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Nisha Singh
"याद मुझे आता है सावन" बरसों बीते, बालपन से हुए जवां फिर बूढ़े,, याद मुझे आता है, पचपन में भी बचपन का वो सावन ,, सावन के आते ही, डल जाते थे झूले मनभावन,, दिन भर झूले, ऊंची ऊंची पेंग बढ़ाएं,, लगे होड़ इक दूजे से, अंबर को छू कर आने की,, मन भर जाता, जब झूले से तब घर को आते,, घेवर गुझिया पपड़ी, पूड़ी कचौड़ी ख़ूब मजे से खाते,, बारिश के आते ही, कागज़ की नाव बनाते,, बारिश ना होने पर, उसे नालियों में चलाते ,, कज़री गाते, मौज मनाते मामा के घर जाते,, बरसों बीते, याद मुझे आता है ,, पचपन में भी बचपन का वो सावन .....!! *निशा सिंह* ©Nisha Singh #कविता #याद आता है मुझे सावन #
Sonal Panwar
‘ सावन ‘ बारिश कि बूंदों से , भीगा हुआ सावन है आया ! कलियों के चेहरों पर , खिलता हुआ यौवन है छाया ! नदियों और तालाबों में , उमंगों से भरा जीवन है आया ! घनघोर घटाएँ ऐसी है बरसी , इठलाता हुआ सावन है आया ! धरती की प्यास बुझाकर , ऐसा निर्मल जल है आया ! मेघों ने मल्हार जो छेडी , तो झूम-झूम कर सावन है आया ! बारिश की बूंदों से , भीगा हुआ सावन है आया ! – सोनल पंवार ©Sonal Panwar बारिश - सावन #OneSeason
Jai
वादा है अब की बरसात हम भीगेंगे एक दूजे के साथ न होगी छुपने की कोई छतरी बस रिमझिम बरसात और मैं और हँसी मेरी 😊 #सावन #बारिश #nojoto
KHANDELWAL
मेरे बचपन की बारिश भी अब बड़ी हो गई जिस पानी मे छपाके लगाते,उसमे किटाणु दिखने लगे खुद से ज़्यादा फ़िकर ये की, कपड़े भीगने लगे मै डरपोक होता गया, और बदनाम ये सावन कि झड़ी हो गई हाँ,मेरे बचपन कि बारिश भी बड़ी हो गई ©KHANDELWAL #सावन कि बारिश
Mohini Mishra
🌨️🌨️🌨️🌧️🌧️🌧️🌧️🌧️🌧️🌧️🌧️ 🍀रिमझिम- रिमझिम बरसे बादल,🍀 काले -काले श्यामल- श्यामल...!! नन्हीं नन्हीं बून्द धरा पर, विहँस रही बरखा गिरा कर...!! मेघराज जी गाएं मल्हार, दिल से जोड़ें दिल का तार...!! सखी सहेली चली सुकुमार, झूला डाले अमुआ की डार...!! पंचम सुर में गाए कोयल, नाचे मनवा बाजे पायल.. !! हरियर चूड़ी सबुज रंग साड़ी, मन भावन लागे हर नारी....!! कजरी झूमर गाएं सखियाँ, मुस्काये सुन दिल की बतियाँ...!! पी की याद सताए जब जब, भर आईं उनकी अखियाँ तब ...!! #बारिश,सावन,बादल#
Aman Gupta
विचलित, मतिभ्रमित, परस्पर अकस्मात; आहट, मंद बयार जैसे स्फुटित कुमुद बहार। लोलुप छवियां, अदृश्य, अगाढ़; स्थिर, अशब्द जैसे निर्जन अभिलाष। चंचल, चपल, विकट आघाती; मेघ रहित, कुम्भ नयन जैसे सावन प्रतिकारी। #सावन #बारिश #अभिलाषा
DR. LAVKESH GANDHI
सावन की जब पहली फुहार पड़ी तब मन मयूर विह्वल हो नाच उठा तब पिछली मुलाक़ात याद आयी ज़ब वादियों में उससे मुलाक़ात हुई #सावन # #सावन की बारिश # #yqnature#yqlife #