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Mohammad Ibraheem Sultan Mirza
किसी के साथ रहती ही कहां है उम्र भर खुशियां, इसी खातिर गमों से आज तक रिश्ता नहीं तोड़ा, ___________________________ मौहम्मद इब्राहीम सुल्तान मिर्जा,, किसी के साथ रहती ही कहां है उम्र भर खुशियां, . इसी खातिर गमों से आज तक रिश्ता नहीं तोड़ा, . (M.I.S.MIRZA,)
Àman Singh Solanki
के दोस्ती हो गई है पर खुद को रोक रखा है, लकीरों में दवा और हथेली पर रोग रखा है, एहसासों में खुदको टूटने से बचा नही पाते तो जो चीजें बस में नही उन्हें छोड़ रखा है, तेरे सिर को याद करता है हल्का पड़ते ही मैने जान करके कंधे पर बोझ रखा है, और यूं तो गले लगाने का जी है मगर तू लौटी तो दफा कर दूंगा ये सोच रखा है, मैं बदल सकता हूं,उसकी चाहत,नजरिया, वगैरा वगैरा पर उसे दोस्ती ही चाहिए उसने बोल रखा है के उसे इस कदर चाहता हूं मैं भी पर उसकी खुशी के खातिर मेने भी खुद को रोक रखा है, और यूं तो वो सब कह देने का दिल मेरा भी है करता मगर उसको दिए इस वादें ने हमे रोक रखा है और आसान नहीं है ये सब मेरे लिए भी पर उसकी खातिर अपने जज्बातों पर काबू मैने भी रखा है उसकी खुशी में खुश हो जाने से खुश रह लेता हूं मैं तो तो क्या अगर इस रिश्ते का ना उसने दोस्त रखा है ©Àman Singh Solanki के लम्हे कुछ बनाने खास और भी इसी खातिर हमने अभी तक उसका दिया वादा भी समेट रखा है #alfaaz #ektarfapyaar #rekhta #no #na #Love
तुषार"आदित्य"
मेरा जो था इरादा एक भी नही कहा उसे इस बार का भी शुक्रिया नही कहा मुझे मालूम था वो लौट के आ जाएगा इसी खातिर तो मैंने अलविदा नही कहा मेरा जो था इरादा एक भी नही कहा उसे इस बार का भी शुक्रिया नही कहा मुझे मालूम था वो लौट के आ जाएगा इसी खातिर तो मैंने अलविदा नही कहा #इरादा #अ
Priya Kumari Niharika
Food is a blessing शीर्षक : रोटी जिन्हें मिलती नहीं, दो जून रोटी,पूछ उनसे तू भला सूखे हुए टुकड़े में कैसा स्वाद होता है छलकते नैन के आंसू बता देंगे मर्म साहेब कि वो टुकड़ा नहीं, जगदीश का प्रसाद होता है। किसी भूखे उदर कि तुम, तड़प क्या जान पाओगे कि वो मरता कि जीता या कभी नाशाद होता है रूदन सुन लो जरा उनके बिलखते बालकों कि तुम क्षुधा कहती हैं उनकी, अन्न आशीर्वाद होता है बड़ा मजबूर है इंसा, क्षुधा के सामने साहेब इसी खातिर गुनाह करके, कभी बर्बाद होता है कभी फैला के झोली को,झुका होता किसी दर पर मशक्कत से जनाब,अन्न का इजाद होता हैं सदा बोते फसल जो है, वही भूखे है सोते क्यू फसल बिकता कौड़ियों में, बड़ा अवसाद होता है लगाकर जान जोखिम में, कभी चूल्हा जले इनका मजूरों के निवाले पर, सदा विवाद होता है कोई तड़पे तेरी खातिर,कोई सौदा करे तेरा करेे ग़र खुदकुशी कोई, बड़ा विषाद होता है जिन्हें मिलती नहीं दो जून रोटी, पूछ उनसे तू भला सूखे हुए टुकड़े में कैसा स्वाद होता है जो तेरा मोल न समझा,तू उसका मोल न करती किसी की जिंदगी पोषित,कोई मोहताज होता है जहां है यह भला कैसा, कोई फ़ेंके कोई मांगे नसीबो से मिली तृप्ति, तेरा अनुवाद होता है जहां कि तू जरूरत है,जहां की जिंदगी तुझमें हाँ उल्फत सा भरा तुझमें सदा उन्माद होता है तेरी अनमोल कीमत को,चुकाने में लगे जीवन जिसे मिल जाए गर रोटी वही आबाद होता है जिसे मिल जाए गर रोटी वही आबाद होता है ©Priya Kumari Niharika शीर्षक: रोटी जिन्हें मिलती नहीं, दो जून रोटी,पूछ उनसे तू भला सूखे हुए टुकड़े में कैसा स्वाद होता है छलकते नैन के आंसू बता देंगे मर्म साहेब
Rishik tripathi
पता नहीं कि क्या लिखा है नसीब में मेरे। पर पता ये हैं मुझको... कि बहुत कुछ खो चुका हूं मैं, बहुत कुछ पाने की खातिर।। #खातिर
@®¥@π $iπh@
वो किसी और के कारण हमें भूल भी गए तो कोई बात नही... हमने भी तो उनके खातिर सारा जहां भुला दिया था.... #उनके खातिर
Shayar Samar S M
है तुमसे कितनी मोहब्बत ये वक़्त आने पर बता देंगे बस तूँ साथ रह कर देखना हमारे तेरे खातिर हम सारे जमाने को भुला देंगे #NojotoQuote तेरे खातिर
pritam kuamr
पूरी ज़िन्दगी कम है मुहब्बत की खातिर एक लम्हा तेरा काफ़ी है जीने की खातिर हजारों मशवरा देने से तकलीफे कम नहीं होती थोड़ा हाथ पकड़ना भी जरूरी है हौसले की खातिर हम अनजान है तो अनजान ही रहने दो थोरी गलत फैमी जरूरी है खुश रहने की खातिर छिपा के रखा है मुझे किसी राज़ की तरह मुझे शरेयाम होना है खुद को नीलाम होने की खातिर तुझसे दूरियां मेरे हर राज को बया कर देगी थोड़ा बदनाम होना है मुझे मशहूर होने की खातिर तुझसे लिपटना जीते जी सायाद मुमकिन नहीं है मुझे मर के खाक होना है तुझसे लिपटने की खातिर हर सक्स के लिए मुझे तुम जो किनारा कर देती हो मुझे दरिया होना है तुझसे मिलने की खातिर तुझे पा लू तो शायद किस्सा खतम हो जाए दूर रहूंगा तो जिंदा रहूंगा तुझे मिलने की खातिर फिर ख्याल आया बुलाने पे तुम कभी आती नही मुझे मरना है तो सिर्फ तुझे बुलाने की खातिर शायद मेरे मईयत की खबर तुझतक पहुंच ना पाए प्रीतम मार गया नाम कमाना है तो खबर पहुंचाने की खातिर प्रीतम कुमार . . ©pritam kuamr तेरी खातिर