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Kumsa saran

#lovebeat रालोपा

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Srikant Sharma

#घर पर राहोना। #बात #श्रीकांत

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जीतेंगे हम सब साथ प्रिय,
हाथों में दो"ना"हाथ प्रिय,
थोड़ा रखो विश्वास प्रिय,
ना करो बाहर प्रवास प्रिय,
परिजन के तुम हो खास प्रिय,
ना करो खुदी का ह्रास प्रिय...।

                       



                       #श्रीकांत शर्मा #घर पर राहोना।

Er Salik S Boda

पेशे खिदमत है... #lovebeat

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ऋतु गुलाटी ऋतंभरा

एक गजल पेशे खितम #शायरी

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Raz Nawadwi

पेशे ख़िदमत हैं दो अशआर

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जवानी के दिन भी निकल जाएँगे
ये गोले हैं साबुन, के गल जाएँगे //१

ज़रा खौल दिल के पतीले में तू
हम आलू हैं, जल्दी उबल जाएँगे //२

~राज़ नवादवी पेशे ख़िदमत हैं दो अशआर

Amit Tiwary (Muntashir Soul)

पेशे से hu शायर मैं। #Shayari

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Dhruv Bali aka Darvesh Danish

पेशे नजर है एक नयी गजल #Poetry

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चमन ने  तुझे याद किया फिज़ाओं से मिलने के बाद 
चेहरा है तेरा गुंचों मे ,बागों के खिलने के बाद 

दूब तक महक उठी है जमीन पर तेरे चलने के बाद
ढूँढने निकले है तुझे पत्ते मौसम के बदलने  के बाद 

मै भी मजबूर हू जब से है तुमसे बात हुई 
दिल  संभलता ही नहीँ  वक़्त  गुज़रने के साथ 

कितना कुछ सोचा था मैने तुमसे आज कह दूँगा 
जबां खुली ही नहीँ  आंख ये मिलने के बाद 

आज आसाइशें  तुमहारी मुझसे जुदा हैं  लेकिन 
याद आयेगी मेरी उम्र  ये ढलने के बाद 

आज तुम एक लहर हो और मै किनारा हूँ 
और क्या चाहिए  तूफान के गुजरने के बाद पेशे नजर है  एक नयी गजल

Lalit Rang

❤️दोस्तों पेशे ख़िदमत एक ग़ज़ल❤️ #clouds

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कल लोगों को ढूँढता था आज लोग ढूँढते हैं
सब खेल है समय का यही यार सोचते हैं

पहचान कर भी जो मुझे पहचानता नहीं था
बात आके अब वही रिश्ते की करते हैं

नहीं जिन्हें कल पर भरोसा सलाम हम करते उन्हें
काम अक्सर आज का जो आज करते हैं

है वज़ह बस एक हीं इसलिए बनती नहीं
बात वह हमसे सदा दौलत की करते हैं

पैसा-पैसा करते-करते भौंकते हीं मर गया
हम अभी से हीं फ़क़त राम-राम रटते हैं 

राह चुनते हैं अलग जो और कुछ करते नया
उस शख़्स की चरचा अजी संसार करते हैं

मंज़िल को पाना तभी है बहुत देता सुकूं
'रंग' काँटे पाँव में जब लाख चुभते हैं
                                            - ललित रंग

©Lalit Mishra ❤️दोस्तों पेशे ख़िदमत एक ग़ज़ल❤️

#clouds

Pallavi chaurasia

जो पेशे से एक शायर होता हैं...... #MereKhayaal #Life

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जो पेशें से एक शायर होता हैं,
ज़माने के नजरों में वो थोड़ा पागल होता हैं;

अपनी बनाई दुनियां में ही वो खोया रहता हैं,
खुद में ही उलझा, औरो से जुदा होता है;

जीन चीज़ों पर कोई ध्यान भी न देता हो;
वो उन छोटी-छोटी चीज़ों को निहारता रहता है,

वो चांद, सितारे, फूल, कलियों, तितलियों को निहारता रहता हैं;
मन में आए जज़्बातों को पन्नो पर लिखता रहता है,

जानें क्या तकलीफ़ है जो बेवजह कभी-कभी रोया भी करता है;
वो दुनियां के नजरों में थोड़ा पागल होता है,जो पेशे से एक शायर होता हैं!!

©Pallavi chaurasia जो पेशे से एक शायर होता हैं......
#MereKhayaal

Praveen Jain "पल्लव"

#scared इधर महँगाई,उधर पेशे तबाह है #scared #कविता

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पल्लव की डायरी
करवटे जिंदगी की,किस मुकाम पर छोड़ेगी
जिंदा लाशो की तरह,आवाम कब तक डोलेगी
कुर्सियों की बे रूखी, दामन जनता का कब छोड़ेगी
जीने के मूल अधिकारों पर,सरकारे कब दौड़ेगी
इधर महँगाई,उधर पेशे तबाह है
अर्थव्यवस्था के चक्रव्यूह में 
हर अभिमन्यु चित पड़ा है
सुधबुझ भूलकर डिप्रेशन में,आम आदमी पड़ा है
हर राहों पर,लूट का तंत्र खड़ा है
सियासतों की मनमानी से
लोकतंत्र का मंत्र डूबा पड़ा है
                                           प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #scared
इधर महँगाई,उधर पेशे तबाह है
#scared
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