मदरसा का दाना चुग कर लोंडिया मजिद्द में हगती है
देखा है मैने बुर्खा चाचा का सलमा लेकर भगती है
कौन रफी था कोठे में ओलाऊबर गाता था
कौन #Poetry#selfhate#साधारणमनुष्य
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राघव_रमण (R.J)..
समाज आ ओकर मानसिकता
नहि जानि कतेक आओर नीचा खसत
बांटि देने अछि लोक के लोक सं
आ नमारि देने अछि दू टा संबंधक' डोरी
एकटा गाम मे रहितहुं गाम सं