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अंजान
कभी हिज्र तो कभी तन्हाई मे मार डाला! मिले जख्म बेखुदी रुस्वाई ने मार डाला!! @अंजान #हिज्र
Virat Tomar Adv
आँखों से ओझल हो गया, टूटा हुआ कोई तारा था गलतफहमी थी हमे कि वो सिर्फ हमारा था...!!! #हिज्र
Agastya Namdev,,darpan
हिज्र के दिन दुनिया में देखे तो यकीं हो गया ग़म सिर्फ़ मुहोब्बत में नहीं होता darpan हिज्र
Saurabh sharma
तुम बिन बहुत दुश्वारियाँ हैं वक़्त ठहरे तो लौट आना तुम। हर घड़ी बस कट रही है ,बरसात से पहले लौट आना तुम। उन गलियों में मेरा सफर आज भी चलता रहता है, बस एक बार फिर उस खिड़की पर लौट आना तुम। जहां आख़री बातों का सिलसिला दफन कर दिया हमने, वहीं घर है अब मेरा, रकीब की गलियों से लौट आना तुम। #अहसास #हिज्र
Suman Zaniyan
हमनें जिस्म–ए–लिबास बदलना भी जायज़ न समझा वस्ल की रात के बाद लोगों... उसने जिस्म, घर, गांव, शहर, और औरत होने के मायने सब बदल दिए..! ©Suman Zaniyan #हिज्र
चाँदनी
काफिला भी ऐसा जो हिज्र भर ना सका जितना मिला मुझ मे मै मुझ से घटती गई ©चाँदनी #हिज्र
Pinki
हिज्र (वियोग ) हिज्र में मैं ये कैसी कहानी बुन रही हूँ , आँखों के अश्कों को ' बारिस सुहानी लिख रही हूँ , दिल की प्यास दिदार उसका, मैं "पागल पिंकी" दिल की प्यास ' उसकी तस्वीर देख बुझा रही हूँ , हिज्र में मैं .......... बुन रही हूँ , हिज्रे गीत सुनाऊ किसे, इन सुनी गलियाँ में मैं ये गीत गुनगुना रही हूँ , दिन में सूरज ' रात में उसे चाँद बता रही हूँ , पागल सी हो गई हूँ उसकी सुलगती यादों में, ये दिल मेरा , मेरा नहीं रहा, फिर भी मैं खुद को दिलवाली बता रही हूँ , हिज्र में........ बुन रही हूँ , सरुर-ए - इश्क आदत है मेरी , मैं प्याला लिये साकी ढुढ रही हूँ, मिली ही नहीं शराब मैहखाने में, फिर से मैं उसी हिज्रे आग में जल रही हूँ , थामी है मैंने कागज़ कलम , उसी पे लिखी कहानी में मैं फ़ानी हो रही हूँ , हिज्र में ........ बुन रही हूँ...... ©Pinki हिज्र
Nikshay Dhiman
इन बेचैनी से भरे हुए लम्हों में,, खुशियों की शहादत सी हो गई,, ..... मेरे अश्क भी निकल गए सफर पर अब,, इस दिल को हिज्र की आदत सी हो गई ! ©Nikshay Dhiman ❤️🥀 हिज्र - जुदाई #शायरी #कविता #प्यार #alone #Broken #LookingDeep
Ankit Shukla
हम उनसे न मिल पाए ,इसमे उनकी खता कहा थी वो हमसे मिल न पायी ,इसमे मेरी खता कहा थी मोहब्त दोनो तरफ थी , ये ज़मान बीच मे आया इसमे उनकी खता कहा, और मेरी खता कहा थी ----अंकित शुक्ला✍️✍️😊 #हिज्र
Aman nirala
हमें हिज्र भी मंजूर है अगर उन्हें खुशी मिले। मेरे हर अश्क के कतरे में उन्हें हंसी मिले। #हिज्र