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Gopika Somani
बेटी पर कविता बेटी जब पैदा होती है, पहाड़ सा टूट जाता है बेटा जब पैदा होता है,जश्न मनाया जाता है कौन जाने बेटा अच्छा हो या शैतान मैं तो कहती हूं बेटी होती बहुत महान रानी झांसी भी तो एक बेटी थी पूरे भारतवर्ष की चहेती थी रोशन किया अपने माता पिता और देश का नाम मैं तो कहती हूं बेटी होती बहुत महान कल्पना चावला भी तो देश के लिए मर गई दुनिया में भारतवर्ष का नाम ऊंचा कर गई बड़े बड़े वैज्ञानिकों की सूची में आज भी उनका नाम मैं तो कहती हूं बेटी होती बहुत महान बेटी के साथ तुम ना करो अत्याचार हाथ का दिया ले जाती है करते हो जब कन्यादान उसको भी दुनिया में जीने का है अधिकार मैं तो कहती हूं बेटी होती बहुत मान महान ©Gopika Somani #poem बेटी पर मेरे कुछ विचार..... बेटी पर कविता
Tanendra Singh Khirjan
मां पर कविता (जब मां नहीं होती)
pooja chaudhary
May you live long बच्चों की मुसकान मां के दिल को खुश कर देती हैं।। मां-बेटी।।
Shishpal Chauhan
मां बेटी का रिश्ता प्यारा, दो जहां से है वो न्यारा। बच्चे का चुंबन एक अलग अहसास देता है, तन मन को अंदर से खुशियों से भर देता है। बेटी का दर्द मां ही जानती है, उनके आलिंगन से ही पहचानती है। मां का हृदय विशाल होता है, जिसमे छुपा दिल का हर हाल होता है। दो-दो जिम्मेदारियां बड़े ही आराम से संभाल लेती है, थकी- हारी होती है लेकिन किसी को कुछ नहीं कहती हैं । बेटियां घर का ताज होती है, जो एक साज की तरह होती है। घर को अपनी किलकारियों से मधुर बना देती है, उनकी प्यारी और मासूम-सी सूरत दिल को बाग-बाग बना देती है। ©Shishpal Chauhan #मां बेटी
पूर्वार्थ
माँ और मायका मायके से जब भी लौटती है बिटिया ससुराल के लिए,कई दिनों तक महसूस करती है माँ की ममता को, विदा करते हुए माँ दुलारती है बेटी को बिल्कुल वैसे ही जब बेटी थी नन्हीं सी गुड़िया, इतने वर्षों तक मानो वक़्त विफल रहा हो क्षीण करने में बेटी के प्रति माँ के हृदय में समाहित प्यार को , बेटी को होता है एहसास कि अभी भी नेह शेष बचा है इस स्वार्थी दुनिया में , माँ छोटी छोटी बात पर फिक्र जताती है, 'सास-ससुर का मान रखना बिटिया को समझाती है, यकायक माँ भागकर जाती है घर के भीतर और छुपाकर लाती है पोटली जिसमें होता है उसके हाथों से बना आम का अचार, माँ आज भी भूली नहीं है बिटिया की पसंद-नापसंद , अंत में माँ निकालती है बचाया हुआ सौ पचास का मुड़ा तुड़ा सा नोट व रख देती है जबरन बेटी की हथेली पर, देकर अपनी कसमें माँ बना देती है ऋणी बिटिया को आकंठ , भींच लेती है बिटिया माँ को अपनी बाजुओं में, खारे पानी के दो महासिंधुओं में उठता है ज्वार, भावनाओं के इस उच्चतम शिखर पर पहुंचने से भीग जाते हैं दोनों के कन्धे , बेशक माँ रहती है मिट्टी के पुश्तैनी कच्चे घर में, मगर दिल सोने का रखती है माँ.. माँ ! तुम दुनिया की सबसे प्यारी इंसान हो ©पूर्वार्थ #मां #बेटी #प्रेम