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Radha Janardan
मैं तेरे इश्क़ का अज़्म-ए-सफ़र¹ कर चुका हूं , अपनी बातों से मुकरना मेरी फितरत तो नहीं है ।। जय कुमार "जनार्दन" 1.पक्का इरादा #तेराइश्क़ #अज़्म-ए-सफ़र #फितरत
Nisha Bharti Jha
राह ए उलफत तो देखो हमारे इश्क़ की, हम ताउम्र सुकूनत की तलाश में दर बदर फिरे और अज़्म ए सफ़र तो तुम्हारी तिलिस्म उलफत में था | नैनो ने बांधी कैसी डोर ये हो मुंसीफ ही मेरा चोर रे ❤ राह ए उलफत - path of love उलफत - love सुकूनत - residence अज़्म ए सफ़र - determina
राजेन्द्र प्र०पासवान
हमने जब उस चाँद को देखा चाँद के आसपास कोई न था चाँद गहरी ख़ामोशी में खो गया मैं इन्तज़ार करता ही रहा । चाँद को हजारो सितारे मिले, ख़्वाबों में मैं तड़पता ही रहा चाँद को इक चाँदनी भी मिली सितारों के संग चमकता रहा । तिज़ारत बनाके मुहब्बत को ख़यालों में सबको ठगता रहा किनारे पे दिल मेरा तड़प तड़प के क़रीब उनको बुलाता रहा । इक चाँदनी के कारण ही चाँद क्यों नाम बदलकर मिलता रहा हमें हक़ीक़त की न कोई ख्वाहिश फिर भी अंधेरा बढ़ता गया । 🌼 बज़्म ए इख़लास
waqil ahmad raza
वो अभी दुनिया भुला के लौटा है..... अपनी मासूमियत को वो छुपा के लौटा है वो अभी दुनिया भुला के लौटा है उन दिनों यारी थी उसकी कई तस्वीरों से, आज तस्वीर वो सारी जला के लौटा है रोज़ मिलना था मुहब्बत की सदी मे उसका , आज बिछङा तो दिल अपना जला के लौटा है ©waqil ahmad raza बज़्म ए सुख़न
राजेन्द्र प्र०पासवान
हमने जब चाँद को देखा चाँद के आसपास कोई न था चाँद गहरी ख़ामोशी में खो गया मैं इन्तज़ार करता ही रहा । चाँद को हजारो सितारे मिले ख़्वाबों में मैं तड़पता ही रहा चाँद को इक चाँदनी भी मिली सितारों के संग चमकता रहा । तिज़ारत बनाके मुहब्बत को ख़यालों में सबको ठगता रहा किनारे पर दिल मेरा तड़प तड़प क़रीब उनको बुलाता रहा। इक चाँदनी के ही कारण चाँद क्यों नाम बदलकर मिलता रहा हमें हक़ीक़त की न कोई ख्वाहिश फिर भी अंधेरा बढ़ता गय। 🌼 बज़्म ए इख़लास
waqil ahmad raza
Maa इबादतों का करिना दिखा के ले आऊं वहां से ख़ुल्द का ज़ीना दिखा के ले आऊं मेरे करीम तू इतना नवाज़ दे मुझको मैं अपनी माँ को मदीना दिखा के ले आऊं वकील अहमद रज़ा..... ©waqil ahmad raza बज़्म ए अहमद
Choubey_Jii
झूठ कहते हैं लोग कि इश्क का मोल नहीं होता सरे बाजार मैंने इश्क को नीलाम होते देखा है तजुर्बे से कह रहा हूँ दिल न लगाना फ़रेबी जहाँ से इस दिल्लगी में लाखों को मैंने गुमनाम होते देखा है जालसाज़ी है ये जमाना सुहाने सपने दिखाता है उन्हीं सपनो को तार तार सरेआम होते देखा है तू सपनों को साकार कर जो तेरे खुद के अपने हैं दुनिया के दिखाए ख़्वाबों में लोगों को बदनाम होते देखा है सीमा रेखा पार करना उड़ान ऊँची भरना बंदिशों में बंधकर ख़्वाबों का कत्लेआम होते देखा है जो लिखते हैं खुदकी किस्मत इतिहास बना जाते हैं मुकद्दर के भरोसे बैठे बंदों का नाम बेनाम होते देखा है #चौबेजी #चौबेजी #बज़्म #नोजोटो #nojoto #नज़्म
राजेन्द्र प्र०पासवान
वो गुजरे लम्हे, वो प्यारी-प्यारी बातें । वो खोया-खोया दिन,वो जागी-जागी रातें । मेरे दिल की सदा कोई सुन लो ना । प्यार हमसे कोई कर लो ना । 🌼 ये ठंडी हवाएँ, मैं हूँ पेड़ पुराना । छांव में पलभर, ठहर जाओ ना । इक प्यार का नग़मा गाओ ना । किसका है ये इन्तज़ार कहो ना । बज़्म ए इख़लास