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Pinki Khandelwal
Nhi aata smj kch, Aakhir kya khubi h mujme..., Tb kisi ne kha tha dekho khud ko.., milo akle m usse kbhi, Hr kisi m koi na koi khubi hoti, bs shi samy ki hoti jrurt... ©Pinki Khandelwal मुझे मेरी पहचान...मिली, मानो मिल गया सारा जहां, कोशिश की थी कुछ करने की, देखो आज वही बन गया मेरी मंजिल, आती नहीं चित्रकारी करना पर इच्छा थी,
रोली रस्तोगी | ~a_girl_inkings_her_emotions
............. ©रोली रस्तोगी | ~a_girl_inkings_her_emotions Date of ✍️ 25 Feb 😘🐨💕💙🧿♾️ सुनो यूँ तो मुझे चित्रकारी करना बेहद पसंद है, पर जब मैने तुम्हारे चित्र को अपने हाथों से आकार दिया है ऐसा लगा इतना
Kanchan Singla
ये खुला आसमान और महकती फिजाएं कागज और उस पर बिखरे रंग धीरे धीरे कोई कविता किसी चित्रकारी में बदल रही हो कुछ अपने साथ हो खुलती बातों का पिटारा लेकर जुगनी सी चमकती रात हो हाथ में मेरे कलम, कागज और रंगो से भरी एक ब्रश हो मैं उकेरती रहूं यादों को कागज पर कुछ धुंधली यादों को रंगों से भर फिर से ताजा कर दूं कभी कोई एक ऐसी शाम हो ।। ©Kanchan Singla #रंग #ब्रश #चित्रकारी #शाम #चित्रकारी
Puspa Ashok Bairwa
Rupam Mahto
🥀"चित्रकारी"🥀 प्रकृति का है सौंदर्य, कितना प्यारा कितना अनोखा। चारों ओर छाई छटा मनोहारी है।। सोच रहा ये पुलकित मन मेरा। ना जाने इतनी खूबसूरत यह किसकी चित्रकारी है।। इन खूबसूरत वादियों में गूंज रहे हैं भंवरे ऐसे। छेड़ रही हो वीणाअपनी मधुर तान जैसे।। बलखाती बेलों की भी अपनी शान निराली है। ना जाने इतनी खूबसूरत ये किसकी चित्रकारी है ।। ये गहरी -गहरी घाटियां और ये झरनों का शोर। अनायास ही मन को खींचता है बस अपनी ही ओर।। ऊंचेऊंचे पर्वत ये सारे सरहद की करती पहरेदारी है। ना जाने इतनी खूबसूरत ये किसकी चित्रकारी है।। ढलते सूरज का रूप देखकर। मन पे छाई एक अजीब सी खुमारी है। न जाने इतनी खूबसूरत यह किसकी चित्रकारी है।। कल- कल करती नदियाँ, और झरने, क्षितिज की भी अपनी अदाकारी है। सोच रहा पागल मन मेरा न जाने ये किसकी चित्रकारी है।। ©Rupam Mahto #चित्रकारी #MereKhayaal
Rumaisa
@उसका रंग ही उसका वजूद है घुंघराले बालों मे , खाली बदन एक बड़ी से टंगी खाली बोर्ड पर, रंग से 'नायाब को नायक' बनाता वो एक लड़का, जो घन्टों से रंगीन दुनिया की गुत्थी सुलझाए जा रहा. मैं रंगहीन पड़ी किसी द्रव के भाँति, आकार में बहने को लेटी हूँ वो रंगों के सौ किस्से कहानी बताता मिलावट को उलझाकर, नया रंग देता हल्की सी हाथों से किनारे को पोंछता मानो कवि समुन्दर को निहार रहा हो मेरे लिए बिल्कुल नया था, जैसे पंछी के लिए उसकी पहली बारिश मैं उस पंछी की भाँति स्तब्ध रही उसने कहा, तुम्हें कुछ कहना है इशारे मे कहा _"तुम आजाद हो" अब इतनी जल्दी पंछी आजाद कहा होती है,और मेरी कविता भी ©Rumaisa #चित्रकारी #Rang
Anamika
अलमारी...... ऊपर के कोने में पुरानी सी अटैची में वो हाथों की चित्रकारी, तूलिका को मेरी , मुंह चिढ़ा रहे हैं... #अलमारी# #2000year #चित्रकारी