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Bhavesh Vankar
एक बार की बात है जब एक शेर जंगल में सो रहा था उस समय एक चूहा उसके शरीर में उछल कूद करने लगा अपने मनोरंजन के लिए. इससे शेर की नींद ख़राब हो गयी और वो उठ गया साथ में गुस्सा भी हो गया। वहीँ फिर वो जैसे ही चूहे को खाने को हुआ तब चूहे ने उससे विनती करी की उसे वो आजाद कर दें और वो उसे कसम देता है की कभी यदि उसकी जरुरत पड़े तब वो जरुर से शेर की मदद के लिए आएगा. चूहे की इस साहसिकता को देखकर शेर बहुत हँसा और उसे जाने दिया। कुछ महीनों के बाद एक दिन, कुछ शिकारी जंगल में शिकार करने आये और उन्होंने अपने जाल में शेर को फंसा लिया. वहीँ उसे उन्होंने एक पेड़ से बांध भी दिया. ऐसे में परेशान शेर खुदको छुड़ाने का बहुत प्रयत्न किया लेकिन कुछ कर न सका. ऐसे में वो जोर से दहाड़ने लगा। उसकी दहाड़ बहुत दूर तक सुनाई देने लगी. वहीँ पास के रास्ते से चूहा गुजर रहा था और जब उसने शेर की दहाड़ सुनी तब उसे आभास हुआ की शेर तकलीफ में है. जैसे ही चूहा शेर के पास पहुंचा वो तुरंत अपनी पैनी दांतों से जाल को कुतरने लगा और जिससे शेर कुछ देर में आजाद भी हो गया और उसने चूहे को धन्यवाद दी. बाद में दोनों साथ मिलकर जंगल की और चले गए। सीख इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की उदार मन से किया गया कार्य हमेशा फल देता है। ©Bhavesh Vankar शेर और चूहे की कहानी
Omkar Singh
एक बार की बात है जब एक शेर जंगल में सो रहा था उस समय एक चूहा उसके शरीर में उछल कूद करने लगा अपने मनोरंजन के लिए इससे शेर की नींद खुल गई और वो गुस्सा हो गया और फिर उसने चूहे को खाने के लिए उसे पकड़ लिया इस पर चूहे ने हाथ जोड़कर विनती करने लगा जंगल के राजा मुझे छोड़ दो में आपके काम आ सकता हूं इस पर शेर ने उसे छोड़ दिया फिर एक दिन शेर जाल में फस गया तो चूहे ने जाल काटकर उसे बचाया ©Omkar Singh शेर और चूहे की कहानी
Pankaj R
| शेर और ब्राह्मन | | शेर और ब्राह्मन | एक गांव के नजदीक एक घना जंगल था| उस घने जंगल में एक शेर रहता था| शेर रोज गांव में जाकर गांव वालों की बकरियां, मुर्गी आदि को मार कर खा जाता था| शेर के ऐसा करने पर गांव वाले बहुत परेसान थे| शेर से छुटकारा पाने के लिए गांव वालों ने एक पिंजरा बनवाया और उस पिंजरे को जहाँ से शेर आताथा उस रास्ते में रख दिया| जब शेर रात को अँधेरे में गांव की तरफ जारहा था तो गलती से पिंजरे के अन्दर चला गाया| शेर के भार से पिंजरे का दरवाजा अपने आप बंद हो गाया| शेर बहुत चिल्लाया पर वहां उसकी सुन ने वाला कोई नहीं था| काफी देर बाद एक ब्राह्मन वहां से किसी दूसरे गांव में पूजा करने जा रहा था| रास्ते में शेर को देख कर डर गाया| जैसे ही वह वापस होने लगा, शेर ने बहुत मासूमियत में गिडगिडाते हुए ब्राह्मन से कहा में काफी देर से इस पिंजरे में बंद हूँ, कृपा करके मुझे बाहर निकाल दीजिए, में आप का अहसान मंद रहूँगा| शेर के गिडगिडाने पर ब्राह्मन को शेर पर दया आ गई| ब्राह्मन ने दरवाजा खोल दिया| शेर बाहर आते ही ब्राह्मन पर झपट पड़ा| शेर ने कहा में तुझे खा जाउगा | ब्राह्मन शेर के आगे गिडगिडाने लगा तो ऊपर पेड़ पर बैठा एक बन्दर जो इनकी सारी बातें सुनरहा था बोला, ब्राह्मन देव क्या बात हो गाई है| इस पर ब्राह्मन ने बन्दर को सारी बात बतादी| बन्दर ने कहा ब्राह्मन देव क्या बात करते हो भला जंगल का राजा शेर इतना ताकतवर होते हुए इस चूहे के पिंजरे में कैसे आ सकता है| शेर को अपनी बेइज्जती होती दिखी तो शेर बोला, यह ठीक बोल रहा है में काफी देर से इस पिंजरे में था अगर यकीन नहीं होता है तो में फिर से पिंजरे में जाकर दिखा देता हूँ| बन्दर ने कहा पिंजरे में घुस कर तो दिखाओ में भी देखता हूँ आप कैसे इस पिंजरे में आते हैं| जैसे ही शेर दुबारा पिंजरे मे गाया पिंजरे का दरवाजा फिर से शेर के भार से बंद हो गाया| बन्दर ने ब्राह्मन से कहा ब्राह्मन देव अपनी जान बचाइए और भाग लीजिए| ब्राह्मन ने बन्दर का धन्यवाद किया और वहां से भाग लिया| इस तरह एक बन्दर ने अपनी चतुराई से एक ब्राह्मन की जान बचा ली| ©Pankaj R शेर और ब्राह्मन की कहानी
jitendra koli
.बंदर का मज़ाक #Funny Stories in Hindi Funny stories in Hindi एक बार एक बड़े गड्ढे में एक शेर गिर गया। तभी गड्ढे के पास वाले पेड़ पर बैठा बंदर उसका मजाक बनाने लगा। बंदर- क्यों शेर तू तो बड़ा राजा बना फिरता है अब आ गयी अक्ल ठिकाने। ये बोल कर बंदर जोर जोर से हँसने लगा तभी जिस डाल पर वो बैठा था बह टूट गयी और बंदर गड्ढे में जा गिरा। और गिरते ही बोला- मां कसम….माफी मांगने के लिए कूदा हूँ। ©Dev #बंदर और शेर की कहानी #IFPWriting
Mayank Sharma
#DelhiPollution उड़ती चतुर्दिक खिल्ली मैं दिल्ली हूँ जैसे माचिस की तिल्ली मैं दिल्ली हूँ राजनीति की डंडा-गिल्ली मैं दिल्ली हूँ संवेदना की ठंडी सिल्ली मैं दिल्ली हूँ सरकार लिए निठल्ली मैं दिल्ली हूँ मालिक की दुमछल्ली मैं दिल्ली हूँ वे सत्ता मद में टल्ली मैं दिल्ली हूँ बाँधो घंटी कह बिल्ली मैं ... ✍️मनीष शर्मा✍️ उड़ती चतुर्दिक खिल्ली मैं दिल्ली हूँ जैसे माचिस की तिल्ली मैं दिल्ली हूँ #delhipollution