मिलेगा। नए नेतृत्व का मार्ग भी खुलेगा जो नए प्रारूप में दर्शन मार्ग को खोलेगा। #मैत्रेय #नववर्ष #रुद्रभयानंद #चैत्र #soulsearchers #soulwisdom

©Maitreya हिन्दू नववर्ष" चैत्र शुक्ल प्रतिपदा विक्रमी संवत् 2078 (तदनुसार 13 अप्रैल 2021) की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ ।
हिंदू भारतीय इतिहास में इस

हिन्दू नववर्ष" चैत्र शुक्ल प्रतिपदा विक्रमी संवत् 2078 (तदनुसार 13 अप्रैल 2021) की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ । हिंदू भारतीय इतिहास में इस #समाज #मैत्रेय #navratri2021 #रुद्रभयानंद #soulsearchers #soulwisdom

12 Love

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vasundhara pandey

कहानी
मैं वैलेन्टाइन नीं मनाती
भाग ३ Part-3
कहानी- मैं वेलेंटाइन नहीं मनाती

राहुल बाबा पर कोई पोस्ट हो और वो रुक जाये ऐसा हो ही नहीं सकता था आखिर आलू से सोना बनाने की खोज करते

Part-3 कहानी- मैं वेलेंटाइन नहीं मनाती राहुल बाबा पर कोई पोस्ट हो और वो रुक जाये ऐसा हो ही नहीं सकता था आखिर आलू से सोना बनाने की खोज करते #yqbaba #yqdidi #yqhindi #yqquotes #yqdidiquotes #yqstories #yqspecial #yqstoryteller

0 Love

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हमारा यादगार तोहफ़ा (लघु कथा)
कृप्या अनुशीर्षक में पढ़ें  कोरा काग़ज़ कवि सम्मेलन4
कहानी लेखन
पाँचवी लघु कथा
**************
ये हमारे साथ हकीक़त में घटित हुआ था
इसमें कुछ भी काल्पनिक नहीं है,
आशा करत

कोरा काग़ज़ कवि सम्मेलन4 कहानी लेखन पाँचवी लघु कथा ************** ये हमारे साथ हकीक़त में घटित हुआ था इसमें कुछ भी काल्पनिक नहीं है, आशा करत #hindipoetry #trendingquotes #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #tarunasharma0004 #विशेषप्रतियोगिता #KKकविसम्मेलन #KKकविसम्मेलन4

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N S Yadav GoldMine

{Bolo Ji Radhey Radhey}
अयोध्या की राजकुमारी जो बनी थी कोरिया की महारानी वैसे तो पूरी दुनिया में अयोध्या को भगवान राम के कारण पहचाना जाता है लेकिन कोरिया के लोगों का अयोध्या से जुड़ाव का एक अन्य कारण और भी है। कोरिया के पौराणिक दस्तावेजों के अनुसार अयोध्या की एक राजकुमारी, कोरिया की महारानी बनी थी। 

कोरिया के पौराणिक इतिहास में यह बात दर्ज है कि करीब दो हजार साल पहले अयोध्या की राजकुमारी सुरीरत्ना नी हु ह्वांग ओक, अयुता यानि अयोध्या से दक्षिण कोरिया के ग्योंगसांग प्रांत में स्थित किमहये शहर आ गई थी। 

मंदारिन भाषा में लिखे कोरिया के पौराणिक दस्तावेज ‘साम गुक युसा’ में उल्लिखित कथा के अनुसार अयोध्या की राजकुमारी के पिता के स्वप्न में स्वयं ईश्वर प्रकट हुए और उन्होंने राजकुमारी के पिता से कहा कि वह अपने बेटे और राजकुमारी को विवाह के लिए किमहये शहर भेजें, जहां सुरीरत्ना का विवाह राजा सुरो के साथ संपन्न होगा। 

16 वर्ष की उम्र में राजकुमारी सुरीरत्ना का विवाह किमहये राजवंश के राजकुमार सुरो के साथ संपन्न हुआ। किमहये राजवंश के नाम पर ही वर्तमान कोरिया का नामकरण हुआ है। 

कोरिया के लोगों का मानना है कि सुरीरत्ना और राजा सुरो के वंशजों ने ही 7वीं शताब्दी में कोरिया के विभिन्न राजघरानों की स्थापना की थी। इनके वंशजों को कारक वंश का नाम दिया गया है जो कि कोरिया समेत विश्व के अलग-अलग देशों में उच्च पदों पर आसीन हैं। कोरिया के एक पूर्व राष्ट्रपति भी इसी वंश से संबंध रखते थे। 

यूं तो कोरिया के इतिहास में अनेक महारानियों का नाम दर्ज हैं, लेकिन सभी में से सुरीरत्ना को ही सबसे अधिक आदरणीय और पवित्र माना गया, जिसका कारण ये था कि उनकी जड़ें भगवान राम की नगरी अयोध्या से जुड़ी हुई थीं। 

कोरिया के पौराणिक दस्तावेज ‘साम कुक युसा’ में राजा सुरो और सुरीरत्ना के विवाह की कहानी भी दर्ज है, जिसके अनुसार प्राचीन कोरिया में कारक वंश को स्थापित करने वाले राजा सुरो की पत्नी रनी हौ (यानि सुरीरत्ना) मूल रूप से आयुत (अयोध्या) की राजकुमारी थी। सुरो से विवाह करने के लिए उनके पिता ने उन्हें समुद्र के रास्ते से दक्षिण कोरिया स्थित कारक राज्य भेजा था। 

आज की तारीख में कोरिया में कारक गोत्र के तकरीबन 60 लाख लोग स्वयं को राजा सुरो और अयोध्या की राजकुमारी का वंशज बताते हैं। सुरो और सुरीरत्ना की दास्तां पर यकीन करने वाले लोगों की आबादी दक्षिण कोरिया की कुल आबादी का दसवां भाग है। 

कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति किम देई जुंग और पूर्व प्रधानमंत्री हियो जियोंग और जोंग पिल किम कारक वंश से ही संबंध रखते थे। कारक वंश के लोगों ने उस पत्थर को भी सहेज कर रखा है जिसके विषय में यह कहा जाता है कि अयोध्या की राजकुमारी सुरीरत्ना अपनी समुद्र यात्रा के दौरान नाव का संतुलन बनाए रखने के लिए उसे रखकर लाई थी। किमहये शहर में राजकुमारी हौ की प्रतिमा भी है। 

कोरिया में रहने वाले कारक वंश के लोगों का एक समूह हर साल फरवरी-मार्च के दौरान राजकुमारी सुरीरत्ना की मातृभूमि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने अयोध्या आता है। 

हालांकि भारतीय प्राचीन दस्तावेजों में कहीं भी यह जिक्र नहीं मिलता कि सुरीरत्ना का विवाह कोरिया के राजा के साथ हुआ था हालांकि उत्तर प्रदेश के पर्यटन विभाग के एक ब्रोशर में कोरिया की रानी का जिक्र है। भारतीय दस्तावेजों में भी इस बात का भी कोई प्रमाण नहीं हैं कि राजकुमारी सुरीरत्ना का संबंध भगवान राम के वंश से था। संबंधित कथाओं के अनुसार सुरीरत्ना या हौ का निधन 57 वर्ष की उम्र में हुआ था . Rao Sahab N S Yadav.

©N S Yadav GoldMine
  #navratri {Bolo Ji Radhey Radhey}
अयोध्या की राजकुमारी जो बनी थी कोरिया की महारानी वैसे तो पूरी दुनिया में अयोध्या को भगवान राम के कारण पहचा

#navratri {Bolo Ji Radhey Radhey} अयोध्या की राजकुमारी जो बनी थी कोरिया की महारानी वैसे तो पूरी दुनिया में अयोध्या को भगवान राम के कारण पहचा #पौराणिककथा

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AB

..... प्रिय शिवशक्ति साक्षी 🌻🥀,

    जानती हूँ तुम्हें इस दिन का बोहत दिन से इंतज़ार था और हो भी क्यूँ ना, तुम्हार विशेष दिन जो है आज,. दिसम्बर का

प्रिय शिवशक्ति साक्षी 🌻🥀, जानती हूँ तुम्हें इस दिन का बोहत दिन से इंतज़ार था और हो भी क्यूँ ना, तुम्हार विशेष दिन जो है आज,. दिसम्बर का

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