Find the Latest Status about भेटेरिनरी लोक सेवा आयोग from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, भेटेरिनरी लोक सेवा आयोग.
Ek villain
भारतीय संविधान सभा में अखिल भारतीय सेवाओं के बारे में चर्चा के दौरान सरदार पटेल ने कहा था कि प्रशासन की प्रणाली का कोई विकल्प नहीं है इसके अलावा भी उन्होंने प्रशासनिक सेवा को लेकर कई बातें कहीं भी वर्तमान में भारतीय प्रशासनिक सेवा आईएस पुलिस सेवा आईपीएस और सेवा आईपीएस समेत तीन अखिल भारतीय सेवा अखिल भारतीय कथा तरह से सेवा जिसमें भारतीय संघ लोक सेवा आयोग द्वारा की जाती है लोक सेवा जैसी व्यवस्था में आयोजन से लेकर 11 तक के सारे पक्ष निहित होते हैं यह अधिकारी पूर्णता ऐसी सेवा है जिसमें भारत नहीं बल्कि पूरे भारत की ताकत होती है हालांकि बिना राजनीतिक इच्छाशक्ति की जोर आजमाइश नहीं हो सकती ब्रिटिश काल में प्रशासनिक सेवा के भाव से युक्त एक संगठन में हुआ था जबकि आई एफ एस 1966 परीक्षा के समय काल और परिस्थिति के अनुसार नौकरशाह से भारी सेवाएं मजबूत करने में सिविल सर्विस रूप में कार्य कलाप कर चुकी है ब्रिटिश काल की है कि स्थाई सेवा अप्लास्टिक को ग्रहण करना जनता के प्रति लालची हो गई है सरकार पुराने भारत के व्रत का से बाहर आकर ने भारत की क्रांति लाना चाहती है जो बिना लोक सेवकों के मानस पटल को बदलने में पूरी तरह संभव नहीं है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा के नेतृत्व का पाठ पढ़ाने को लेकर कुछ प्रयास करते दिख रहे हैं ©Ek villain #नया भारत और नई लोक सेवा #selflove
vishnu prabhakar singh
'पहले वाली बात नहीं' विकल्प की विशेषता है समाधान की सघनता है अधुनिकता का आदर्श है नैतिकता की नीति है शिक्षा की सुविधा है,न कि इतिहास का गौरव मात्र ! विप्रणु #नीति आयोग
DILEEP RAJ AHIRWAR
Red sands and spectacular sandstone rock formations संघ लोक सेवा आयोग से भी कठिन है किसी के सब्र का इम्तिहान लेना It is harder to test someone's patience than the Union Public Service Commission. ©DILEEP RAJ AHIRWAR #upsc #Sabr #Nojoto संघ लोक सेवा आयोग से भी कठिन है किसी के सब्र का इम्तिहान लेना It is harder to test someone's patience than the Union
chandan
संघ लोक सेवा आयोग में हिन्दी माध्यम के छात्र पिछड़ क्यूँ रहे हैं ? विचार कीजिये हिंदी अपने ही देश में क्यूँ पिछड़ रहे हैं? , ©chandan आप कहते हैं हिन्दी बहुत सरल है पर संघ लोक सेवा आयोग में हिन्दी माध्यम के छात्र पिछड़ क्यूँ रहे हैं ? विचार कीजिये हिंदी अपने ही देश में
Anant Vijay Saxena
इलेक्शन में 60% से भी कम वोटिगं होने के बाद निर्वाचन आयोग को सलाह देना चाहता हूँ कि ... अगर अखबार और टी वी में इतना प्रचार करने के बाद भी मतदान प्रतिशत नहीं बढ़ रहा है तो... क्यों न एक बार पोलिंग बूथ पर भंडारा लगाकर देख लिया जाए..👈 एक्सपर्ट की राय के अनुसार भंडारों का खर्चा विज्ञापन के खर्चो से भी आधा ही रहेगा.. 🙊 *उँगली दिखाओ खाना खाओ*☝ शाकाहरियों के लिये पूरी, सब्जी, हलवा और खीर। मांसाहारियों के लिये चिकन बिरयानी, रायता और आइसक्रीम। इसका सारा खर्च चुनाव आयोग उठाये। वोट देने के बाद अपनी ऊंगली पर लगी स्याही दिखाकर जितना चाहे खा ले। यह प्रयोग वांछित है क्योंकि इतनी गहरी धूप में वोटिंग करने के बाद महिलाओं को भी खाना नहीं बनाना पड़ेगा तो परिवार भी खुश , महिलाएं भी खुश वोटिंग भी अधिकता में हो जाएगी नोट - *दो चार पैग की भी व्यवस्था अगर हो जाये तो फिर मेरे विचार मे 90% से भी अधिक मतदान हो सकता है*..😉😜 #निर्वाचन आयोग को सलाह 😂
Ek villain
निर्वाचन आयोग अपराधिक छवि वालों को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए सख्ती बरतने जा रहा है अगर राजनीतिक दल अपराधिक छवि वाले को उम्मीदवार बनाना चाहते हैं तो उनका चयन क्यों किया गया है इसका ठोस कारण बताना होगा यह तो तृतीय विभिन्न माध्यमों से सार्वजनिक भी करना होगा नियम तो कठोर है पर उसका कितना पालन होगा देखना बाकी है अगर ऐसा हो पाता है तो निश्चय ही चुनाव प्रक्रिया में बड़ा सुधार आने की अपेक्षा की जा सकती है अगर एक स्वैच्छिक राजनीतिक एक मजबूत लोकतंत्र का आधार आधार है और भारत जैसे देश में उसकी लोकतांत्रिक प्रक्रिया पूरे विश्व में एक अलग पहचान रखती है उसके लिए तो यह भी आवश्यक है वह जाता है कि चुनाव प्रक्रिया में प्रदर्शित हो और इसे भाग लेने वाले उम्मीदवार साफ-सुथरी छवि रखते हो राजनीतिक दल जीत हार की गणित से ऊपर उठकर भी सोचे कि यह देश भी उनका है यह रहने वाले लोग भी उनके हैं किसी तरह की सरकार देश को देना चाहती है उम्मीदवार जिन लोगों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज है उनके चुनाव मैदान में आने से कहीं ना कहीं चुनाव की प्रदर्शनी पर खतरा बना पर लगता है वर्तमान में जिस तरह की स्थितियां हमारे सामने देश की शांति भंग करते हमारे पड़ोसी देश देश के अंदर है कर देश विरोधी काम करने वाली ताकत है इन सब का सामना करने के लिए आवश्यक हो जाते हैं साफ है कि साफ-सुथरी छवि वाले उम्मीदवार चुनकर विधानसभा या लोकसभा में पहुंचे इस कार्य को आम जली जनता का काम देश की न्यायपालिका निर्वाचन आयोग मिलकर कर सकते हैं आम मतदाता के पास चुनाव में खड़े उम्मीदवारों की पूरी प्रोफाइल होगी तो वह सही निर्णय कर सकेंगे ©Ek villain # आयोग का प्रशासनिक कदम #worldhindiday