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Krushna v Aate
vishnu prabhakar singh
गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं! 'देशी हिप हॉप' चलिये शुरू कीजिये टेंशन मत लीजिये बेकार का दस दिन हैं जयकार का हैं न उप्पर भीमकाय काहे है घबराये गणेशाय,गणेश आये... मुसरी पर बैठल हौले-हौले मुसरी घुमाये जग घुमा मात,पिता के घुमरी लगाये धीमे-धीमे मन मुस्काये ऐसा किये उपाय गणेशाय,गणेश आये... पिरका-पिरका छटक रहा है देह उघरल लटक रहा है बड़का पेट लड्डूवन का भोग लगाये विघ्न सब हर जाये सबों के बप्पा कहलाये गणेशाय,गणेश आये... देख तनी मुंहवा उनकर मत मस्त माथा डुलाए बड़का कान झांय-झांय झोले पंखवा गोलका सूंड लगे लहराये नव राह पवित्र छिड़काये गणेशाय,गणेश आये... चार भुजा और पकड़े गदवन बैठ सिंहासन घेरें भगवन मोदक पर सब भूल लार टपकाये दौड़ पुजारी मोदक खाये मोरिया लगे सपनाये गणेशाय,गणेश आये। #विप्रणु #yqdidi #yqbaba #badshah #bollywood गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं! 'देशी हिप हॉप' चलिये शुरू कीजिये टेंशन मत लीजिये बेकार का दस दिन
Mayank Sharma
ब्राह्मण हूँ मैं, शूद्र भी हूँ रावण हूँ मैं, रूद्र भी हूँ सोम्य भी हूँ, मैं उग्र भी हूँ शक्ति स्वरूपा दुर्ग भी हूँ मैं आदी हूँ, मैं अंत हूँ फकीर सा मैं संत हूँ विष पी के नीलकंठ हूँ युगों में मैं अनंत हूँ ।। शिवोहम शिवोहम शिवोहम शिवोहम ।। मैं शून्य हूँ,
Parul Sharma
विचार ऐसा क्यों............. दुष्ट लोगों में एक खासियत होती है कि वो जितने दुष्ट होते हैं उतने ही ढीट भी होते हैं । उन पर किसी की सज्जनता, सभ्यता, उदारता, दयालुता, क्षमा, सहनशीलता, आदी का कोई असर नहीं होता। वो पत्थर दिल और चिकने घड़े के समान होते हैं। न तो कुछ दिल को कुछ भी छू पाता है और ना ही दिल पर कुछ बनता हैं।पर दिमाग विचित्र और विलक्षण होता है। जो उन्हें उनके उटपटांग कार्यों को बरकरार रखने को प्रेरित करता रहता है।और उन्हें महानता का अनुभव कराता रहता है।और उन्हें अपने द्वारा किया गया हर कार्य ईश्वरीय कार्य लगने लगता और अंत में एक ऐसी स्थिति आती है कि वो खुद को भी ईश्वर से कम नहीं समझते या ये कहो कि ईश्वर ही समझने लगते है। इस दौरान उनके द्वारा किये गये गलत कार्य को रोकने,टोकने,व समझाने वाला कोई भी व्यक्ति उसे अपना दुश्मन लगने लगता है। और वह दुष्ट इंसान उस कार्य को बड़ी ढीटता से निरंतर दोहर्ता है। दुष्ट इंसान का आशय यह है कि उसे किसी ने रोका तो रोका कैसे। तब टोकने वाला या समझने वाला इस दुविधा में फंस जाता है कि उसने उसे रोक कर कहीं गलती तो नहीं सर दी। पर दुष्ट इंसान पर कोई असर नही पड़ता बल्की उसका मनोबल और बड़ जाता है। और निरंतर बड़ता जाता है वह अपने कृत्य की ओर अग्रसर रहते हुए खुद को भीमकाय व अन्य को तुच्छ समझने लगता है। पारुल शर्मा #कुछ_लोग_ऐसे_भी विचार ऐसा क्यों............. दुष्ट लोगों में एक खासियत होती है कि वो जितने दुष्ट होते हैं उतने ही ढीट भी होते हैं । उ
Mayank Sharma
।। शिवोहम।। महाशिवरात्रि की शुभकामनाएं 🙏 ।। शिवोहम ।। मैं आदी हूँ, मैं अंत हूँ फकीर सा मैं संत हूँ विष पी के नीलकंठ हूँ युगों में मैं अनंत हूँ
Mayank Sharma
।। शिवोहम शिवोहम शिवोहम शिवोहम ।। ब्राह्मण हूँ मैं, शूद्र भी हूँ रावण हूँ मैं, रूद्र भी हूँ सोम्य भी हूँ, मैं उग्र भी हूँ शक्ति स्वरूपा दुर्ग भी हूँ ।। शिवोहम शिवोहम शिवोहम शिवोहम ।। त्रिवेदी मीरा प्रिया शुक्रिया रहेगा याद रखने और करने के लिए.. आजकल ज्यादा कुछ सूझ नहीं रहा तो पुरानी रचना में कुछ नई पंक्तियां जोड़ कर कोशिश