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santoshray

अपनी गलती का एहसास👍👍 #na #Massageoftheday #विचार

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सचची सच्ची बातें

©santoshray official अपनी गलती का एहसास👍👍
#na #Nojoto #Massageoftheday

gaTTubaba

#TereHaathMein तुझे अपनी गलती का एहसास हो इसके लिए हमें मरना पड़ेगा क्या ? #शायरी

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DrRijwan Husain bnys

meri sayeri एक बार हुस्ने यार का दीदार हो जाये। खुदा करे उसे भी रिजवा से प्यार हो जाये। बड़ी नादानी से तोड़ दिया उसने मेरा दिल। कम से कम उसे अ

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meri sayeri
एक बार हुस्ने यार का दीदार हो जाये। खुदा करे उसे भी रिजवा से प्यार हो जाये। बड़ी नादानी से तोड़ दिया उसने मेरा दिल। कम से कम उसे अ

Tejas Jadhav

MY SWEET FRIEND सही रास्ता मालूम होने के बावजूद, खोया था इन हसीन राहो मे, सबकुछ समझ आता था इस दिल को, मगर अपनी गलती का एहसास, इतनी जल्दी नह

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MY SWEET FRIEND 
सही रास्ता मालूम होने के बावजूद,
खोया था इन हसीन राहो मे,
सबकुछ समझ आता था इस दिल को,
मगर अपनी गलती का एहसास,
इतनी जल्दी नह

Vandana Rana

यह बात भी इंसान अब किसी को कितनी दफा बताएगा! जाने दो यार अब जो होगा देखा जाएगा, अच्छे हैं अब हम या औरों के लिए बुरे ही सही, भीतर से खोखले

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यह बात भी इंसान अब किसी को
 कितनी दफा बताएगा! 
जाने दो यार अब जो होगा देखा जाएगा, 
अच्छे हैं अब हम या औरों के लिए बुरे ही सही,
भीतर से खोखले हो गए हैं हम या 
भावनाओं से भरे ही सही, 
इंसान को एक ना एक दिन,
अपनी गलती का एहसास हो ही जाएगा, 
मगर उलझन यह हैं कि इस कश्मकश में 
समय निकल जाएगा,
ख़ैर छोड़ो! 
यह बात भी इंसान किसी को कितनी दफा बताएगा! 
Vandana Rana यह बात भी इंसान अब किसी को कितनी दफा बताएगा! 
जाने दो यार अब जो होगा देखा जाएगा, 
अच्छे हैं अब हम या औरों के लिए बुरे ही सही,
भीतर से खोखले

Alok Vishwakarma "आर्ष"

"सेवक का अहंभाव" एक अनुशंशनीय कविता हे मेरे प्राणाधार मुझे क्षमा कर दें। गत 2 दिनों से मेरे भीतर एक सूक्ष्म से अहंकार ने जन्म लिया था। मै #alokstates

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न मैं पुण्य का आकांक्षी हूँ, न कीर्ति का रागी हूँ।
प्रकट हुए जो शब्द वो लिख दूँ,
परमेश्वर अनुरागी हूँ।।
ज्ञान नहीं है मुझमें कोई, न लेखन का कोई अधार।
मैं तो तुच्छ एक सेवक हूँ,
प्रभु आज्ञा ही तत्त्वागार।।
जब लग व्यक्त करन मैं चाहूँ, चरण धरूँ मैं हरि तेरे।
तुम तो द्रष्टा हो त्रिलोक के,
ज्ञान पसारो बहुतेरे।।
कविता की निःकृष्ट भेंट लो, हे प्रभुवर मैं तुम अधीन।
आश तुम्हारी केवल मुझको,
कीजो मेरा अहम् विलीन।। "सेवक का अहंभाव"
एक अनुशंशनीय कविता

हे मेरे प्राणाधार
मुझे क्षमा कर दें। 

गत 2 दिनों से मेरे भीतर एक सूक्ष्म से अहंकार ने जन्म लिया था। मै
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