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Rajnish Shrivastava
अंधेर नगरी मे राजा तो दिन मे भी सोया रहता है प्रजा के दर्द का एहसास कभी उसको न होता है सत्ता पर राज अंधो और बहरो का ही होता है प्रबुद्ध वर्ग भी इस खेल मे गूंगा बन के रहता है देश जाए रसातल मे राजा मस्त रहता है चौपट राजा के राज मे सब यूँ ही चलता रहता है #अंधेरनगरी #yqdidi #challenge --- लोकोक्ति - Proverb, कहावत टका सेर भाजी - जिस मूल्य पर सब्ज़ी टका सेर खाजा - उसी मूल्य पर मेवे #YourQ
Abhidev - Arvind Semwal
वो मुझसे दूर होकर कितना खुश है, ये सवाल खुद में ही ना-खुश है ! #अभीदेव ©Abhidev - Arvind Semwal वो मुझसे दूर होकर कितना खुश है, ये सवाल खुद में ही ना-खुश है ! #अभीदेव #WallTexture pramodkesari Aniket Bhargava मुकेस पाेल मेवेश रबारी आ
Abhidev - Arvind Semwal
बेसबर अब मंजिलों का होना बनता है, कितनी बार आखिर मैं ही फजीहत करूँ! हर पल लगता है कि गुजरने वाला हूँ, और सोचता हूँ कि,क्या वसीहत करूँ !! ©Abhidev - Arvind Semwal बेसबर अब मंजिलों का होना बनता है, कितनी बार आखिर मैं ही फजीहत करूँ! हर पल लगता है कि गुजरने वाला हूँ, और सोचता हूँ कि,क्या वसीहत करूँ !! #
Abhidev - Arvind Semwal
बंद दरवाजों के पीछे कमर लगाए, किसी की आहटों पर गौर करक़े ! एक ऐसे किसी सक्श की तलाश में, जिंदगी सफर की हदों तक आ गयी ! ©Abhidev - Arvind Semwal बंद दरवाजों के पीछे कमर लगाए, किसी की आहटों पर गौर करक़े ! एक ऐसे किसी सक्श की तलाश में, जिंदगी सफर की हदों तक आ गयी ! #LostInCrowd मेवेश
vipin bansal
indian #india #vipinbansalg original credit - Javed jaffrey नफरतों का असर देखो, जानवरों का बटवारा हो गया, गाय हिंदू और बकरा मुसलमान हो गया
मुंशी पवन कुमार साव "शत्यागाशि"
ग़लतफ़हमी ÷÷÷÷÷÷÷÷ हद हो गई हैवानियत की, भूल गए! तुम इंसां हो। क्यों नाच रहे हो उँगलियों पर, मुर्दा नहीं! तुम ज़िंदा हो। ÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷ 👇 (Full in Caption) #dilli #newdelhi #गलतफहमी #shatyagashi ग़लतफ़हमी ÷÷÷÷÷÷÷÷÷ हद हो गई हैवानियत की, भूल गए! तुम इंसां हो। क्यों नाच रहे हो उँगलियो
Vikas Sharma Shivaaya'
माता लक्ष्मी का बीज मंत्र-ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मी नम:।। “मैया री मोहिं माखन भावै -मधु मेवा पकवान मिठा मोंहि नाहिं रुचि आवे। ब्रज जुवती इक पाछें ठाड़ी सुनति स्याम की बातें -मन-मन कहति कबहुं अपने घर देखौ माखन खातें। बैठें जाय मथनियां के ढिंग मैं तब रहौं छिपानी-सूरदास प्रभु अन्तरजामी ग्वालि मनहिं की जानी।। “ यहां कृष्ण माता यशोदा से कह रही हैं कि मुझे माखन बहुत अच्छा लगता है, मुझे शहद, मेवे ,पकवान और मीठा पसंद नहीं है। ब्रज की एक युवती पीछे से सुन रही है और मन में कह रही है कि कभी उसके घर में उसने माखन खाया है, मैं मथनी के पीछे छुप गई, तब कृष्ण वहां आते हैं और माखन खाने लगते हैं। सूरदास कहते हैं कि प्रभु एक पारलौकिक व्यक्ति हैं और वह उस युवती के मन को जानते हैं। 🙏 बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' माता लक्ष्मी का बीज मंत्र-ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मी नम:।। “मैया री मोहिं माखन भावै -मध
Ankit Srivastava
तुम साड़ी लाल पहनकर आना साथ में हवन की लकड़ियाँ और सामग्री लेते आना मैं फ़ल, फ़ूल और पंच मेवे ले आऊँगा (पूरी नज़्म अनुशीर्ष में पढ़ें।) तुम साड़ी लाल पहनकर आना साथ में हवन की लकड़ियाँ और सामग्री लेते आना मैं फ़ल, फ़ूल और पंच मेवे ले आऊँगा पसंद है तुम्हें जो रंग वो शेरवानी पहन आऊँ
Abhidev - Arvind Semwal
Abhidev - Arvind Semwal
मिठास मोहब्बत की लफ्ज बहके बहके अधूरे बयाँ हो रहे हैं, एक ख्याल में जल रहे, धुँवा हो रहे हैं !! एक उम्र गुजरी आँखों में आँसू नहीं देखा, बस अँधेरा जानता है, गम कहाँ रो रहे हैं !! ©Abhidev - Arvind Semwal हताश आँखे एक वक़्त से, खूबसूरत जलसे की आश में ! समंदर डूब आया है माजी, पुराने दरिया की तलाश में !! दरख्तों पर खरोंचे गये वो नाम, ल